भारत के Aditya-L1 की इस खोज ने 'दुनिया को बचा लिया'! सौर तूफान के बारे में हाथ लगा अहम डेटा

भारत का महत्वाकांक्षी अंतरिक्ष मिशन Aditya-L1 सूर्य के बारे में जानकारी जुटाने में लगा है।

विज्ञापन
Written by हेमन्त कुमार, अपडेटेड: 27 नवंबर 2024 15:22 IST
ख़ास बातें
  • सूर्य की सबसे ऊपरी परत कोरोना पर होने वाली घटना के बारे में मिली जानकारी।
  • वैज्ञानिकों को कोरोनल मास इजेक्शन के शुरू होने का सटीक टाइम पता चला।
  • CME का वजन खरबों किलोग्राम तक हो सकता है।

Aditya-L1 पर लगे उपकरण ने कोरोनल मास इजेक्शन (CME) के बारे में डेटा इकट्ठा किया।

Photo Credit: iStock/solarseven

भारत का महत्वाकांक्षी अंतरिक्ष मिशन Aditya-L1 सूर्य के बारे में जानकारी जुटाने में लगा है। हाल ही में वैज्ञानिकों ने Aditya-L1 की ओर से आए पहले वैज्ञानिक रिजल्ट को जारी किया था। Aditya-L1 भारत का पहला सोलर मिशन है। 16 जुलाई को इसके 7 जरूरी उपकरणों में से एक विजिबल एमिशन लाइन कोरोनाग्राफ ने एक महत्वपूर्ण जानकारी दी। 

Aditya-L1 पर लगे विजिबल एमिशन लाइन कोरोनाग्राफ (Velc) ने कोरोनल मास इजेक्शन (CME) के बारे में डेटा इकट्ठा किया। सूर्य की सतह लगातार धधक रही है और इसमें से लावा जैसे दिखने वाले ऊर्जा के फव्वारे छूटते देखे गए हैं। यह सूर्य की सबसे ऊपरी परत कोरोना पर होने वाली घटना है। इसलिए इसे कोरोनल मास इजेक्शन कहा जाता है। उपकरण Velc ने इसके बारे में एक महत्वपूर्ण डेटा वैज्ञानिकों के पास भेजा। BBC के अनुसार, इस डेटा से वैज्ञानिकों को कोरोनल मास इजेक्शन के शुरू होने का सटीक टाइम पता चला। यानी मास इजेक्शन कब होगा और यह किस दिशा में जाएगा, अब पहले से पता लगाए जाने की संभावना बहुत ज्यादा बढ़ गई है। 

Velc उपकरण को डिजाइन करने वाले, इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ एस्ट्रोफिजिक्स के प्रोफेसर, आर रमेश के अनुसार कोरोनल मास इजेक्शन या CME आग के ऐसे गोले होते हैं जो सूर्य की सतह से फूटते रहते हैं। ये ऊर्जा के कणों से मिलकर बने होते हैं। CME का वजन खरबों किलोग्राम तक हो सकता है। इनकी स्पीड 3000 किलोमीटर प्रतिसेकेंड तक हो सकती है। ये किसी भी दिशा में बढ़ सकते हैं। यहां तक कि पृथ्वी की तरफ भी। 

इस तरह से जब कोई CME पृथ्वी की तरफ बढ़ता है तो यह अपनी टॉप स्पीड पर चलते हुए धरती तक पहुंचने में 15 घंटे का समय लेता है। क्योंकि सूर्य और धरती के बीच की दूरी 15 करोड़ किलोमीटर है। 16 जुलाई को कैप्चर किए गए CME के बारे में डिवाइस ने डेटा इकट्ठा किया। यह 13:08 GMT पर शुरू हुआ था। Astrophysical Journal Letters में इस कोरोनल मास इजेक्शन के बारे में पब्लिश भी किया गया जिसमें कहा गया कि यह धरती की तरफ ही पैदा हुआ था। लेकिन इसके पैदा होने के आधे घंटे के भीतर ही इसकी दिशा में परिवर्तन हो गया और यह दूसरी दिशा की तरफ बढ़ गया। यह पृथ्वी से काफी दूर था इसलिए इसका प्रभाव यहां तक पहुंच नहीं सका। 

