पृथ्वी से आज टकराएगा सौर तूफान, कम्युनिकेशन सैटेलाइट और GPS सर्विस को बड़ा खतरा!

NASA का कहना है कि सूरज 11 साल लम्बी एक सोलर साइकिल को पूरा करता है।

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हेमन्त कुमार, अपडेटेड: 23 जुलाई 2022 15:16 IST
ख़ास बातें
  • 2023 में सूरज इसके सोलर मैक्सिमम फेज में होगा, ऐसा कहा जा रहा है
  • G5 क्लास के सौर तूफान पावर ग्रिड तक को तबाह कर सकते हैं
  • धरती के कम्युनिकेशन सिस्टम और सैटेलाइट्स को हो सकता है बड़ा नुकसान

सौर तूफान सूर्य की सतह पर पैदा होते हैं जो दूसरे ग्रहों को प्रभावित करते हैं।

अंतरिक्ष वैज्ञानिकों ने कहा है कि पृथ्वी से आज एक सौर तूफान टकराने जा रहा है जिसका असर इस वीकेंड के दौरान जारी रहेगा। इसके बारे में कहा गया है कि यह कोरोनल मास इजेक्शन (CMS) होगा। यानि कि यह सूर्य की सतह पर होने वाले विस्फोट होते हैं जिनमें प्लाज्मा और मेगनेटिक रेडिएशन निकलते हैं। यह सौर तूफान आज और कल दोनों दिन पृथ्वी से टकराने की संभावना जताई गई है। अभी तक वैज्ञानिक यह भी तय नहीं कर पाए हैं कि ये दोनों सौर तूफान एक के बाद एक करके टकराएंगे या फिर दोनों साथ में मिलकर एक अधिक बड़े, शक्तिशाली सौर तूफान में तब्दील हो जाएंगे। इनके टकराने के समय पर कई सारी चीजें निर्भर करती हैं। एक फुल हालो कोरोनल मास इजेक्शन (CME), G-3 क्लास के सोलर तूफान जितना शक्तिशाली हो सकता है जो कि धरती के कम्युनिकेशन सिस्टम को नुकसान पहुंचा सकता है। इतना ही नहीं, यह ऊंचे ऑर्बिट में घूम रहे सैटेलाइट्स को भी भारी नुकसान पहुंचा सकता है। 

Halo CME नामक ट्विटर अकाउंट पर एक रिपोर्ट जारी की गई है जिसमें कहा गया है कि एक बड़ा सौर तूफान धरती की ओर बढ़ रहा है जिसे सोलर सुनामी भी कहा गया है। यह G1-G2 क्लास सौर तूफान होना तो तय है, लेकिन इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता कि यह G-3 क्लास सोलर तूफान में भी तब्दील हो सकता है। Spaceweather ने भी इसे लेकर भविष्यवाणी की है। यह धरती के मेग्नेटिक फील्ड से टकराएगा और इससे धरती के कम्युनिकेशन सिस्टम और सैटेलाइट्स को नुकसान पहुंच सकता है। 

NASA का कहना है कि सूरज 11 साल लम्बी एक सोलर साइकिल को पूरा करता है। यानि कि यह सोलर साइकिल एक बार शुरू होकर 11 साल तक चलती है। इस साइकिल में सोलर गतिविधि पहले बढ़ती है और फिर कम हो जाती है। जैसे ही साइकिल खत्म होने को होती है, इसमें गतिविधि बिल्कुल कम होती जाती है। गतिविधि के सबसे ऊंचे बिंदु को सोलर मैक्सिमम कहा जाता है, जब सौर तूफान जैसी गतिविधि सबसे अधिक बढ़ जाती हैं। 2023 में सूरज इसके सोलर मैक्सिमम फेज में होगा, ऐसा कहा जा रहा है। 

वैज्ञानिकों को कहना है कि जैसे जैसे सोलर मैक्सिमम नजदीक आने लगता है, स्पेस में सूरज के कारण मौसमी गतिविधियां तेज होने लगती हैं। वर्तमान में जो सौर तूफान धरती से टकरा रहा है उसे G3 क्लास का बताया जा रहा है। G3 क्लास के सौर तूफान से सैटेलाइट्स को मामूली नुकसान पहुंचने की संभावना होती है, और यह जीपीएस आदि में भी रुकावट पैदा कर सकता है। जबकि G5 क्लास के सौर तूफान पावर ग्रिड तक को तबाह कर सकते हैं, जगह जगह आग लग सकती है और इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स को भी नुकसान पहुंचा सकते हैं। 
 

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हेमन्त कुमार Gadgets 360 में सीनियर ...और भी

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