मंगल ग्रह से जुटाए जा रहे सैंपल ऐसे लाए जाएंगे पृथ्‍वी पर, देखें रोमांचित करने वाला वीडियो

Mars Sample Return : 1 मिनट 46 सेकंड का यह वीडियो रोमांचित करने वाला है। इसकी शुरुआत एक अंतरिक्ष यान से होती है, जो मंगल ग्रह की ओर बढ़ रहा है।

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Written by प्रेम त्रिपाठी, Edited by आकाश आनंद, अपडेटेड: 5 दिसंबर 2022 11:29 IST
ख़ास बातें
  • साल 2033 तक वापस लाए जाएंगे सैंपल
  • नासा ने एनिमेशन के जरिए यह समझाया है
  • वीडियो रोमांचित करने वाला है

मौजूदा वक्‍त में नासा का Perseverance रोवर मंगल ग्रह के जेजेरो क्रेटर में सैंपल कलेक्शन के प्रोसेस में लगा हुआ है।

अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा (Nasa) मंगल ग्रह से जुटाए जा रहे सैंपलों को पृथ्‍वी पर वापस लाने की तैयारी कर रही है। इस मिशन में उसे यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी यानी ESA का सहयोग भी मिलेगा। इसे नाम दिया गया है, मार्स सैंपल रिटर्न कैंपेन (NASA Mars Sample Return Campaign), जो साल 2033 तक मंगल ग्रह से सैंपलों को पृथ्‍वी पर पहुंचाएगा। कुछ समय पहले नासा ने बताया था कि उसने इस मिशन के लिए सिस्टम जरूरतों की समीक्षा कर ली है। अब एक वीडियो के जरिए नासा ने बताया है कि किस तरह से मंगल ग्रह से जुटाए जा रहे सैंपलों को पृथ्‍वी पर पहुंचाया जाएगा। वीडियो बेहद दिलचस्‍प है, जिसे आपको भी देखना चाहिए। 

1 मिनट 46 सेकंड का यह वीडियो रोमांचित करने वाला है। इसकी शुरुआत एक अंतरिक्ष यान से होती है, जो मंगल ग्रह की ओर बढ़ रहा है। मौजूदा वक्‍त में नासा का Perseverance रोवर मंगल ग्रह के जेजेरो क्रेटर में सैंपल कलेक्शन के प्रोसेस में लगा हुआ है। NASA का मानना है कि इस आर्किटेक्चर से भविष्य के मिशनों की जटिलता को कम करने और सफलता की संभावना को बढ़ाने की उम्मीद है।



वीडियो दिखाता है कि पर्सवेरेंस रोवर उस लैंडर तक पहुंच जाता है, जो मंगल ग्रह से सैंपल ले जाने आया है। रोवर मंगल ग्रह से जुटाए गए सैंपलों को सैंपल कंटेनमेंट सिस्‍टम में पहुंचा देता है। उसके बाद रोवर को दो-स्‍टेज वाले रॉकेट में ब्‍लास्‍ट किया जाता है। इसका सेकंड स्‍टेज यूरोपीय स्‍पेस एजेंसी के एमएसआर ऑर्बिटर में जाकर मिल जाता है, जो पृथ्‍वी के लिए रवाना होता है। 

इस वीडियो को नासा की जेट प्रोपल्शन लेबोरेटरी, गोडार्ड स्पेस फ्लाइट सेंटर, मार्शल स्पेस फ्लाइट सेंटर और ESA ने मिलकर तैयार किया है। MSR लैंडर, मार्स रॉकेट और ESA ऑर्बिटर साल 2028 के आसपास लॉन्च होने वाले हैं। ये साल 2031 में मंगल ग्रह पर लैंड करेंगे और साल 2033 में पृथ्वी पर लौटेंगे। नासा का कहना है कि मंगल ग्रह के सैंपलों को पृथ्वी पर लाने से दुनिया भर के वैज्ञानिकों को खास उपकरणों का उपयोग करके सैंपल की जांच करने की अनुमति मिलेगी और आने वाली पीढ़ियां उनका अध्ययन करने में सक्षम होंगी।
 

 

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प्रेम त्रिपाठी Gadgets 360 में चीफ ...और भी

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