भारत समेत दुनियाभर के देशों में मंगलवार को सुपरमून ने आसमान को रोशन किया। हमारे लिए यह पूर्णिमा का चंद्रमा था, जबकि कई देशों में इसे सुपरमून, स्ट्रॉबेरी मून और यहां तक कि हनीमून भी कहा जाता है। यह इस साल का पहला सुपरमून था, जब चंद्रमा, पृथ्वी के चारों ओर अपनी कक्षा के सबसे नजदीकी पॉइंट पर आया। इस वजह से पूर्णिमा का चांद काफी बड़ा और हल्का लाल रंग लिए हुए दिखाई दे रहा था। 14 जून को शाम 5.22 बजे से इसे देखा गया और लोगों ने सोशल मीडिया पर तस्वीरें शेयर कीं।
नासा के अनुसार, मंगलवार को चंद्रमा, पृथ्वी के चारों ओर अपनी कक्षा में निकटतम बिंदु पर था। इसे पेरिगी (perigee) कहा जाता है। इसी वजह से चंद्रमा ‘सुपरमून' जैसा दिखाई दिया। इस दौरान चंद्रमा का आकार बड़ा और चमकीला नजर आया। देश के कई राज्यों में आसमान साफ होने पर लोगों ने इसका दीदार किया।
सुपरमून की इस प्रक्रिया में पृथ्वी और चंद्रमा के बीच की दूरी करीब 26 हजार किलोमीटर कम हो गई थी। इसी वजह से चांद का यह आकार दिखाई दिया। मंगलवार की पूर्णिमा का चंद्रमा बाकी महीनों की पूर्णिमा के मुकाबले 10 फीसदी ज्यादा रोशन दिखाई दिया।
जून महीने की पूर्णिमा को स्ट्रॉबेरी मून नाम अमेरिका की जनजातियों द्वारा दिया गया है। बताया जाता है कि इस नाम का इस्तेमाल अल्गोंक्विन, ओजिब्वे, डकोटा और लकोटा लोगों द्वारा किया गया है। हमारे देश में इसे पूर्णिमा ही कहा जाता है, लेकिन पश्चिमी देशों के लिए यह स्ट्रॉबेरी मून था।
नासा के अनुसार, सुपरमून 2022 की यह पूर्णिमा इस साल की सबसे निचली पूर्णिमा थी, जो क्षितिज से सिर्फ 23.3 डिग्री ऊपर उठी। दुनियाभर के लोगों ने इस खूबसूरत नजारे को कैमरे में कैद किया और सोशल मीडिया पर तस्वीरें शेयर कीं। उन्हीं में कुछ चुनिंदा फोटोज हम आपके लिए लेकर आए हैं। अगर आप इस नजारे को लाइव नहीं देख पाए तो इन तस्वीरों का लुत्फ उठाइए और हां, आने वाले महीनों में सुपरमून की यह घटना दोबारा होगी, तब भी हम आपके लिए इससे जुड़ी जानकारी लेकर आएंगे।
इस पूर्णिमा को ऑनलाइन लाइव दिखाने की भी तैयारी की गई थी। इटली के सेकानो में वर्चुअल टेलीस्कोप प्रोजेक्ट के जरिए पूर्णिमा का फ्री लाइवस्ट्रीम दिखाया गया। भारतीय समय के अनुसार, यह रात 12.45 बजे से शुरू हुआ था।