खाना चबाने की प्रक्रिया से जुड़ा है मनुष्य का विकास- स्टडी

आजकल का भोजन कई प्रक्रियाओं से होकर गुजरता है और चबाने में बहुत सॉफ्ट होता है। लेकिन हमारे पूर्वजों ने बीजों, कड़े छिलके वाले फलों और पत्तों को चबाया।

विज्ञापन
हेमन्त कुमार, अपडेटेड: 20 अगस्त 2022 13:33 IST
ख़ास बातें
  • सॉफ्ट गम को चबाते समय सब्जेक्ट्स का एनर्जी एक्सपेंडीचर 10% बढ़ा
  • हार्ड गम को चबाते समय इसमें 15% ज्यादा ऊर्जा लगी
  • आधुनिक मनुष्य में जबड़े, दांत आदि चबाने की आदत के नतीजे- स्टडी

चबाने की प्रक्रिया से जुड़ा है मनुष्य के विकास का संबंध

भोजन करने और पचाने की प्रक्रिया में चबाने का बहुत अधिक महत्व माना जाता है। डॉक्टर्स या एक्सपर्ट्स को अक्सर कहते सुना जाता है कि भोजन चबा चबाकर करना चाहिए। लेकिन क्या आप जानते हैं कि चबाने की इस प्रक्रिया से मनुष्य के विकास का संबंध भी जुड़ा हुआ है? एक नई स्टडी में बहुत रोचक जानकारी दी गई है। इसमें कहा गया है कि लाखों साल पहले चबाने की प्रक्रिया ही मनुष्य के विकास का कारण बनी। 

Science Advances नाम के एक जर्नल में इस स्टडी को प्रकाशित किया गया है। स्टडी को लेडन यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने तैयार किया है, जिसे सबसे पहले न्यूयॉर्क टाइम्स में प्रकाशित किया गया था। 

स्टडी में लिखा गया है कि मनुष्यों में मास्सेटर पेशी या मसल होती है। इसके रेस्पिरोमेट्री और इलेक्ट्रोमोग्राफी का उपयोग करते हुए वैज्ञानिकों ने पाया कि ह्यूमन सब्जेक्ट द्वारा चबाने की क्रिया मापने योग्य एनर्जी सिंक को दर्शाती है। यह मेटाबॉलिक रेट को बेस लेवल से 10-15 प्रतिशत बढ़ा देता है। 

स्टडी में 18 से 45 साल के पुरूष और महिलाओं ने भाग लिया था। सब्जेक्ट ने इसमें नरम और कठोर चूइंग गम को चबाया और वैज्ञानिकों ने इसके नतीजे लिए। इसमें भाग ले रहे व्यक्ति की ऑक्सीजन खपत, कार्बन डाइऑक्साइड प्रोडक्शन और मैसेटर पेशी की एक्टिविटी को मापा गया। 

पैलियोएंथ्रोपोलॉजिस्ट अमांडा हेनरी ने बताया कि सॉफ्ट गम को चबाते समय सब्जेक्ट्स का एनर्जी एक्सपेंडीचर यानि कि ऊर्जा की खपत 10.2% बढ़ गई। यही खपत कठोर गम में 15.1% रिकॉर्ड की गई। उन्होंने कहा कि भोजन चबाना बहुत ऊर्जा खपत करता है, यह जितना कठोर होता है, उतनी ही ज्यादा ऊर्जा की खपत करता है। 
Advertisement

आजकल का भोजन कई प्रक्रियाओं से होकर गुजरता है और चबाने में बहुत सॉफ्ट होता है। लेकिन हमारे पूर्वजों ने बीजों, कड़े छिलके वाले फलों और पत्तों को चबाया। परिणाम यह हुआ कि उन्होंने आधुनिक मानव की तुलना में भोजन करने में अत्यधिक ऊर्जा खर्च की। अमांडा ने कहा कि हम मानकर चलते हैं कि नैचरल सिलेक्शन ने जबड़ों का निर्माण किया, फेशिअल मसल बनाईं और दांत भी इसी से बने ताकि भोजन को चबाने में कम से कम ऊर्जा की खपत हो। 

इसलिए हम सोचते हैं कि जैसे कि आज हम भोजन को चबा रहे हैं, यह लाखों वर्षों के विकास के कारण हो पाया है। वैज्ञानिक मान रहे हैं कि इस स्टडी से मनुष्य के आकार लेने की प्रक्रिया को समझने में भी मदद मिलेगी।
Advertisement
 
 

लेटेस्ट टेक न्यूज़, स्मार्टफोन रिव्यू और लोकप्रिय मोबाइल पर मिलने वाले एक्सक्लूसिव ऑफर के लिए गैजेट्स 360 एंड्रॉयड ऐप डाउनलोड करें और हमें गूगल समाचार पर फॉलो करें।

ये भी पढ़े: , evolution of human, chewing process, MBR, Science News

हेमन्त कुमार Gadgets 360 में सीनियर ...और भी

Advertisement
Popular Brands
#ट्रेंडिंग टेक न्यूज़
  1. Lava Agni 4 vs Vivo T4 vs Realme P4 Pro 5G: 25 हजार रुपये में कौन सा है बेस्ट
  2. 7000mAh बैटरी, 50MP कैमरा के साथ Moto G57 Power 5G लॉन्च, जानें कीमत और फीचर्स
  3. Realme 16 Pro में मिल सकता है 200 मेगापिक्सल का कैमरा, 6.78 इंच OLED डिस्प्ले 
#ताज़ा ख़बरें
  1. Apple के चीफ के तौर पर बरकरार रह सकते हैं Tim Cook
  2. Elista ने 65, 75, 85 इंच डिस्प्ले वाले Xplore Google TV किए लॉन्च, जानें फीचर्स
  3. Portronics ने भारत में लॉन्च किया मोबाइल के पीछे चिपकने वाला वायरलेस 10000mAh पावरबैंक, जानें कीमत
  4. Realme 16 Pro में मिल सकता है 200 मेगापिक्सल का कैमरा, 6.78 इंच OLED डिस्प्ले 
  5. Amazfit T-Rex 3 Pro 44 mm स्मार्टवॉच हुई टैक्टिकल ब्लैक में लॉन्च, जानें कैसे हैं फीचर्स
  6. पानी में तैरता एयरपोर्ट अब हकीकत! जानें क्या है AutoFlight का फ्लोटिंग वर्टीपोर्ट
  7. सहारनपुर में बड़ा iPhone घोटाला, सैकड़ों आईफोन एक साथ बंद, आप कभी न करें ये गलती
  8. 7000mAh बैटरी, 50MP कैमरा के साथ Moto G57 Power 5G लॉन्च, जानें कीमत और फीचर्स
  9. Amazon ने की रिकॉर्ड तोड़ छंटनी, 1,800 इंजीनियर्स की नौकरी गई, AI का बड़ा रोल!
  10. SIR फ्रॉम स्कैम, वोटर लिस्ट से नाम हटाने की धमकी, OTP किया शेयर तो होगा बड़ा फ्रॉड
Download Our Apps
Available in Hindi
© Copyright Red Pixels Ventures Limited 2025. All rights reserved.