रिलायंस जियो की 'डेटागिरी' के खिलाफ खड़ी हुई पुरानी टेलीकॉम कंपनियां

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Bhasha, अपडेटेड: 8 सितंबर 2016 16:25 IST
मुफ्त में कॉल की सुविधा उपलब्ध कराने की रिलायंस जियो की घोषणा के खिलाफ सेल्युलर ऑपरेटर्स एसोसिएशन आफ इंडिया (सीओएआई) ने सरकार को एक और कड़ा पत्र लिखा है जिसमें कहा है वे इस नए सेवा प्रदाता की फ्री-कॉल की बाढ़ को संभालने की स्थिति में नहीं है।

एयरटेल जैसे मोबाइल ऑपरेटरों के संगठन ने अब प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) को पत्र लिखकर कहा है कि वे ऐसे इंटरकनेक्ट आग्रहों को पूरा करने के लिए बाध्य नहीं हैं क्योंकि जियो की योजना प्रतिस्पर्धा रोधक हैं।

सीओएआई ने उचित प्रतिस्पर्धा को बहाल करने के लिए पीएमओ से हस्तक्षेप की अपील की है। इसके विरीत रिलायंस जियो के सूत्रों ने कहा कि उसका विरोध कर रही कंपनियां पर जियो या किसी नेटवर्क से आने वाली कॉल को ‘ इंटरकनेक्टिविटी ’ यानी मार्ग देने की कानूनी बाध्यता है।

सीओएआई ने पीएमओ को भेजे पत्र में कहा है , ‘‘ऑपरेटर नरम तरीके से यह स्पष्ट करना चाहते हैं कि वे किसी भी प्रकार.. मसलन नेटवर्क संसाधनों, वित्तीय संसाधनों की दृष्टि से उतनी मात्रा में ट्रैफिक को टर्मिनेट करने की स्थिति में नहीं है जो असंयमित तरीके से आ रहा हो। इसके अलावा वे उन इंटरकनेक्ट आग्रहों को मानने को भी बाध्य नहीं हैं जो असामान्य तरीके के ट्रैफिक से आ रहा है और ऐसी आईयूसी व्यवस्था बनाता हो, जो प्रतिस्पर्धा रोधी है।’’ रिलायंस जियो ने अपनी सेवाओं का व्यावसायिक परिचालन 5 सितंबर को शुरू किया है। जियो ने आरोप लगाया है कि सेवाओं के परीक्षण के दौरान भारती एयरटेल और वोडाफोन जैसे ऑपरेटरों ने पर्याप्त इंटरकनेक्शन पोर्ट उपलब्ध नहीं कराया था।

मौजूदा ऑपरेटरों का आरोप है कि रिलायंस जियो द्वारा नेटवर्क का परीक्षण नियमनों का उल्लंघन करने का प्रयास है। रिलायंस जियो भी सीओएआई की सदस्य है। जियो के सूत्रों ने सीओएआई के इस नजरिए को ग्राहक विरोधी बताते हुए कहा कि पीएमओ के प्रमुख सचिव नृपेंद्र मिश्र को लिखे पत्र में रिलायंस जियो के साथ साथ दो पुरानी सदस्य कंपनियां एयरसेल और टेलीनॉर भी शामिल नहीं है।
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सीओएआई ने रिलायंस जियो की मुफ्त कॉल को मुफ्त भोजन करार देते हुए कहा कि इससे प्रतिद्वंद्वी ऑपरेटरों पर दरों में छेड़छाड़ के जरिये अत्यधिक बोझ पड़ेगा और रिलायंस जियो के भारी मात्रा में ट्रैफिक से अन्य ऑपरेटरांे के लिए औसत वॉयस प्राप्ति 30 से 40 पैसे प्रति मिनट से घटकर 22 से 25 पैसे या उससे भी अधिक नीचे आ जाएगी।

सीओएआई ने कहा कि नए ऑपरेटर की मुफ्त कॉल की पेशकश से रिलायंस जियो के कुल वॉयस मिनट अन्य भारतीय ऑपरेटरों के कुल मिनट के बराबर हो सकते हैं। काफी कम समय में अन्य ऑपरेटरों को उतना वॉयस ट्रैफिक देखना होगा, जो उनके मौजूदा ट्रैफिक का दोगुना होगा।
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रिलायंस इंडस्ट्रीज के प्रमुख मुकेश अंबानी ने कंपनी की एजीएम में मुंबई में एक सिंतबर को जियो की सेवाओं की घोषणा करते हुए कहा था कि पुराने जीएसएम ऑपरेटरों के इंटरकनेक्टिविटी न देने से एक सप्ताह में उनके नेटवर्क की 5 करोड़ से अधिक कॉल ड्राप हो गयी थीं। रिलायंस जियो ने पांच सितंबर से पांच सितंबर से अपनी सेवाएं शुरू कर दी है। कंपनी ने अपने विभिन्न डाटा प्लान में कॉल मुफ्त रखी है। जियो ने तेजी से 10 करोड़ ग्राहक जोड़ने का लक्ष्य रखा है और इसके लिए दिसंबर तक विशेष ‘आमंत्रण योजना’ पेश की है।
 

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