SpaceX Sixth Starship Flight Test : दुनिया के सबसे भारी रॉकेट में रूप में ‘शोहरत' पा चुका स्पेसएक्स का ‘स्टारशिप' (Starship) एक बार फिर टेस्ट फ्लाइट से गुजरने जा रहा है। भारतीय समय के अनुसार, 19 नवंबर की रात करीब 2.45 बजे इसे लॉन्च किया जा सकता है। पिछली पांचों टेस्ट फ्लाइट्स की तरह इस बार भी रॉकेट के दोनों हिस्सों- फर्स्ट स्टेज और अपर स्टेज को परखा जाएगा। यह लॉन्च साउथ टेक्सास में कंपनी की स्टारबेस फैसिलिटी से होगा। इस टेस्ट फ्लाइट के जरिए कंपनी रॉकेट और बूस्टर की क्षमताओं को बढ़ाना चाहती है।
गौरतलब है कि कंपनी को पांचवीं टेस्ट फ्लाइट में बड़ी कामयाबी मिली थी। 13 अक्टूबर की टेस्ट फ्लाइट के दौरान उड़ान भरने के बाद सुपर हैवी बूस्टर वापस लॉन्च साइट पर आ गया था। जबकि अपर स्टेज ने अपनी उड़ान जारी रखते हुए हिंद महासागर में नियंत्रित लैंडिंग को पूरा किया था।
स्पेसडॉटकॉम की रिपोर्ट के अनुसार, पांचवीं टेस्ट फ्लाइट के बाद स्पेसएक्स को स्टारशिप रॉकेट के हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर में जरूरी सुधार के लिए डेटा मिला था। उन बदलावों को लागू करते हुए रॉकेट को एक बार फिर टेस्ट किया जा रहा है। सबकुछ योजना के अनुसार हुआ तो हम एक बार फिर से स्टारशिप के अपर स्टेज को लिफ्ट ऑफ के 7 मिनट बाद लैंडिंग साइट पर आता हुआ देखेंगे। वहीं, रॉकेट का अपर स्टेज, मैक्सिको की खाड़ी में नियंत्रित स्पलैशडान करेगा। यह लॉन्च स्पेसएक्स के एक्स हैंडल और वेबसाइट पर लाइव देखा जा सकेगा।
What is Starship?
स्टारशिप एक रीयूजेबल रॉकेट है। इसमें मुख्य रूप से दो भाग हैं। पहला है- पैसेंजर कैरी सेक्शन यानी जिसमें यात्री रहेंगे, जबकि दूसरा है- सुपर हैवी रॉकेट बूस्टर। स्टारशिप और बूस्टर को मिलाकर इसकी लंबाई करीब 394 फीट (120 मीटर) है। जबकि वजन 50 लाख किलोग्राम है। जानकारी के अनुसार, स्टारशिप रॉकेट 1.6 करोड़ पाउंड (70 मेगान्यूटन) का थ्रस्ट उत्पन्न करने में सक्षम है। यह नासा के स्पेस लॉन्च सिस्टम (SLS) रॉकेट से लगभग दोगुना अधिक है।
स्टारशिप को सबसे पहले अप्रैल 2023 में टेस्ट किया गया था। तब से अबतक यह पांच बार टेस्ट फ्लाइट से गुजर चुका है। स्टारशिप जैसा रॉकेट बनाकर एलन मस्क, अंतरिक्ष यात्रियों को पृथ्वी या चंद्रमा से सीधे मंगल ग्रह तक पहुंचाना चाहते हैं।