पीएम नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को 500 रुपये और 1000 रुपये के मौजूदा नोटों को चलन से वापस लेने का फैसला किया है। इन पुराने नोटों की जगह सरकार नए 500 रुपये और 2000 रुपये के नोट पेश करेगी। आरबीआई ने इनकी तस्वीरें जारी कर दी हैं और नए 2000 रुपये व 500 रुपये के नोट के बारे में जानकारी भी दी है। लेकिन मंगलवार से पहले भी व्हाट्सऐप पर 2000 रुपये के नोट को लेकर मैसेज भेजे जा रहे थे। इन मैसेज में 2000 रुपये के नोट में एक 'नैनो जीपीएस चिप' होने की बात कही जा रही है जिसे कहीं से भी ट्रैक किया जा सकता है।
हमें व्हाट्सऐप पर भेजे जा रहे इन मैसेज को लेकर काफी संदेह लगा। इसके अलावा आरबीआई द्वारा 2000 रुपये के नोट की जानकारी में कहीं भी नैनो जीपीएस चिप के बारे में नहीं बताया गया है। इसलिए यह कहना उचित होगा कि ये मैसेज फर्जी थे। इनमें से कुछ मैसेज के बारे में आप यहां जान सकते हैं।
आरबीआई फरवरी 2017 में 2000 रुपये के नोट जारी करेगी
भारत अपनी करेंसी में एक और नया नोट शामिल करने वाला है। रिज़र्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) 2000 रुपये के नोट जारी करेगी। यह सबसे बड़ा नोट होगा। कुछ एक्सपर्ट का भी मानना है कि काले धन को रोकने के लिए बड़े नोटों पर रोक लगनी चाहिए।
2000 रुपये का नोट काले धन को बाहक निकालने के इरादे से डिज़ाइन किया गया है। माना जा रहा है कि इसमें नैनो टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया जाएगा और 2000 रुपये के हर नोट में एनजीसी (नैनो जीपीएस चिप) लगी होगी।
एनजीसी टेक्नोलॉजी काम कैसे करती है?
एनजीसी के अनोखे फ़ीचर के लिए किसी तरह के पावर सोर्स की जरूरत नहीं होती। यह सिर्फ एक सिग्नल रिफ्लेक्टर की तरह काम करता है। जब एक सैटेलाइट एनजीसी से लोकेशन जानने के लिए सिग्नल भेजता है तो एनजीसी उस लोकेशन से सिग्नल वापस भेजती है। इसके जरिए लोकेशन व करेंसी का सीरियल नंबर वापस सैटेलाइट को मिलता है। इस तरह एनजीसी से लैस करेंसी को आसानी से ट्रैक किया जा सकता है और जमीन से 120 मीटर अंदर होने पर भी इसका पता लगाया जा सकता है। एनजीसी को करेंसी नोट को नुकसान किए बिना ना तो हटाया जा सकता है और ना ही खत्म किया जा सकता है।
इससे काला धन बाहर कैसे आएगा?
अभी तक एनजीसी से लैस हर करेंसी को ट्रैक किया जा सकता है। सैटेलाइट के जरिए किसी स्थान पर रखे गए पूरे पैसे का पता लगाया जा सकता है। अगर बैंक या दूसरे वित्तीय संस्थानों के अलावा किसी और जगह लंबे समय तक बहुत ज्यादा धन रखा जाता है तो यह तकनीक इसका पता लगा लेगी। आगे की जांच के लिए इस सूचना को इनकम टैक्स विभाग को भेज दिया जाएगा।
भारत में काले धन के खात्मे की शुरुआत!
आपको याद दिला दें, कि ये सभी जानकारी अभी आधिकारिक नहीं है और लगभग सब कुछ अनुमान पर आधारित है। हमें इंडोर में जीपीएस सिग्नल बेहद मुश्किल से मिलते हैं लेकिन अगर आप व्हाट्सऐप पर फॉरवर्ड किए जाने वाले मैसेज पर भरोसा करें तो आरबीआई ने 2000 रुपये के हर नोट में एक पतली जीपीएस चिप लगाई है जिससे 'जमीन के नीचे 120 मीटर तक' गहराई से सिग्नल मिल सकते हैं जो निराधार है। बता दें कि रिफ्लेक्टिव सिग्नल के लिए सिर्फ आरएफआईडी चिप हैं जो बुहत कम दूसरी से डाटा को ट्रांसमिट कर सकती हैं। लेकिन इन मैसेज की तरह कई हजार और किलोमीटर की दूरी से तो बिल्कुल भी नहीं।
आरबीआई ने 2000 रुपये के नोट के बारे में क्या कुछ कहा है। और आपको फिलहाल नई करेंसी के बारे किन बातों पर भरोसा करना चाहिए।
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