चंद्रमा पर पानी की मौजूदगी है, यह दावा कई स्टडीज में किया जाता है। पहली बार चंद्रमा पर पानी के वितरण (distribution) से जुड़ा एक मैप तैयार किया गया है। नासा की स्ट्रैटोस्फेरिक ऑब्जर्वेटरी फॉर इन्फ्रारेड एस्ट्रोनॉमी (SOFIA) का इस्तेमाल करते हुए वैज्ञानिकों ने मैप को तैयार किया है। यह मैप बताने की कोशिश करता है कि चंद्रमा की सतह पर पानी किस तरह से मूव कर रहा है। इसमें चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव यानी साउथ पोल पर फोकस किया गया है, जो वैज्ञानिकों के लिए खोज की एक महत्वपूर्ण जगह है।
जैसाकि हमने आपको बताया यह
मैप चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के क्षेत्र को कवर करता है। इसमें चंद्रमा की पृथ्वी वाली साइड को दिखाया गया है। इस मैप के बारे में नासा ने कहा है कि यह मैप काफी उपयोगी साबित होगा। मैप को 2023 लूनार एंड प्लैनेटरी साइंस कॉन्फ्रेंस में पेश किया गया था।
कॉन्फ्रेंस में SOFIA साइंस सेंटर के निदेशक और अध्ययन के प्रमुख लेखक बिल रीच ने कहा कि इस मैप में क्रेटर देखे जा सकते हैं। पहाड़ दिखाई देते हैं। दिन और रात के बीच फर्क भी दिखता है, जो वहां मौजूद पानी की उच्च सांद्रता (concentration) की वजह से मुमकिन है। इस मैप की उपयोगिता का पता तब चलेगा जब साल 2024 में नासा का वोलेटाइल्स इन्वेस्टिगेटिंग पोलर एक्सप्लोरेशन रोवर (VIPER) चंद्रमा पर उतरेगा। यह रोवर उसी इलाके में लैंड करेगा, जिस क्षेत्र को SOFIA द्वारा देखा गया है।
इससे पहले हुई कई स्टडीज में भी
चंद्रमा पर पानी की मौजूदगी का दावा किया जा चुका है। पिछले साल इंटरनेशनल जरनल-नेचर कम्युनिकेशंस में पब्लिश एक पेपर में चीनी वैज्ञानिकों ने कहा था कि चांद से लाए गए सैंपल्स में मिले पानी का अहम हिस्सा चंद्रमा के इंटीरियर से आया होगा। चीनी वैज्ञानिक Chang'e 5 मिशन के जरिए चंद्रमा से सैंपल लाए थे, जिन्हें उन्होंने पृथ्वी पर टेस्ट किया।
अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी चंद्रमा से जुड़े मिशन को काफी गंभीरता से ले रही है। वह साल 2025 तक आर्टिमिस 3 मिशन को लॉन्च करने की योजना बना रही है। इस मिशन के जरिए नासा एक बार फिर से इंसान को चंद्रमा पर भेजेगी। उसने दक्षिणी ध्रुव के पास 13 ऐसे इलाकों की पहचान भी कर ली है, जो मिशन को लैंड किया जा सकता है।