हाल ही में एक भीषण भूकंप की त्रासदी झेलने के बाद इंडोनेशिया (Indonesia) फिर आपदा जैसे हालात का सामना कर रहा है। यहां का सबसे ऊंचा ज्वालामुखी माउंट सेमेरू (Mount Semeru) फट गया है। रविवार 4 दिसंबर को इसमें अचानक विस्फोट हो गया। विस्फोट के बाद पहाड़ की चोटी से लावा के साथ गर्म राख और गैसें निकलीं। इसकी चपेट में आसपास के कई गांव आए हैं। विस्फोट वाले इलाके के 8 किलोमीटर एरिया को खाली करा दिया गया है। वहां नो-गो जोन नियम लागू करना पड़ा है।
रिपोर्ट्स के अनुसार, यह ज्वालामुखी कई दिनों से सुलग रहा था। तेज बारिश के कारण इसका लावा टूट गया। इसके साथ निकली गर्म राख और गैसों के साथ लावा कई किलोमीटर तक बहता हुआ चला गया। इंडोनेशिया के नेशनल डिजास्टर मैनेजमेंट एजेंसी के प्रवक्ता अब्दुल मुहारी ने बताया है कि ज्वालामुखी विस्फोट के बाद आसपास के कई गांव राख के ढेर में धुंधले पड़ गए हैं। करीब 8 किलोमीटर एरिया से लोगों को बाहर निकाला गया है। राख के कारण आसमान काला दिखाई दे रहा है। दिन में भी लोगों को लाइट्स जलानी पड़ रही हैं।
अच्छी बात है कि बारिश अब कम हो गई है, जिससे लावा का नदी के रूप में बहना भी कम हुआ है। रविवार को तो स्थिति चौंकाने वाली हो गई थी। जिस जगह यह लावा फटा है, वह राजधानी जकार्ता से करीब 800 किलोमीटर दूर है। माउंट सेमेरू को इंडोनेशिया का सबसे ऊंचा ज्वालामुखी बताया जाता है। इस देश में ज्वालामुखी विस्फोट होते रहते हैं। करीब 142 ज्वालामुखी यहां एक्टिव हैं। माउंट सेमेरू में विस्फोट से अभी किसी की मौत की खबर नहीं है। हालांकि पिछले साल जब यह ज्वालामुखी फटा था, तो करीब 50 लोगों को जान गंवानी पड़ी थी।
इस बार जब विस्फोट हुआ तो नदी के रूप में लावा 8 किलोमीटर के एरिया को अपनी जद में ले गया। फौरन स्थानीय लोगों को सुरक्षित जगहों पर पहुंचाया गया। रिपोर्ट्स के अनुसार, इंडोनेशिया जिस जगह में स्थित है, वहां मौजूद प्लेटों में टकराव हो रहा है। तीन प्लेटों में टकराव के कारण यहां ज्वालामुखी विस्फोट होते हैं। इसी वजह से यहां भूकंप भी ज्यादा आते हैं और नुकसान की वजह से लोगों की जान जाती है। इंडोनेशिया में ज्वालामुखी की त्रासदियां अबतक हजारों लोगों की जान ले चुकी है।
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