NASA ने पृथ्वी से 2,000 लाइट ईयर दूर मौजूद रिंग नेबुला की अदभुत तस्वीर शेयर की, देख कर रह जाएंगे दंग!

NASA ने अगस्त 2003 में स्पिट्जर टेलीस्कोप लॉन्च किया था, जिसे पहले स्पेस इन्फ्रारेड टेलीस्कोप सुविधा के रूप में जाना जाता था।

विज्ञापन
गैजेट्स 360 स्टाफ, अपडेटेड: 22 मार्च 2022 18:16 IST
ख़ास बातें
  • Spitzer टेलीस्कोप ने अपने इन्फ्रारेड कैमरे से इस नेबुला को कैप्चर किया है
  • नासा ने अगस्त 2003 में स्पिट्जर टेलीस्कोप लॉन्च किया था
  • Spitzer ने शनि ग्रह के एक विशाल वलय की भी खोज की है

NASA ने अगस्त 2003 में स्पिट्जर टेलीस्कोप लॉन्च किया था

NASA ने इंस्टाग्राम (Instagram) पर "कॉस्मिक फ्लावर इन ब्लूम" कैप्शन के साथ एक अदभुत तस्वीर शेयर की है। तस्वीर में रिंग नेबुला के बीच में एक फूल के समान आकृति दिखाई दे रही है। यह नेबुला पृथ्वी से लगभग 2,000 प्रकाश वर्ष दूर नक्षत्र लायरा (Lyra) में स्थित है। तस्वीर में फूलों की पंखुड़ियों की तरह दिखने वाले ग्रहों के नेबुला के चारों ओर एक प्रभामंडल दिख रहा है और इसे नासा के अब-सेवानिवृत्त स्पिट्जर स्पेस टेलीस्कोप द्वारा कैप्चर किया गया था। अंतरिक्ष एजेंसी ने कहा कि इस ग्रहीय नेबुला का बाहरी आवरण एक मरते हुए तारे से निकाले गए पदार्थ से बना है।

M57 के नाम से जाना जाने वाला रिंग नेबुला, 8.8 की स्पष्ट परिमाण के साथ एक सूर्य जैसे तारे का चमकता हुआ अवशेष है। फ्रांसीसी खगोलशास्त्री एंटोनी डार्कियर डी पेलेपोइक्स (Antoine Darquier de Pellepoix) ने 1779 में इसकी खोज की थी। इस नेबुला के सेंटर में दिखने वाली "रिंग" चमकते हुए गैस का एक मोटा सिलेंडर है और नष्ट हो चुके तारे के चारों ओर की धूल है। नासा ने कहा कि जैसे-जैसे तारे का ईंधन खत्म होना शुरू होगा, इसका कोर छोटा और गर्म हो जाएगा और इसकी बाहरी परतों को उबाल कर खत्म कर देगा।
 

Spitzer टेलीस्कोप ने अपने इन्फ्रारेड ऐरे कैमरे का इस्तेमाल करके इस नेबुला का पता लगाया है, जो बाहरी क्षेत्रों को विस्तार से दिखा रहा है, जो पंखुड़ियों की तरह दिखाई देते हैं। स्पिट्जर हाइड्रोजन अणुओं से इन्फ्रारेड लाइट का पता लगा सकता है, जो तारे से अल्ट्रावॉयलेट रेडिएशन को सोखती हैं। इससे पहले ली गई तस्वीरें विज़िबल-लाइट टेलीस्कोप द्वारा ली गई थी, जो आमतौर पर मुरझाते तारे के चारों ओर गैस के आंतरिक चमकते लूप को दिखाती हैं। रिंग नेबुला शौकिया एस्ट्रोनोमर्स का एक आसान लक्ष्य है, क्योंकि इसे आसानी से देखा जा सकता है और यह पृथ्वी की ओर झुका हुआ है।

नासा ने अगस्त 2003 में स्पिट्जर टेलीस्कोप लॉन्च किया था, जिसे पहले स्पेस इन्फ्रारेड टेलीस्कोप सुविधा के रूप में जाना जाता था। इसे जनवरी 2020 में बंद कर दिया गया था। ऑपरेशन के दौरान, Spitzer ने शनि ग्रह के एक विशाल वलय की खोज की, और 40 लाइट ईयर दूर एक तारे के आसपास सात पृथ्वी के आकार के ग्रहों के एक सिस्टम का खुलासा किया।
 

लेटेस्ट टेक न्यूज़, स्मार्टफोन रिव्यू और लोकप्रिय मोबाइल पर मिलने वाले एक्सक्लूसिव ऑफर के लिए गैजेट्स 360 एंड्रॉयड ऐप डाउनलोड करें और हमें गूगल समाचार पर फॉलो करें।

ये भी पढ़े: NASA, Spitzer

द रेजिडेंट बोट । अगर आप मुझे ...और भी

Advertisement
Popular Brands
#ट्रेंडिंग टेक न्यूज़
  1. Amazon ने प्राइम मेंबर से छीन लिया ये फीचर, 1 अक्टूबर से नहीं होगा ये काम
#ताज़ा ख़बरें
  1. Motorola G06 में मिल सकता है MediaTek Helio G81 Extreme चिपसेट
  2. भारत में एपल ने की 9 अरब डॉलर की रिकॉर्ड सेल्स, iPhones की बड़ी हिस्सेदारी 
  3. Motorola ने लॉन्च किया Book 60 Pro, 14 इंच OLED डिस्प्ले, जानें प्राइस, स्पेसिफिकेशंस
  4. Samsung की AI वाली वॉशिंग मशीन, कपड़ों को गीला किए बिना करेगी साफ, प्रेस करने का भी झंझट खत्म!
  5. Motorola ने पेश किया Edge 60 Neo, 6.4 इंच pOLED डिस्प्ले, जानें प्राइस, स्पेसिफिकेशंस
  6. TCL ने लॉन्च किया 7.2-इंच डिस्प्ले वाला NxtPaper 60 Ultra, इसमें है आंखों की सेफ्टी के लिए स्पेशल टेक्नोलॉजी, जानें कीमत
  7. Lava Bold N1 5G भारत में 13MP कैमरा, 5000mAh बैटरी के साथ लॉन्च, जानें सबकुछ
  8. itel A90 Limited Edition vs Samsung Galaxy M06 5G vs Tecno Pop 9 5G: 10 हजार में कौन सा है बेस्ट
  9. Amazon ने प्राइम मेंबर से छीन लिया ये फीचर, 1 अक्टूबर से नहीं होगा ये काम
  10. OnePlus 15 में होगी BOE की एडवांस डिस्प्ले, जानें और क्या होगा खास
Download Our Apps
Available in Hindi
© Copyright Red Pixels Ventures Limited 2025. All rights reserved.