19 साल से मंगल ग्र‍ह पर खोज कर रहे Mars Express ऑर्बिटर में हो रहा यह बड़ा बदलाव, जानें

मार्स एडवांस्ड रडार फॉर सबसर्फेस एंड आयनोस्फेरिक साउंडिंग (MARSIS) इंस्ट्रूमेंट को इसकी लॉन्चिंग के 19 साल बाद अपडेट मिल रहा है।

विज्ञापन
गैजेट्स 360 स्टाफ, अपडेटेड: 27 जून 2022 14:28 IST
ख़ास बातें
  • इसे एक सॉफ्टवेयर अपडेट मिल रहा है
  • इसके बाद MARSIS इंस्‍ट्रूमेंट और बेहतर काम करेगा
  • यह ESA का मंगल ग्रह पर पहला मिशन था

इसके बाद यह इंस्‍ट्रूमेंट मंगल और उसके चंद्रमा फोबोस की सतहों के नीचे ज्‍यादा विस्‍तार से देख पाएगा।

वैज्ञानिक मिशनों को समय-समय पर सॉफ्टवेयर अपडेट की जरूरत होती है, खासकर जब वो मंगल जैसे ग्रह को टटोलने के लिए निकले हों। लेकिन एक मिशन ऐसा भी है, जिसे उसकी लॉन्चिंग के 19 साल बाद अपडेट मिल रहा है। यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी (ESA) द्वारा शुरू किए गए मार्स एक्सप्रेस प्रोजेक्‍ट (Mars Express project) को एक सॉफ्टवेयर अपडेट मिल रहा है। यह ESA के सबसे सफल मिशनों में से एक है। मार्स एडवांस्ड रडार फॉर सबसर्फेस एंड आयनोस्फेरिक साउंडिंग (MARSIS) इंस्ट्रूमेंट को इसकी लॉन्चिंग के 19 साल बाद अपडेट मिल रहा है। इसके बाद यह इंस्‍ट्रूमेंट मंगल और उसके चंद्रमा फोबोस की सतहों के नीचे ज्‍यादा विस्‍तार से देख पाएगा। MARSIS इंस्‍ट्रूमेंट मंगल पर तरल पानी के सबूत खोजने में योगदान के लिए जाना जाता है। यह ESA का मंगल ग्रह पर पहला मिशन था। 

ESA की ओर से जारी की गई प्रेस रिलीज में कहा गया है कि दशकों से मंगल ग्रह की अच्छी समझ हासिल करने के बाद हम इस डिवाइस की पफॉर्मेंस को बढ़ाना चाहते थे। इसी को ध्‍यान में रखते हुए ऑर्बिटर को सॉफ्टवेयर अपग्रेड दिया जा रहा है। 

MARSIS लो-फ्रीक्‍वेंसी वाली रेडियो वेव्‍स को नियोजित करता है। यह मंगल ग्रह पर पानी की खोज करने और इसके वातावरण के बारे में अधिक जानने का काम करता है। सॉफ्टवेयर अपग्रेड में कई इम्‍प्रूवमेंट्स शामिल हैं। अपग्रेड के बाद पृथ्वी पर आने वाले डेटा की क्‍वॉलिटी बेहतर होगी। 

इसे 2 जून 2003 को लॉन्‍च किया गया था। अपनी लॉन्चिंग के बाद से इस ऑर्बिटर ने मंगल ग्रह की जांच करते हुए वहां लगभग दो दशक बिताए हैं। यूरोपीय स्‍पेस एजेंसी के इंजीनियर अब इस ऑर्बिटर के लिए विंडोज 98 अपग्रेड तैयार कर रहे हैं। इसके बाद यह तकनीकी रूप से और दक्षता हासिल करेगा।

सॉफ्टवेयर इंजीनियर कार्लो नेन्ना जो इस अपग्रेड के लिए ESA की मदद कर रहे हैं, उन्‍होंने कि हमें MARSIS की परफॉर्मेंस को बढ़ाने के लिए कई परेशानियों का सामना करना पड़ा, क्‍योंकि इसके सॉफ्टवेयर को मूल रूप से 20 साल पहले डिजाइन किया गया था। विंडो 98 पर चलने की वजह से इस इंस्‍ट्रूमेंट की ऑन-बोर्ड मेमरी जल्‍दी फुल हो जाती थी। सॉफ्टवेयर अपग्रेड के बाद MARSIS का ऑन-बोर्ड स्‍टोरेज 5 गुना तक बेहतर हो सकेगा यह गैरजरूरी डेटा को हटा भी पाएगा। 
 
 

लेटेस्ट टेक न्यूज़, स्मार्टफोन रिव्यू और लोकप्रिय मोबाइल पर मिलने वाले एक्सक्लूसिव ऑफर के लिए गैजेट्स 360 एंड्रॉयड ऐप डाउनलोड करें और हमें गूगल समाचार पर फॉलो करें।

द रेजिडेंट बोट । अगर आप मुझे ...और भी

Advertisement
Popular Brands
#ट्रेंडिंग टेक न्यूज़
  1. इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने पकड़ा 300 करोड़ रुपये से ज्यादा का क्रिप्टो हवाला रैकेट
  2. ISRO की बड़ी कामयाबी, देश का सबसे भारी कम्युनिकेशन सैटेलाइट CMS-03 किया लॉन्च
  3. IND vs SA Women Live: आज मिलेगा नया वर्ल्ड चैंपियन! भारत-साउथ अफ्रीका की फाइनल में टक्कर, यहां देखें Live
#ताज़ा ख़बरें
  1. ISRO की बड़ी कामयाबी, देश का सबसे भारी कम्युनिकेशन सैटेलाइट CMS-03 किया लॉन्च
  2. 7,000mAh की जंबो बैटरी के साथ लॉन्च हुई Realme C85 सीरीज, जानें प्राइस, स्पेसिफिकेशंस
  3. इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने पकड़ा 300 करोड़ रुपये से ज्यादा का क्रिप्टो हवाला रैकेट
  4. ये हैं 65 इंच डिस्प्ले वाले टॉप 5 स्मार्ट टीवी, घर पर होगा जबरदस्त मनोरंजन
  5. iPhone 16 पर अभी भी बंपर डिस्काउंट! यहां से खरीदने पर होगी Rs 7,500 की बचत
  6. IND vs SA Women Live: आज मिलेगा नया वर्ल्ड चैंपियन! भारत-साउथ अफ्रीका की फाइनल में टक्कर, यहां देखें Live
  7. Google का दावा: लाखों रुपये वाले iPhone से ज्यादा सुरक्षित हैं Android स्मार्टफोन!
  8. Aadhaar कार्ड का मजबूत वर्जन, ऑनलाइन ऐसे करें आवेदन, घर बैठे मिलेगा
  9. Ather ने बनाया सेल्स का रिकॉर्ड, Bajaj Auto को मिला टॉप स्पॉट
  10. मोबाइल डाटा हो जाता है जल्दी खत्म? ऐसे करें बचत और लंबे समय तक कर पाएंगे उपयोग
Download Our Apps
Available in Hindi
© Copyright Red Pixels Ventures Limited 2025. All rights reserved.