रमजान (Ramadan) के पाक महीने की शुरुआत होने जा रही है। दुनियाभर में मुस्लिम समुदाय के लोग इस महीने रोजा रखते हैं। खास बात है कि इस साल एक अंतरिक्ष यात्री धरती से करीब 400 किलोमीटर ऊपर स्पेस में रमजान की शुरुआत होते हुए देखेंगे। संयुक्त अरब अमीरात (UAE) के अंतरिक्ष यात्री सुल्तान अल नेयादी (Sultan Al Neyadi) ने इसी महीने 2 मार्च को अंतरिक्ष की उड़ान भरी थी। वह क्रू ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट पर सवार होकर
इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) में पहुंचे थे। सुल्तान अल नेयादी 6 महीनों के लंबे समय के लिए आईएसएस पर पहुंचे हैं। नेयादी अंतरिक्ष में रमजान तो मनाएंगे, लेकिन संभवत: वह रोजे नहीं रखेंगे और इसकी वजह जानने लायक है।
रमजान के पाक महीने में मुस्लिम समुदाय के लोग रोजा रखते हैं, लेकिन सुल्तान अल नेयादी संभवत: रोजे नहीं रख पाएंगे। स्पेसडॉटकॉम की
रिपोर्ट के अनुसार, एक प्री-फ्लाइट प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान अल नेयादी ने कहा था कि आईएसएस पर रहने के दौरान अंतरिक्ष यात्रियों को पर्याप्त भोजन करना होता है साथ ही उन्हें भोजन या पोषण या हाइड्रेशन की कमी से भी बचना होता है।
नेयादी ने कहा था कि उनकी प्राथमिकता इस मिशन की सेवा करना होगा। वह ऐसी गतिविधियां नहीं कर सकते हैं, जो मिशन को खतरे में डाल सकती हैं या क्रू मेंबर्स को जोखिम में डाल सकती हैं। उनके कथन से ऐसा माना जा रहा है कि संभवत: नेयादी अंतरिक्ष में रोजे नहीं रखेंगे। अल नेयादी अंतरिक्ष में रमजान मनाने वाले पहले अंतरिक्ष यात्री नहीं हैं। रिपोर्ट के अनुसार, अंतरिक्ष में जाने वाले पहले मुस्लिम सऊदी अरब के राजकुमार सुल्तान बिन सलमान अल-सऊद साल 1985 में अंतरिक्ष में पहुंचे थे। वह रमजान के आखिर में 17 जून को स्पेस शटल मिशन STS-51G पर पहुंचे थे।
गौरतलब है कि अंतरिक्ष में अपनी यात्रा के दौरान एस्ट्रोनॉट्स को सेहत का विशेष खयाल रखना होता है। खासतौर पर खान के प्रति। ऐसा नहीं करने पर उनके मिशन पर असर पड़ सकता है। आईएसएस पर 6 महीनों में नेयादी कई बड़ी जिम्मेदारियां निभाएंगे। रिपोर्ट के अनुसार, वह कई विषयों पर एक्सपेरिमेंट करेंगे, जिनमें बैक पेन, प्लांट बायलॉजी, कार्डियोवेस्कुलर हेल्थ, मटीरियल साइंस, रेडिएशन, स्लीप आदि शामिल हैं।