सोलर फ्लेयर्स से 'खराब' हो रहे सैटेलाइट्स, वापस गिर सकते हैं पृथ्‍वी पर

वैज्ञानिकों के मुताबिक वायुमंडल की ऊपरी लेयर में बहुत कुछ चल रहा है। सूर्य से निकलने वाली हवाएं और फ्लेयर्स उपग्रहों तक पहुंच रहे हैं और उन्‍हें नुकसान पहुंचा रहे हैं।

विज्ञापन
प्रेम त्रिपाठी, अपडेटेड: 4 जुलाई 2022 16:12 IST
ख़ास बातें
  • ऐसा सूर्य के 11 साल के चक्र की वजह से हो रहा है
  • सूर्य से काफी रेडिएशन निकल रहा है और विस्‍फोट हो रहे हैं
  • यह असर सैटेलाइटों तक पहुंच रहा है उन्‍हें प्रभावित कर रहा है

दरअसल, हमारा सूर्य अपने 11 साल के चक्र से गुजर रहा है। यह बहुत अधिक एक्टिव फेज में है।

कई रिपोर्टों में हम यह पढ़ चुके हैं कि सूर्य में विभ‍िन्‍न प्रकार की हलचलें देखने को मिल रही हैं। इनके चलते सोलर फ्लेयर्स, कोरोनल मास इजेक्‍शन आदि घटनाएं हो रही हैं। दरअसल, हमारा सूर्य अपने 11 साल के चक्र से गुजर रहा है। यह बहुत अधिक एक्टिव फेज में है। इसकी वजह से सौर फ्लेयर्स निकलने की बात कही जा रही है। रिपोर्टों में दावा किया गया है कि इसकी वजह से सैटेलाइट्स खराब हो रहे हैं और वापस पृथ्‍वी पर गिर सकते हैं। 

द सन की एक रिपोर्ट के अनुसार हर 11 साल में सूर्य पर चुंबकीय क्षेत्र फ्लि‍प हो जाता है। इसका मतलब है कि नॉर्थ और साउथ पोल्‍स बदल जाते हैं और सूर्य गलत बिहेव करने लगता है। सूर्य में जारी इस अस्थिरता की वजह से सौर फ्लेयर्स भड़कते हैं। यह सूर्य के रेडिएशन में होने वाला विस्‍फोट होता है। जब सूर्य की चुंबकीय ऊर्जा रिलीज होती है, तो उससे निकलने वाली रोशनी और पार्टिकल्‍स से सौर फ्लेयर्स बनते हैं। हमारे सौर मंडल में ये फ्लेयर्स अबतक के सबसे शक्तिशाली विस्फोट हैं, जिनमें अरबों हाइड्रोजन बमों की तुलना में ऊर्जा रिलीज होती है। इनमें मौजूद एनर्जेटिक पार्टिकल्‍स प्रकाश की गति से कोरोनल मास इजेक्शन भी होता है।

कोरोनल मास इजेक्शन या CME, सौर प्लाज्मा के बड़े बादल होते हैं। सौर विस्फोट के बाद ये बादल अंतरिक्ष में सूर्य के मैग्‍नेटिक फील्‍ड में फैल जाते हैं। अंतरिक्ष में घूमने की वजह से इनका विस्‍तार होता है और अक्‍सर यह कई लाख मील की दूरी तक पहुंच जाते हैं। कई बार तो यह ग्रहों के मैग्‍नेटिक फील्‍ड से टकरा जाते हैं। जब इनकी दिशा की पृथ्‍वी की ओर होती है, तो यह जियो मैग्‍नेटिक यानी भू-चुंबकीय गड़बड़ी पैदा कर सकते हैं। इनकी वजह से सैटेलाइट्स में शॉर्ट सर्किट हो सकता है और पावर ग्रिड पर असर पड़ सकता है। इनका असर ज्‍यादा होने पर ये पृथ्‍वी की कक्षा में मौजूद अंतरिक्ष यात्रियों को भी खतरे में डाल सकते हैं। 

वर्तमान में चिंता की वजह सैटेलाइट्स ही हैं। चिंता इस बात की है कि सौर फ्लेयर्स से निकल रहीं लपटें सैटेलाइट्स को नुकसान पहुंचा रही हैं। 

यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी यानी ESA अपने स्‍वॉर्म स्‍पेसक्राफ्ट को ले‍कर चिंतित है, जो पृथ्वी के चुंबकीय क्षेत्र को मापता है। बताया जाता है कि पिछले 5-6 साल में यह सैटेलाइट हर साल ढाई किलोमीटर सिंक हो रहा था। लेकिन पिछले साल दिसंबर से इसमें तेजी आई है और यह सालाना 20 किलोमीटर डूब रहा है या कहें पृथ्‍वी की ओर जा रहा है। वैज्ञानिकों के मुताबिक वायुमंडल की ऊपरी लेयर में बहुत कुछ चल रहा है। यह सैटेलाइट वहां सोलर विंड का मुकाबला करता है। जाहिर तौर पर सूर्य से निकलने वाली हवाएं और फ्लेयर्स उपग्रहों तक पहुंच रहे हैं और उन्‍हें नुकसान पहुंचा रहे हैं। 
Advertisement

 
 

लेटेस्ट टेक न्यूज़, स्मार्टफोन रिव्यू और लोकप्रिय मोबाइल पर मिलने वाले एक्सक्लूसिव ऑफर के लिए गैजेट्स 360 एंड्रॉयड ऐप डाउनलोड करें और हमें गूगल समाचार पर फॉलो करें।

प्रेम त्रिपाठी Gadgets 360 में चीफ ...और भी

Advertisement
Popular Brands
#ट्रेंडिंग टेक न्यूज़
  1. ट्रंप ने दी मस्क की कंपनियों को मिले सरकारी कॉन्ट्रैक्ट रद्द करने की चेतावनी
#ताज़ा ख़बरें
  1. ट्रंप ने दी मस्क की कंपनियों को मिले सरकारी कॉन्ट्रैक्ट रद्द करने की चेतावनी
  2. इंफोसिस को बड़ी राहत, नहीं चुकाना होगा 32,400 करोड़ रुपये का GST 
  3. WWDC 2025 : AirPods में मिलेगा कैमरा कंट्रोल और स्लीप डिटेक्शन फीचर!
  4. Android कंपनियों को देना होगा 5 साल तक अपडेट, नए नियम से भारतीयों को भी फायदा?
  5. 14 हजार रुपये गिरी 50MP कैमरा, 5000mAh बैटरी वाले Samsung स्मार्टफोन की कीमत
  6. फीचर फोन यूजर्स भी कर सकेंगे UPI पेमेंट्स, PhonePe जल्द लाएगा नया ऐप!
  7. Huawei Band 10 भारत में लॉन्च, AMOLED स्क्रीन और 14 दिन की बैटरी के साथ; जानें कीमत
  8. iQOO Z10 Lite 5G जल्द होगा भारत में लॉन्च, 6,000mAh की बैटरी
  9. Oppo की K13x 5G के लॉन्च की तैयारी, 6,000mAh हो सकती है बैटरी
  10. Google Chrome होगा अब तक सबसे तेज!, अब ज्यादा फास्ट होगा काम, बचेगा समय
Download Our Apps
Available in Hindi
© Copyright Red Pixels Ventures Limited 2025. All rights reserved.