NASA के जूनो मिशन (Juno Mission) ने हाल ही में 39वीं बार बृहस्पति ग्रह (Jupiter) के बेहद नजदीकी चक्कर लगाया और ग्रह के दक्षिणी गोलार्ध की एक अदभुत तस्वीर ली। हालांकि, तस्वीर को करीब से देखने पर पास के दो और पिंड भी दिखाई देते हैं, जो बृहस्पति के चंद्रमा Io और Europa हैं। जूनो इस साल जनवरी के मध्य में ग्रह के करीब से गुजरा था, लेकिन नासा ने पिछले हफ्ते इस तस्वीर को शेयर किया। जिस समय यह तस्वीर ली गई थी, उस समय जूनो अंतरिक्ष यान बृहस्पति के बादलों के टॉप से लगभग 61,000 किलोमीटर दूर, और लगभग 52 डिग्री दक्षिण के अक्षांश पर था। इसने रॉ डेटा को जमीनी कंट्रोल सेंटर में भेजा और नागरिक वैज्ञानिक एंड्रिया लक (Andrea Luck) ने उस डेटा का इस्तेमाल करके तस्वीर बनाई।
सौर मंडल के सबसे बड़े ग्रह बृहस्पति में 53 नामित चंद्रमा हैं और अन्य 26 को अभी तक आधिकारिक नाम नहीं मिले हैं। पथरीला चंद्रमा lo सौर मंडल में ज्वालामुखीय है, लेकिन यूरोपा की बर्फीली सतह के नीचे तरल पानी का एक महासागर छिपा है। जूनो इस साल सितंबर में यूरोपा को करीब से और अधिक विस्तृत रूप से देखेगा, जब यह दशकों बाद इसके सबसे पास से गुजरेगा।
NASA ने कहा है कि Juno यान 2023 के अंत और 2024 की शुरुआत में Io के करीब पहुंचेगा। नासा ने जूनोकैम द्वारा कैप्चर की गई रॉ इमेज उपलब्ध कराई हैं, ताकि Luck जैसे सिटिजन वैज्ञानिक इमेज प्रोडक्ट में डेटा को समझ सकें और संसाधित कर सकें।
Io बृहस्पति के चंद्रमाओं में तीसरा सबसे बड़ा और ग्रह से दूरी में पांचवां चंद्रमा है और यह पृथ्वी के चंद्रमा से थोड़ा बड़ा है। दूसरी ओर, यूरोपा जीवन को सपोर्ट करने के लिए पृथ्वी जैसा वातावरण वाला सबसे आशाजनक पिंड है। वैज्ञानिकों का मानना है कि इसने अपनी बर्फीली सतह के नीचे खारे पानी का एक महासागर छिपा रखा है। उस महासागर में पृथ्वी के महासागरों की तुलना में दोगुना पानी हो सकता है।
नासा ने जूनो अंतरिक्ष यान को 5 अगस्त, 2011 को बृहस्पति की 5 साल की यात्रा पर लॉन्च किया था। 1.7 अरब मील की यात्रा तय करने के बाद, यह 4 जुलाई, 2016 को ग्रह पर पहुंचा।
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