सौर तूफान, कोरोनल मास इजेक्शन लगातार धरती के वायुमंडल को प्रभावित करते आ रहे हैं। ये अंतरिक्ष के वातावरण को भी प्रभावित करते हैं जहां पर पृथ्वी की बाहरी कक्षा में लगभग 7800 सैटेलाइट्स मौजूद हैं, इनमें से 50 भारत के भी हैं। प्रोफेसर आर रमेश के अनुसार वर्तमान में हमारी रोजमर्रा की जिंदगी काफी हद तक इन सैटेलाइट्स पर निर्भर हो चुकी है क्योंकि इंटरनेट कनेक्शन समेत अधिकतर कम्युनिकेशन इन्हीं के माध्यम से होता है। इसलिए कोरोनल मास इजेक्शन से सावधान रहने की जरूरत है क्योंकि ये पृथ्वी के मेग्नेटिक फील्ड के साथ-साथ सैटेलाइट्स को भी नुकसान पहुंचा सकते हैं। 
 
 

लेटेस्ट टेक न्यूज़, स्मार्टफोन रिव्यू और लोकप्रिय मोबाइल पर मिलने वाले एक्सक्लूसिव ऑफर के लिए गैजेट्स 360 एंड्रॉयड ऐप डाउनलोड करें और हमें गूगल समाचार पर फॉलो करें।

ये भी पढ़े:

हेमन्त कुमार Gadgets 360 में सीनियर ...और भी

Advertisement
Popular Brands
#ट्रेंडिंग टेक न्यूज़
  1. स्मार्टवॉच नहीं, लाइफसेवर! बेहोश हुए ड्राइवर की लोकेशन भेजकर बुला दी एम्बुलेंस
  2. AI सीख लो नहीं तो जाएगी नौकरी! 10 में से 3 कंपनियों ने कस ली कमर, इन डिपार्टमेंट पर गिरेगी गाज
  3. iPhone 18 Pro का डिजाइन होगा 17 Pro से काफी अलग, लीक में हुआ खुलासा
#ताज़ा ख़बरें
  1. Solar Eclipse 2026: दिन में छाएगा घनघोर अंधेरा! अगले साल इस दिन लगेगा पूर्ण सूर्य ग्रहण, नोट कर लें टाइम
  2. OnePlus 15 लॉन्च से पहले कीमत हो गई लीक! 12GB रैम, 7300mAh बैटरी के साथ मिलेगा पावरफुल प्रोसेसर
  3. Honor 500 सीरीज जल्द होगी लॉन्च, 8,000mAh तक हो सकती है बैटरी 
  4. स्मार्टवॉच नहीं, लाइफसेवर! बेहोश हुए ड्राइवर की लोकेशन भेजकर बुला दी एम्बुलेंस
  5. GoPro लाई धांसू एक्शन कैमरा, AI गिम्बल! 8K वीडियो, लम्बी बैटरी जैसे फीचर्स, जानें कीमत
  6. अपने फोन में तुरंत बदल लें ये 2 सेटिंग्स, हैकर्स से हमेशा रहोगे सेफ!
  7. Vivo X300 सीरीज जल्द होगी भारत में लॉन्च, MediaTek Dimensity 9500 हो सकता है चिपसेट
  8. Vivo Y500 Pro vs Realme P4 Pro 5G vs Oppo F31 5G: देखें तुलना कौन है बेहतर
  9. AI का इस्तेमाल करते वक्त इन 5 बातों का रखें ध्यान, नहीं तो पड़ जाएंगे मुसीबत में
  10. Moto G67 Power 5G की भारत में शुरू हुई बिक्री, जानें प्राइस, ऑफर्स
Download Our Apps
Available in Hindi
© Copyright Red Pixels Ventures Limited 2025. All rights reserved.