पृथ्वी के नजदीक अगले कुछ दिनों में एक बड़ी खगोलीय घटना होने वाली है। 1 किलोमीटर लंबा एक एस्टरॉयड (asteroid) अगले सप्ताह पृथ्वी के पास से गुजरने के लिए तैयार है। हालांकि आपको चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है। जब यह एस्टरॉयड पृथ्वी के पास से गुजरेगा, तब भी इसके और हमारे ग्रह के बीच 1.93 मिलियन किलोमीटर की दूरी होगी। इसका मतलब है कि यह एस्टरॉयड चंद्रमा की तुलना में पृथ्वी से 5.15 गुना अधिक दूर होगा। हमारे वैज्ञानिक और खगोलविद आने वाली खगोलीय घटनाओं पर नियमित नजर रखते हैं। इनके बारे में लोगों को अपडेट दिए जाते हैं, ताकि लोग भी इस घटनाओं के गवाह बन सकें। अब खगोलविदों ने पाया है कि एस्टरॉयड (7482) 1994 PC1 जल्द ही पृथ्वी के पास पहुंचेगा।
वैज्ञानिकों ने इस एस्टरॉयड के आकार और पृथ्वी से कम दूरी को देखते हुए इसे ‘संभावित रूप से खतरनाक' के तौर पर क्लासीफाइड किया है। भारतीय समय के मुताबिक यह एस्टरॉयड 19 जनवरी की सुबह 3:21 बजे पृथ्वी के सबसे करीब होगा। करीब 89 साल बाद यह एस्टरॉयड पृथ्वी के इतने नजदीक से गुजर रहा है। 89 साल पहले 17 जनवरी 1933 को यह एस्टरॉयड पृथ्वी से 1.1 लाख किलोमीटर की दूरी तक आ गया था। अब यह घटना अगली सदी में होगी। अनुमान है कि 18 जनवरी 2105 को यह एस्टरॉयड पृथ्वी के करीब आएगा।
Earth Sky के
अनुसार, इस एस्टरॉयड के नियमित तौर पर पृथ्वी के नजदीक से गुजरने के बावजूद लोगों को डरना नहीं चाहिए। यह भले ही पृथ्वी के पास से गुजरने वाला है, लेकिन यह दूरी भी बहुत ज्यादा है। इस आकार के एक एस्टरॉयड के हर 600000 साल में एक बार पृथ्वी से टकराने की भविष्यवाणी की गई है। यह एस्टरॉयड पृथ्वी के पास से 19.56 किलोमीटर प्रति सेकंड की रफ्तार से गुजरेगा। टेलिस्कोप के जरिए इसे सफर करते हुए देखा जा सकेगा। पृथ्वी के पास से जाते समय यह किसी तारे की तरह नजर आएगा।
ऑस्ट्रेलियाई खगोलशास्त्री रॉबर्ट मैकनॉट ने साल 1994 में इस अंतरिक्ष चट्टान की खोज की थी। हालांकि वैज्ञानिक सितंबर 1974 से इसके रास्ते का पता लगा रहे हैं। यह S-टाइप का एस्टरॉयड है, जो अपोलो एस्टरॉयड ग्रुप से संबंध रखता है। दुनियाभर के वैज्ञानिक और खगोलविद इस नजारे को देखने के लिए उत्साहित हैं।