• होम
  • विज्ञान
  • ख़बरें
  • सच साबित हुई आइंस्टीन की भविष्यवाणी, वैज्ञानिकों ने गुरुत्वीय तरंगों की खोज की

सच साबित हुई आइंस्टीन की भविष्यवाणी, वैज्ञानिकों ने गुरुत्वीय तरंगों की खोज की

अंतरिक्ष विज्ञान के क्षेत्र में उस समय खुशी की लहर पैदा हो गई, जब वैज्ञानिकों ने यह घोषणा की कि उन्होंने अंतत: उन गुरुत्वीय तरंगों की खोज कर ली है, जिसकी भविष्यवाणी आइंस्टीन ने एक सदी पहले ही कर दी थी।

सच साबित हुई आइंस्टीन की भविष्यवाणी, वैज्ञानिकों ने गुरुत्वीय तरंगों की खोज की
विज्ञापन
अंतरिक्ष विज्ञान के क्षेत्र में उस समय खुशी की लहर पैदा हो गई, जब वैज्ञानिकों ने यह घोषणा की कि उन्होंने अंतत: उन गुरुत्वीय तरंगों की खोज कर ली है, जिसकी भविष्यवाणी आइंस्टीन ने एक सदी पहले ही कर दी थी।

वैज्ञानिकों ने इसे एक महान उपलब्धि करार देते हुए इसकी तुलना उस क्षण से की है, जब ग्रहों को देखने के लिए गैलीलियो ने दूरदर्शी यंत्र का आविष्कार किया था।

ब्रह्मांड में जोरदार टक्करों के कारण पैदा होने वाली इन तरंगों की खोज खगोलविदों को इसलिए उत्साहित कर रही है क्योंकि इससे ब्रह्मांड का अवलोकन उसकी क्रमबद्धता में करने का एक नया रास्ता खुल गया है। उनके लिए यह एक मूक फिल्म से बोलती फिल्मों में प्रवेश करने जैसा है क्योंकि ये तरंगें ब्रह्मांड की आवाज हैं।

कोलंबिया विश्वविद्यालय के अंतरिक्ष विज्ञानी और खोज दल के सदस्य एस मार्का ने कहा, ‘‘इस क्षण से पहले तक हमारी नज़रें तो आसमान की ओर होती थीं लेकिन हम वहां का संगीत नहीं सुन पाते थे।’’ इस नई खोज में खगोलविदों ने अत्याधुनिक एवं बेहद संवेदनशील लेजर इंटरफेरोमीटर ग्रेविटेशनल वेव ऑबजर्वेटरी या लीगो का इस्तेमाल किया, जिसकी लागत 1.1 अरब डॉलर है। लीगो की मदद से उन्होंने दूर दो ब्लैक होल के बीच हुई हालिया टक्कर में पैदा हुई गुरुत्वीय तरंग का पता लगाया।

कुछ भौतिकविदों का कहना है कि यह खोज वर्ष 2012 की हिग्स बोसॉन (गॉड पार्टिकल) जितनी बड़ी है। वहीं कुछ वैज्ञानिक इसे उससे भी बड़ी खोज कह रहे हैं।

खोज दल के सदस्यों से इतर पेन स्टेट के भौतिक विज्ञानी अभय अष्टेकर ने कहा, ‘‘इसकी तुलना सिर्फ गैलीलियो द्वारा दूरदर्शी यंत्र लेकर आने और उससे ग्रहों को देखना शुरू करने से ही की जा सकती है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘ब्रह्मांड को लेकर हमारी समझ में नाटकीय ढंग से बदलाव आया है।’’ गुरूत्वीय तरंगों की सबसे पहली व्याख्या आंइस्टीन ने वर्ष 1916 में अपने सापेक्षिता के सामान्य सिद्धांत के तहत की थी। ये चौथी विमा दिक्-काल में असाधारण रूप से कमजोर तरंगें हैं।

जब बड़े लेकिन सघन पिंड, जैसे ब्लैक होल या न्यूट्रॉन स्टार आपस में टकराते हैं तो उनके गुरुत्व से पूरे ब्रह्मांड में तरंगे पैदा होती हैं।

वैज्ञानिकों को 1970 के दशक में की गई गणनाओं के आधार पर गुरुत्वीय तरंगों के अस्तित्व का अप्रत्यक्ष साक्ष्य मिला था। इस उपलब्धि को वर्ष 1993 का भौतिकी का नोबल पुरस्कार से नवाजा गया था।

बहरहाल, मौजूदा घोषणा गुरूत्वीय तरंग की सीधी पहचान से जुड़ी है। ऐसे में इसे एक बड़ी उपलब्धि माना जा रहा है।
Comments

लेटेस्ट टेक न्यूज़, स्मार्टफोन रिव्यू और लोकप्रिय मोबाइल पर मिलने वाले एक्सक्लूसिव ऑफर के लिए गैजेट्स 360 एंड्रॉयड ऐप डाउनलोड करें और हमें गूगल समाचार पर फॉलो करें।

ये भी पढ़े:

संबंधित ख़बरें

Share on Facebook Gadgets360 Twitter ShareTweet Share Snapchat Reddit आपकी राय google-newsGoogle News
 
 

विज्ञापन

Advertisement

#ताज़ा ख़बरें
  1. अंतरिक्ष से पृथ्‍वी पर कैसे लौटते हैं एस्‍ट्रोनॉट, देखें यह लेटेस्‍ट Video
  2. Blaupunkt TV पर धांसू डिस्काउंट, Amazon, Flipkart सेल में 75 इंच टीवी 10 हजार रुपये सस्ते में
  3. Vivo X100 Ultra, X100s के ऑफिशियल पोस्टर आए नजर, डिजाइन का हुआ खुलासा, जानें सबकुछ
  4. 100 इंच बड़ा Hisense E8N Pro 4K Mini LED TV लॉन्च, 144Hz 4K डिस्प्ले से लैस, जानें कीमत
  5. Xiaomi 14 SE होगा अगले महीने भारत में लॉन्च!, जानें क्या होगा खास
  6. Nokia 215 4G, 225 4G, और 235 4G फीचर फोन लॉन्च, 2MP कैमरा, YouTube Shorts का भी सपोर्ट, जानें कीमत
  7. Vision Pro की कम डिमांड से Apple को लगा झटका, अगला वर्जन लाने की टाली योजना
  8. मारूति सुजकी का इस वित्त वर्ष में 6 लाख CNG कारें बेचने का टारगेट
  9. Amazon Great Summer Sale 2024: OnePlus के इन स्मार्टफोन पर मिलेगा तगड़ा डिस्काउंट, बैंक ऑफर अलग से...
  10. Samsung Galaxy F55 5G के भारत में लॉन्च होने पहले ही लीक हो गई कीमत!
© Copyright Red Pixels Ventures Limited 2024. All rights reserved.
ट्रेंडिंग प्रॉडक्ट्स »
लेटेस्ट टेक ख़बरें »