सूर्य से निकल रहीं रहस्‍यमयी तरंगें, क्‍या चल रहा है इस विशाल तारे के अंदर?

इस रिसर्च को न्यूयॉर्क यूनिवर्सिटी और मुंबई स्थित टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च (TIFR) ने मिलकर किया है।

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गैजेट्स 360 स्टाफ, अपडेटेड: 25 मार्च 2022 16:46 IST
ख़ास बातें
  • ये हाई-फ्रीक्‍वेंसी रेट्रोगेट (HFR) तरंगें है, जो भंवरों के रूप में हैं
  • ये तरंंगें सूर्य के रोटेशन की उल्‍टी दिशा में चलती हैं
  • फ‍िलहाल रिसर्चर्स समझना चाह रहे हैं कि तरंगें इतनी तेज को चलती हैं

रिसर्च का सबसे आश्चर्यजनक पहलू यह है कि ये तरंगें मौजूदा थ्‍योरी से भी तीन गुना ज्‍यादा तेज रफ्तार से आगे बढ़ती हैं।

Photo Credit: Unsplash/Nasa

सूर्य में होने वाली हलचलों पर नजर रखने वाले रिसर्चर्स ने रहस्‍यमयी वेव्‍स (तरंगों) के ग्रुप का पता लगाया है। ये तरंगें सूर्य से निकलती हैं और पहले लगाए गए अनुमान से भी तीन गुना तेज यात्रा करती हैं। रिसर्चर्स को लगता है कि ये तरंगें उन्हें सूर्य के अंदरूनी हिस्सों को समझने में मदद कर सकती हैं। करीब 25 साल के डेटा को स्‍टडी करने के बाद इन तरंगों की खोज हुई है। ये हाई-फ्रीक्‍वेंसी रेट्रोगेट (HFR) तरंगें है, जो सौर सतह पर भंवरों के रूप में दिखाई देती हैं और सूर्य के रोटेशन की उल्‍टी दिशा में चलती हैं।

इस रिसर्च को न्यूयॉर्क यूनिवर्सिटी और मुंबई स्थित टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च (TIFR) ने मिलकर किया है। रिसर्च का सबसे आश्चर्यजनक पहलू यह है कि ये तरंगें मौजूदा थ्‍योरी से भी तीन गुना ज्‍यादा तेज रफ्तार से आगे बढ़ती हैं। सूर्य के आंतरिक क्षेत्रों में क्‍या हो रहा है, इसके लिए भी इन तरंगों की स्‍टडी जरूरी है। तारों को अबतक जितना समझा गया है, उसमें HFR तरंगें नई पहले साबित हो सकती हैं। फ‍िलहाल तो रिसर्चर्स यह समझना चाह रहे हैं कि आखिर क्‍यों ये तरंगें इतनी तेज गत‍ि से चलती हैं। 

नेचर एस्ट्रोनॉमी जर्नल में प्रकाशित अपने अध्ययन में रिसर्चर्स ने लिखा है कि इन तरंगों का यह अनजाना स्‍वभाव इनके फ‍िजिक्‍स और सोलर डायनैमिक्‍स के बारे में और समझने को कहता है। HFR तरंगों का अस्तित्व और उनकी उत्पत्ति एक रहस्य है। यह सूर्य के अंदर हो रही हलचलों को समझने में मदद कर सकता है। वैज्ञानिकों को उम्मीद है कि वे इन तरंगों का अध्ययन करके पृथ्वी और हमारे सौर मंडल के दूसरे ग्रहों पर सूर्य के असर को समझ सकेंगे।

विज्ञान से जुड़ी अन्‍य खबरों की बात करें, तो हाल ही में वैज्ञानिकों ने हमारे सौर मंडल के बाहर 5000 से ज्‍यादा ग्रहों के होने की पुष्टि की है। आज से कई साल पहले तक वैज्ञानिकों को चुनिंदा ग्रहों के बारे में जानकारी थी, लेकिन दुनिया को जानने की उत्‍सुकता ने उन्‍हें इस मुकाम तक पहुंचा दिया है। अपने एक्सोप्लैनेट आर्काइव में नासा ने 65 ग्रहों का नया बैच शामिल किया है, जो हमारी मौजूदा सोलर फैमिली के बाहर हैं। इस तरह सौर मंडल के बाहर 5000 से ज्‍यादा ग्रह बीते 30 साल में खोजे जा चुके हैं। एक्सोप्लैनेट आर्काइव उन खोजों को रिकॉर्ड करता है, जिन्‍हें पहचानने के लिए कई तरीके इस्‍तेमाल किए जाते हैं और फ‍िर उनके होने की पुष्टि की जाती है।  
 
 

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