Mangalyaan-2 : मंगल ग्रह पर दूसरी बार स्‍पेसक्राफ्ट भेजेगा ISRO, तैयार कर रहा मिशन! जानें अपडेट

Mangalyaan-2 : इसरो के नए मार्स मिशन को मार्स ऑर्बिटर मिशन-2 (Mars Orbiter Mission-2 (MOM-2) कहा जा सकता है।

विज्ञापन
Written by प्रेम त्रिपाठी, अपडेटेड: 4 अक्टूबर 2023 09:59 IST
ख़ास बातें
  • नए मिशन की तैयारी में जुुटा इसरो
  • मंगल ग्रह पर दोबारा स्‍पेसक्राफ्ट भेजने की तैयारी
  • मार्स ऑर्बिटर मिशन-2 पर चल रहा काम

स्‍पेसक्राफ्ट में 4 पेलोड लगे होंगे। चारों को अलग-अलग भूमिका के लिए सिलेक्‍ट किया गया है।

Chandrayaan-3 और Aditya-L1 मिशन की कामयाबी के बाद भारतीय स्‍पेस एजेंसी इसरो (ISRO) नए मिशनों की योजना बना रही है। उन्‍हीं में से एक हो सकता है Mangalyaan-2 (मंगलयान-2) मिशन। करीब 9 साल पहले 2014 में इसरो ने अपने पहले मार्स मिशन (ISRO Mars mission) को रवाना किया था। अब नए मकसदों के साथ मंगलयान-2 की तैयारी की जा रही है। मंगलयान-1 के जरिए इसरो के स्‍पेसक्राफ्ट ने मंगल ग्रह की कक्षा में प्रवेश किया था। मंगलयान-2 इससे आगे के लक्ष्‍यों पर फोकस करेगा। 

इसरो के नए मार्स मिशन को मार्स ऑर्बिटर मिशन-2 (Mars Orbiter Mission-2 (MOM-2) कहा जा सकता है। फ‍िजिकल रिसर्च लेबोरेटरी की रिपोर्ट के अनुसार, स्‍पेसक्राफ्ट में 4 पेलोड लगे होंगे। चारों को अलग-अलग भूमिका के लिए सिलेक्‍ट किया गया है। इनकी मदद से मंगल ग्रह के वायुमंडल, पर्यावरण और वहां की धूल को स्‍टडी किया जाएगा। 
 

ये पेलोड होंगे MOM-2 मिशन का हिस्‍सा 

जिन 4 पेलोड को मंगलयान-2 के साथ अटैच किए जाने की योजना है। उनमें मार्स ऑर्बिट डस्ट एक्सपेरिमेंट (MODEX), रेडियो ऑकल्टेशन (RO) एक्‍सपेरिमेंट, एनर्जेटिक आयन स्पेक्ट्रोमीटर (EIS) और लैंगमुइर प्रोब एंड इलेक्ट्रिक फील्ड एक्सपेरिमेंट (LPEX) शामिल हैं।

बात करें MODEX की, तो उसे मंगल ग्रह के ऊंचाई वाले इलाकों को टटोलने के लिए डिजाइन किया गया है। RO एक्‍सपेरिमेंट की मदद से मंगल ग्रह की इलेक्‍ट्रॉन डेंसिटी का पता लगाया जाएगा। EIS का काम होगा सोलर एनर्जी पार्टिकल्‍स और सुपर थर्मल विंड पार्टिकल्‍स को स्‍टडी करना। वहीं, LPEX पेलोड के जरिए मंगल ग्रह के प्‍लाज्‍मा एनवायरनमेंट के बारे में गहराई से पता लगाया जाएगा। 

मंगलयान-2 मिशन कब लॉन्‍च होगा, इस बारे में आधिकारिक रूप से कुछ नहीं बताया गया है। मिशन से जुड़ी कई चीजें अभी डेवलपमेंट के चरण में हैं। उम्‍मीद की जानी चाहिए कि अगले साल या 2025 तक मिशन मंगल के लिए भारत एक बार फ‍िर उड़ान भर सकता है। 
Advertisement

 
 

लेटेस्ट टेक न्यूज़, स्मार्टफोन रिव्यू और लोकप्रिय मोबाइल पर मिलने वाले एक्सक्लूसिव ऑफर के लिए गैजेट्स 360 एंड्रॉयड ऐप डाउनलोड करें और हमें गूगल समाचार पर फॉलो करें।

Advertisement
Popular Brands
#ट्रेंडिंग टेक न्यूज़
  1. Vivo V60 vs Oppo Reno 14 5G vs iQOO Neo 10: कंपेरिजन से जानें कौन है बेहतर?
  2. AI सुपरपावर रैंकिंग में अमेरिका टॉप पर, लेकिन भारत ने चीन को पछाड़ा
  3. Realme P4 Pro 5G vs Vivo Y400 5G vs OnePlus Nord CE 5 5G: जानें 30 हजार में कौन है बेस्ट
#ताज़ा ख़बरें
  1. Vivo V60 vs Oppo Reno 14 5G vs iQOO Neo 10: कंपेरिजन से जानें कौन है बेहतर?
  2. Realme P4 Pro 5G vs Vivo Y400 5G vs OnePlus Nord CE 5 5G: जानें 30 हजार में कौन है बेस्ट
  3. AI सुपरपावर रैंकिंग में अमेरिका टॉप पर, लेकिन भारत ने चीन को पछाड़ा
  4. भारत के लेटेस्ट वाटरप्रूफ स्मार्टफोन, नहीं होंगे पानी में भी खराब, जैसे मर्जी करें इस्तेमाल
  5. अब बिहार पुलिस बनेगी Digital Police! FIR से लेकर सबूत तक होगा ऑनलाइन
  6. Honor की Magic 8 सीरीज के लॉन्च की तैयारी, 4 मॉडल हो सकते हैं शामिल
  7. ऑनलाइन मनी गेमिंग पर बैन के खिलाफ कोर्ट जा सकती हैं बड़ी गेमिंग कंपनियां
  8. Samsung के Galaxy S26 Pro और Galaxy S26 Edge में मिल सकता है Exynos 2600 चिपसेट
  9. itel ZENO 20 भारत में लॉन्च: 5000mAh बैटरी, 128GB तक स्टोरेज और बड़ा डिस्प्ले, कीमत Rs 5,999 से शुरू
  10. Vivo T4 Pro जल्द होगा भारत में लॉन्च, 50 मेगापिक्सल Sony प्राइमरी कैमरा
Download Our Apps
Available in Hindi
© Copyright Red Pixels Ventures Limited 2025. All rights reserved.