NASA लंबे अर्से से एलियंस से संपर्क करने की कोशिश करता आया है और अब स्पेस एजेंसी इस ओर एक नया कदम उठाने का फैसला कर चुकी है। नासा के वैज्ञानिक अंतरिक्ष में इंसानों की नग्न तस्वीरें भेजने की योजना बना रहे हैं। एक लेटेस्ट मीडिया रिपोर्ट में बताया गया है कि बाहरी दुनिया में अन्य जीवन के साथ संपर्क किया जा सकता है, जिसके लिए अब उन्होंने एक महिला और एक पुरुष की डिज़िटल पिक्सेलेटेड चित्र भेजने का फैसला किया है। इस चित्रण में इंसानी DNA और साथ ही ग्रैविटी (गुरुत्वाकर्षण) की जानकारी को भी शामिल किया गया है।
The Sun की
रिपोर्ट कहती है कि NASA के वैज्ञानिकों ने इस तस्वीर को एक
स्टडी में पेश किया था, जो ‘Beacon in the Galaxy' (BITG) नाम के एक प्रोजेक्ट का हिस्सा थी। यह तस्वीर असल में वास्तविक इंसानों की नग्न तस्वीर नहीं है, बल्कि यह नग्न पुरुष और महिला का एक रेखा-चित्र है। इसमें महिला के साइड में एक DNA का चित्रण भी है और पुरुष के साइड में निचे गिरती चीज़ों के जरिए गुरुत्वाकर्षण को भी दर्शाया गया है।
रिपोर्ट कहती है कि BITG प्रोजेक्ट का मुख्य उद्देश्य बाहरी दुनिया में मौजूद किसी भी प्रकार के एलियन सभ्यता को मैसेज भेजना है। वैज्ञानिकों का मानना है कि हवा में हाथ हिलाते (अभिवादन करते) इंसानों का यह चित्र उन्हें बाहरी दुनिया के जीवन से संपर्क करने में मदद करेगा। इंसानो के साथ-साथ बाइनरी तरीके से बनाए गए DNA और ग्रैविटी को लेकर वज्ञानिकों का मानना है कि यह बाहरी जीवन को हमारे ग्रह के बारे में जानने में मदद करेगा।
The pixelated drawing of a man and a woman created by NASA
Photo Credit: NASA
वैज्ञानिकों का मानना है कि बाइनरी भाषा को बाहरी दुनिया में भी समझा जा सकता है। उनका कहना है कि "बाइनरी गणित का सबसे सरल रूप है क्योंकि इसमें केवल दो अपोज़िंग स्टेट शामिल हैं: शून्य और एक, हां या नहीं, काला या सफेद, द्रव्यमान या खाली स्थान।"
रिपोर्ट आगे बताती है कि नग्न इंसानों के चित्रण को अंतरिक्ष में भेजने की अवधारणा नई नहीं है। 1972 के पायनियर 10 और 1973 के पायनियर 11 मिशनों पर अंतरिक्ष में भेजे गए पायनियर प्लेक्स में नग्न मनुष्यों के चित्र भी थे। प्लेक्स (पट्टिकाओं) को यान के एंटेना से जोड़ा गया था, जो आज भी पृथ्वी से दूर सैर कर रहे हैं। पायनियर 10 ने पृथ्वी पर अपना अंतिम संकेत जनवरी 2003 में 7.6 अरब मील की दूरी से भेजा था।