NASA ने हबल स्पेस टेलीस्कोप के पुराने डेटाबेस से खोजे 1,031 अज्ञात एस्ट्रॉयड का ग्रुप

एस्ट्रोनॉमर्स ने 30 अप्रैल 2002 और 14 मार्च 2021 के बीच हबल स्पेस टेलीस्कॉप पर ACS और WFC3 कैमरों द्वारा उत्पन्न 37,000 से अधिक कंपोजिट इमेज को इकट्ठा किया।

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नितेश पपनोई, अपडेटेड: 18 मई 2022 14:54 IST
ख़ास बातें
  • 1990 में लॉन्च किया गया था दुनिया का सबसे बड़ा स्पेस टेलीस्कोप Hubble
  • रिसर्चर्स ने पुराने डेटाबेस में स्टोर तस्वीरों से खोजे 1,701 एस्ट्रॉयड
  • इनमें से कई एस्ट्रॉयड्स का पता पहले ही लगाया जा चुका था

1990 में लॉन्च किया गया था दुनिया का सबसे बड़ा स्पेस टेलीस्कोप Hubble

Photo Credit: esahubble.org


पिछले 20 वर्षों में हबल स्पेस टेलीस्कोप द्वारा इकट्ठा किए गए डेटा में 1701 नए एस्ट्रॉयड ट्रेल्स का पता लगाने के लिए एस्ट्रोनॉमर्स ने मानव और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के एक जटिल कॉम्बिनेशन का इस्तेमाल किया है। रिसर्चर्स का मानना ​​​​है कि खोजे गए इन नए एस्ट्रॉयड से सोलर सिस्टम की शुरुआत के बारे में अहम जानकारियां दे सकते हैं, जब ग्रहों का निर्माण हुआ था। हबल टेलीस्कोप NASA का सबसे मूल्यवान टेलीस्कोप है, जिसने खगोल विज्ञान में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। दुनिया के इस सबसे बड़े स्पेस टेलीस्कोप को 1990 में लॉन्च किया गया था।

UK के डेली न्यूजपेपर Daily Express की रिपोर्ट के अनुसार, जून 2019 में, एस्ट्रोनॉमर्स के एक अंतरराष्ट्रीय ग्रुप ने हबल स्पेस टेलीस्कोप के आर्काइव डेटा की जांच की और इसमें छिपे हजारों एस्ट्रॉयड की पहचान करने के लिए Hubble Asteroid Hunter नाम का एक सिटिजन साइंस प्रोजेक्ट लॉन्च किया। इस प्रोजेक्ट का नेतृत्व करने वाले मैक्स प्लैंक इंस्टीट्यूट फॉर एक्स्ट्राटेरेस्ट्रियल फिजिक्स के सैंडोर क्रुक (Sandor Kruk) ने कहा "एक खगोलविद का कचरा दूसरे खगोलविद का खजाना हो सकता है।" वे आगे कहते हैं "खगोल विज्ञान आर्काइव में डेटा की मात्रा तेजी से बढ़ती है और हम इस अद्भुत डेटा का इस्तेमाल करना चाहते थे।"

रिपोर्ट कहती है कि एस्ट्रोनॉमर्स ने 30 अप्रैल 2002 और 14 मार्च 2021 के बीच हबल स्पेस टेलीस्कॉप पर ACS और WFC3 कैमरों द्वारा उत्पन्न 37,000 से अधिक कंपोजिट इमेज को इकट्ठा किया।

क्रुक कहते हैं कि "हबल की कक्षा और गति के कारण, तस्वीरों में धारियां घुमावदार दिखाई देती हैं, जिससे एस्ट्रॉयड ट्रेल्स को क्लासिफाई करना मुश्किल हो जाता है - या कंप्यूटर को यह बताना मुश्किल होता है कि उनका [एस्ट्रॉडय ट्रेल्स] का ऑटोमेटिक तरीके से कैसे पता लगाया जाए।" वे आगे कहते हैं कि इसी वजह से उन्हें [रिसर्चर्स] को साथियों की जरूरत पड़ी, जिनका इस्तेमाल बाद में उन्होंने मशीन लर्निंग एल्गोरिद्म को ट्रेन करने में किया।"

इस मेहनत के चलते क्रुक और साथी रिसर्चर्स अंत में 1,701 एस्ट्रॉयड के एक सेट को खोजने में सक्षम हुए। उन्होंने पाया कि इनमें से एक तिहाई एस्ट्रॉडय पहले से ही माइनर प्लैनेट सेंटर में खोजे जा चुके हैं, जिसके बाद अभी 1,031 अज्ञात ट्रेल्स का पता लगाना बचा है।
 

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