Nasa ने टेस्‍ट की ‘होलोपोर्टेशन’ तकनीक, अंतरिक्ष यात्रियों के सामने आए डॉक्‍टर, जानें इसके बारे में

होलोपोर्टेशन कम्‍युनिकेशन, लोगों के हाई-क्‍वॉलिटी वाले 3D मॉडल्‍स को रियल टाइम में कहीं भी ट्रांसमिट करने की इजाजत देता है।

विज्ञापन
गैजेट्स 360 स्टाफ, अपडेटेड: 20 अप्रैल 2022 16:03 IST
ख़ास बातें
  • यह शब्द ‘होलोग्राम’ और ‘टेलीपोर्टेशन’ का कॉम्‍बि‍नेशन है
  • पिछले साल अक्टूबर में नासा ने इस तकनीक को इस्‍तेमाल किया
  • डॉ. जोसेफ श्मिड को अंतरिक्ष में ‘होलोपोर्ट’ किया, जबकि वह पृथ्‍वी पर थे

ध्यान देने वाली बात यह है कि होलोपोर्टेशन के लिए इस्‍तेमाल की जाने वाली तकनीक नई नहीं है।

Photo Credit: ESA/Thomas Pesquet

अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा (NASA) ने बताया है कि उसने ‘होलोपोर्टेशन' (holoportation) नाम की एक कम्‍युनिकेशन टेक्‍नॉलजी को टेस्‍ट किया है। यह एक ऐसा शब्‍द लगता है, जो मानो किसी साइंस फ‍िक्‍शन मूवी से आया हो और रोजाना जिंदगी में इसकी बहुत कम प्रासंगिकता हो। हालांकि यह शब्द ‘होलोग्राम' और ‘टेलीपोर्टेशन' का कॉम्‍बि‍नेशन है। पिछले साल अक्टूबर में नासा ने इस इनोवेट‍िव 3D तकनीक का इस्‍तेमाल अपने फ्लाइट सर्जन डॉ. जोसेफ श्मिड को इंटरनेशनल स्‍पेस स्टेशन पर ‘होलोपोर्ट' करने के लिए किया था, जबकि डॉक्‍टर फ‍िजिकली पृथ्वी पर मौजूद थे।

इस तकनीक के तहत डॉ श्मिड और उनकी टीम के मेंबर्स के 3D होलोग्राम बनाए गए और उन्हें स्‍पेस  स्टेशन पर ट्रांसमिट किया गया, जो अंतरिक्ष यात्रियों के साथ लाइव बातचीत के रूप में दिखाई दिया। नासा के मुताबिक, होलोपोर्टेशन कम्‍युनिकेशन, लोगों के हाई-क्‍वॉलिटी वाले 3D मॉडल्‍स को रियल टाइम में कहीं भी ट्रांसमिट करने की इजाजत देता है। अगर इसे माइक्रोसॉफ्ट के होलोलेन्स जैसे मिक्‍स्‍ड रियलिटी डिस्प्ले के साथ जोड़ा जाता है, तो यह तकनीक यूजर्स को 3D में लोगों को देखने, सुनने और बातचीत करने में सक्षम बनाती है। ऐसा लगता है कि जैसे वो सब एक ही जगह पर मौजूद थे। 

ध्यान देने वाली बात यह है कि होलोपोर्टेशन के लिए इस्‍तेमाल की जाने वाली तकनीक नई नहीं है। Microsoft साल 2016 से इसे इस्‍तेमाल कर रही है। हालांकि नासा साल 2021 में अंतरिक्ष के एक्‍ट्रीम एनवायरनमेंट में होलोर्टेशन का इस्‍तेमाल करने वाली पहली एजेंसी है। 

फ्लाइट सर्जन डॉ. जोसेफ श्मिड ने कहा है कि पृथ्‍वी से हजारों किलोमीटर दूर ऊंचाई पर यह मानव संचार का बिल्कुल नया तरीका है। भले ही शारीरिक रूप से हम वहां नहीं थे, लेकिन इंसानी तौर पर हम वहीं मौजूद थे। 

अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी ने भविष्य के अंतरिक्ष मिशनों पर टू-वे कम्‍युनिकेशन के लिए इस तकनीक का बड़े स्‍तर पर इस्‍तेमाल करने की योजना बनाई है। इसमें पृथ्वी से लोगों को अंतरिक्ष में होलोपोर्ट किया जाता है और अंतरिक्ष यात्रियों को पृथ्वी पर लाया जाता है। यह सब खासतौर पर चिकित्सा और लोगों की उनके परिवार वालों से मुलाकात के लिए कारगर है। नासा के मुताबिक इस तकनीक को ऑगमेंटेड रियलिटी के साथ कंबाइड करने की भी संभावना है। 
 
 

लेटेस्ट टेक न्यूज़, स्मार्टफोन रिव्यू और लोकप्रिय मोबाइल पर मिलने वाले एक्सक्लूसिव ऑफर के लिए गैजेट्स 360 एंड्रॉयड ऐप डाउनलोड करें और हमें गूगल समाचार पर फॉलो करें।

ये भी पढ़े: NASA, Holoportation, holoportation technique, ESA, astronauts

द रेजिडेंट बोट । अगर आप मुझे ...और भी

Advertisement
Popular Brands
#ट्रेंडिंग टेक न्यूज़
  1. ऑनलाइन मनी गेमिंग पर बैन के बाद गेमिंग फर्मों ने बनाई एसोसिएशन
#ताज़ा ख़बरें
  1. Samsung जल्द लॉन्च करेगी Galaxy Tab A11 LTE, 5,000mAh हो सकती है बैटरी
  2. Samsung की Galaxy S25 FE के लॉन्च की तैयारी, मिल सकती है ट्रिपल रियर कैमरा यूनिट
  3. ऑनलाइन मनी गेमिंग पर बैन के बाद गेमिंग फर्मों ने बनाई एसोसिएशन
  4. Samsung के इन 2 स्मार्टफोन मॉडल्स पर फ्री में बदलेगी स्क्रीन, अगर फोन में...
  5. भारत में Apple का चौथा रिटेल आउटलेट अगले महीने पुणे में खुलेगा
  6. Blaupunkt Mini LED TV हुए भारत में लॉन्च: 75-इंच तक साइज, गेमिंग फीचर्स और 108W साउंड, जानें कीमत
  7. Realme के 15,000mAh की पावरफुल बैटरी वाले स्मार्टफोन में होगा बिल्ट-इन कूलिंग फैन
  8. इन Xiaomi, POCO और Redmi स्मार्टफोन्स को नहीं मिलेगा Android 16 अपडेट! यहां देखें अपना मॉडल
  9. OpenAI भारत में बांट रहा फ्री 5 लाख ChatGPT Plus अकाउंट, AI का होगा शिक्षा में उपयोग
  10. Vivo V60 Lite जल्द होगा लॉन्च, Geekbench पर हुई लिस्टिंग
Download Our Apps
Available in Hindi
© Copyright Red Pixels Ventures Limited 2025. All rights reserved.