बुखार आने पर अब थर्मामीटर की जरूरत नहीं होगी। वॉशिंगटन यूनिवर्सिटी के रिसर्चर्स की टीम ने फीवरफोन (FeverPhone) नाम का ऐप तैयार किया है। यह बिना किसी नए हार्डवेयर की मदद के स्मार्टफोन को थर्मामीटर में बदल देता है। ऐप को तैयार करने में भारतीय मूल के एक प्रोफेसर ने भी अहम भूमिका निभाई है। फोन का इस्तेमाल थर्मामीटर के रूप में करने के लिए ऐप उसकी टचस्क्रीन को यूज करता है और डेटा जुटाने के लिए बैटरी टेंपरेचर सेंसर इस्तेमाल करता है।
रिपोर्ट के अनुसार, यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर श्वेतक पटेल रिसर्च टीम के पेपर के सीनियर ऑथर हैं। आईएएनएस ने लिखा है कि उनकी टीम ने करीब 37 मरीजों पर फीवरफोन को टेस्ट किया। दावा है कि ऐप ने अन्य थर्मामीटरों के मुकाबले ज्यादा सटीकता के साथ बॉडी टेंपरेचर को माप लिया।
यह पहला ऐप है जो मौजूदा फोन सेंसर और स्क्रीन की मदद से लोगों का बुखार माप सकता है। यह स्टडी जर्नल प्रोसिडिंग्स ऑफ द ACM में पब्लिश हुई है। इसमें कहा गया है कि ऐप के व्यापक इस्तेमाल से पहले इस पर और डेटा जुटाने की जरूरत है, लेकिन ऐसी तकनीक वाकई रोमांचक है।
ऐप ने इस तरह मापा बुखार
जिन मरीजों पर फीवरफोन ऐप का इस्तेमाल किया गया, उन्होंने फोन को पॉइंट-एंड-शूट कैमरे की तरह पकड़ा था। मरीजों ने 90 सेकंड तक टचस्क्रीन को अपने माथे पर लगाया। बताया जाता है कि फीवरफोन ऐप ने लगभग 0.23 डिग्री सेल्सियस के एवरेज एरर के साथ मरीज के बॉडी टेंपरेचर का अनुमान लगाया।
व्यापक रूप से इस्तेमाल में आने के बाद यह तकनीक और ऐप दुनियाभर में लोगों की मदद कर सकते हैं। लोग घर बैठे स्मार्टफोन की मदद से अपना बुखार चेक कर पाएंगे। डॉक्टरों के लिए भी यह समझना आसान हो पाएगा कि मरीज कितने दिनों से बुखार की चपेट में है। ऐप को व्यवसायिक रूप से कब यूज किया जाएगा, इस बारे में अभी कोई जानकारी नहीं है।