अंतरिक्ष और खगोलीय घटनाओं में रुचि रखने वालों के लिए फरवरी में एक खास स्पेस ईवेंट होने जा रहा है। फरवरी की पूर्णिमा जल्द ही आने वाली है। फरवरी का पूर्ण चंद्रमा स्नो मून (Snow Moon) कहलाता है। इसे माइक्रो मून यानी कि सबसे छोटा चंद्रमा भी कहते हैं। ऐसा इसलिए है क्योंकि इस दिन चांद पृथ्वी से अधिकतम दूरी पर पहुंच जाता है। यानी कि चांद बड़ा दिखने की बजाए, और ज्यादा छोटा दिखाई देता है। स्नो मून किन देशों में और कब दिखाई देगा, इसकी पूरी जानकारी हम आपको बता रहे हैं।
24 फरवरी को पूर्णिमा है और इस पूर्णिमा के चांद को
स्नो मून कहा जाता है यानी कि बर्फीला चांद। ऐसा इसलिए क्योंकि इस वक्त उत्तरी गोलार्ध में सबसे ज्यादा बर्फ पड़ रही होती है। इसे मिनी मून भी कह देते हैं। स्पेस डॉट कॉम के
अनुसार, चांद इस दिन पृथ्वी की परिक्रमा करते हुए इससे अधिकतम दूरी वाले बिंदु पर पहुंच जाता है और काफी छोटा दिखाई देता है। पूर्ण चंद्रमा तब दिखता है जब यह पृथ्वी के सामने सूरज की ठीक उल्टी दिशा में पहुंच जाता है।
चंद्रमा यूं तो सूरज की रोशनी पाकर ही चमकता है। लेकिन कुछेक बार चांद की कक्षा उसे पृथ्वी की छाया में ले जाती है। 24 फरवरी को आने वाली पूर्णिमा में चांद पृथ्वी की छाया में नहीं आएगा, क्योंकि चांद की कक्षा पृथ्वी की कक्षा के प्लेन में 5 डिग्री झुकी हुई है। इसलिए इस दिन धरती सीधे तौर पर चांद और सूर्य के बीच में नहीं आएगी।
यूएस नेवल ऑब्जर्वेटरी के अनुसार, 24 फरवरी को चांद अमेरिका के पूर्वी तट पर दिखाई देगा। समय सुबह 7.30 (EST) बजे बताया गया है। यह अन्य दिनों की तुलना में 10% छोटा दिखाई देगा। भारत में पूर्ण चंद्रमा सुबह 4.30 बजे दिखाई देगा। बता दें कि धरती के सबसे करीबी बिंदु पर आने पर यह 3,60,000 किलोमीटर की दूरी पर होता है। जबकि सबसे दूरतम बिंदु पर पहुंचने के बाद यह 4,05,000 किलोमीटर की दूरी पर होता है।