मॉडल और ऐक्ट्रेस
पूनम पांडेय (Poonam Pandey) कई दिनों से चर्चाओं में हैं। अभिनेत्री ने अपनी मौत की झूठी खबर फैलाई और एक दिन बाद यह दावा किया कि वह सर्वाइकल कैंसर को लेकर जागरूकता फैला रही थीं। पूनम के इस स्टंट की खूब आलोचना हो रही है। सोशल मीडिया पर लोग उनके तरीके से खफा हैं। हालांकि कुछ लोगों ने पूनम का सपोर्ट भी किया। इस बीच, सोशल मीडिया पर यह खबर भी फैली कि पूनम को सर्वाइकल कैंसर पर जागरूकता फैलाने के लिए सरकार के राष्ट्रीय अभियान की ब्रांड एंबेसडर बनाया जा सकता है।
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (X) पर कई लोगों ने अपने ट्वीट में दावा किया कि पूनम पांडेय और उनकी टीम केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के साथ बातचीत कर रही है। अब इस मामले पर स्वास्थ्य मंत्रालय की आधिकारिक प्रतिक्रिया आई है। पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार, मंत्रालय के अधिकारियों ने बुधवार को कहा कि सर्वाइकल कैंसर पर जागरुकता फैलाने के सरकार के राष्ट्रीय अभियान का ब्रैंड एंबेसडर बनाने के लिए अभिनेत्री पूनम पांडेय के नाम पर कोई विचार नहीं किया जा रहा है।
मंत्रालय का यह बयान तब आया है जब कुछ सूत्रों ने कहा कि पूनम पांडेय को सर्वाइकल कैंसर पर जागरुकता अभियान का चेहरा बनाया जा सकता है और इस सबंध में ऐक्ट्रेस व उनकी टीम, मंत्रालय के अधिकारियों के साथ बातचीत कर रही है।
इस महीने की शुरुआत में सोशल मीडिया पर सर्वाइकल कैंसर की वजह से पूनम पांडेय की ‘मौत' की खबर सुर्खियों में रही। सोशल मीडिया पर इसको लेकर बहस भी छिड़ी। बाद में अभिनेत्री की मौत की खबर फर्जी निकली और यह बात सामने आई कि यह सर्वाइकल कैंसर के बारे में ‘जागरूकता' फैलाने के लिए अभिनेत्री और उनकी टीम द्वारा किया गया एक ‘स्टंट' था।
पूनम पांडेय ने तीन फरवरी को अपने 'इंस्टाग्राम' पेज पर एक वीडियो पोस्ट कर खुद के जिंदा होने की जानकारी दी थी और कहा था कि सर्वाइकल कैंसर से मेरी मौत नहीं हुई है, लेकिन जानकारी की कमी के कारण यह बीमारी हजारों महिलाओं को लील चुकी है।