मंगल पर कभी था जीवन? वैज्ञानिकों ने स्टडी किया 1.3 अरब साल पुराना उल्का पिंड

वैज्ञानिक सबसे पहले जीवन को तलाशने के लिए हाइड्रोजन को खोजने की ही उम्मीद करते हैं क्योंकि हम जानते हैं कि पानी जीवन के लिए पहली जरूरत है।

विज्ञापन
गैजेट्स 360 स्टाफ, अपडेटेड: 15 मई 2022 18:42 IST
ख़ास बातें
  • शोध में पता चला उल्का पिंड के छोटे हिस्से ने पानी से किया होगा रिएक्ट
  • हाइड्रोजन के अवशेष तलाशना वैज्ञानिकों की पहली प्राथमिकता
  • उल्का पिंड के टुकड़े में जीवन के लिए उपयुक्त वातावरण की नहीं हुई पुष्टि

शोध में पता चला कि उल्का पिंड के छोटे से हिस्से ने ही पानी के साथ रिएक्ट किया होगा।

मंगल ग्रह के बारे में एक सवाल हर किसी के मन में उठता है। चूंकि यह पृथ्वी के करीबी ग्रहों में से है, तो क्या यहां पर कभी जीवन रहा होगा? वैज्ञानिकों को भी इस सवाल ने सालों से उलझाया हुआ है। इसके बारे में लगातार शोध जारी है। बहुत उम्मीद है कि इसके संबंध में एक निष्कर्षपूर्ण उत्तर वैज्ञानिक जल्द खोज लेंगे। नासा ने लक्ष्य रखा है कि मंगल ग्रह से सैम्पलों को 2030 तक धरती पर ले आएगी। ये ऐसे सैम्पल होंगे जिनसे मंगल ग्रह पर जीवन के सबूतों को पता लगाया जा सकेगा। हालांकि, वैज्ञानिक उल्का पिंडों के रूप में मंगल के पदार्थों की स्टडी कर रहे हैं। स्वीडन में Lund University में शोधकर्ताओं ने मंगल के 1.3 अरब साल पुराने उल्का पिंक को स्टडी किया है और पाया कि इसे पानी का सीमित एक्सपोजर मिला है। दूसरे शब्दों में, उस खास समय और जगह पर जीवन के होने की संभावना नहीं थी।

वैज्ञानिकों ने न्यूट्रॉन और एक्स-रे टोमोग्राफी का इस्तेमाल किया। यह वही तकनीक है जो परसेवरेंस रोवर द्वारा लाए गए सैम्पलों को स्टडी करने के लिए इस्तेमाल की जाएगी। इस तकनीक का इस्तेमाल इसलिए किया गया क्योंकि वैज्ञानिक पता लगाना चाहते थे कि क्या कभी वहां कोई बड़ा हाइड्रोथर्मल सिस्टम मौजूद रहा होगा, जो कि जीवन के लिए पनपने के लिए उपयुक्त रहा होगा। एक्स रे टोमोग्राफी एक आम तरीका है किसी वस्तु को नुकसान पहुंचाए बिना उसे स्टडी करने का। न्यूट्रॉन टोमोग्राफी इसलिए इस्तेमाल की गई क्योंकि न्यूट्रॉन हाइड्रोजन के लिए बहुत सेंसिटिव होते हैं। 

वैज्ञानिक सबसे पहले जीवन को तलाशने के लिए हाइड्रोजन को खोजने की ही उम्मीद करते हैं क्योंकि हम जानते हैं कि पानी जीवन के लिए पहली जरूरत है। लन्ड यूनिवर्सिटी में जियोलॉजी डॉक्ट्रल स्टूडेंट ने कहा, "हम जांच करना चाहते थे कि उल्का पिंड ने पानी के साथ कितना रिएक्ट किया होगा, जब ये मंगल की चट्टान का हिस्सा था।" 

शोध में पता चला कि उल्का पिंड के छोटे से हिस्से ने ही पानी के साथ रिएक्ट किया होगा। इसका मतलब है कि मंगल की ऊपर सतह पर मिले सैम्पल में उस समय पर जीवन को पनाह देने वाली कोई बात नहीं थी। Science Advances नाम के जर्नल में भी वैज्ञानिकों के इस स्टडी को प्रकाशित किया है। वैज्ञानिकों को उम्मीद है कि उनकी खोज नासा के वैज्ञानिकों के लिए भी मददगार होगी, जब वे मंगल से सैम्पल लेकर वापस धरती पर लौटेंगे।  
 
 

लेटेस्ट टेक न्यूज़, स्मार्टफोन रिव्यू और लोकप्रिय मोबाइल पर मिलने वाले एक्सक्लूसिव ऑफर के लिए गैजेट्स 360 एंड्रॉयड ऐप डाउनलोड करें और हमें गूगल समाचार पर फॉलो करें।

ये भी पढ़े: , Mars, life on Mars, Study Of life Mars

द रेजिडेंट बोट । अगर आप मुझे ...और भी

Advertisement
Popular Brands
#ट्रेंडिंग टेक न्यूज़
  1. OnePlus 13s vs iPhone 16e vs Vivo X200 FE: तीनों के बीच कड़ी टक्कर,देखें कौन है बेस्ट
#ताज़ा ख़बरें
  1. OnePlus 13s vs iPhone 16e vs Vivo X200 FE: तीनों के बीच कड़ी टक्कर,देखें कौन है बेस्ट
  2. Google Pay, Paytm और PhonePe यूजर्स के लिए बड़ा अपडेट, अब बार-बार नहीं कर पाएंगे ये काम, 1 अगस्त से लागू होंगे
  3. आपके नाम पर कितने सिम कार्ड हैं रजिस्टर्ड, घर बैठे ऐसे करें चेक
  4. MG Motor ने भारत में लॉन्च की इलेक्ट्रिक स्पोर्ट्स कार Cyberster, 200 kmph की टॉप स्पीड 
  5. iQOO जल्द लॉन्च करेगी Z10 Turbo+, MediaTek Dimensity 9400+ चिपसेट
  6. Battlefield 6 गेम का धमाकेदार ट्रेलर रिलीज, 31 जुलाई को दिखाया जाएगा मल्टीप्लेयर गेमप्ले; यहां देखें वीडियो
  7. Honor Pad X7 टैबलेट 7020mAh बैटरी, लेटेस्ट Android 15 OS के साथ हुआ लॉन्च, जानें कीमत
  8. भारत ने किया ULPGM-V3 का सफल टेस्ट, ड्रोन से छोड़ी जाती है मिसाइल, जानें सब कुछ
  9. Amazon की Great Freedom Festival 2025 Sale 1 अगस्त से होगी शुरू, मिलेंगे ये ऑफर्स
  10. Lava ने 50MP कैमरा, 5000mAh बैटरी वाला किफायती फोन Blaze Dragon 5G किया लॉन्च, जानें कीमत
Download Our Apps
Available in Hindi
© Copyright Red Pixels Ventures Limited 2025. All rights reserved.