Climate Change Effects: क्लाइमेट चेंज से खतरे में आईं ये खूबसूरत प्रजातियां

तितलियों की केवल 29 प्रजातियां ऐसी हैं जिनको खतरा नहीं है।

विज्ञापन
Written by हेमन्त कुमार, अपडेटेड: 10 मार्च 2024 20:33 IST
ख़ास बातें
  • तितलियों और कीट-पतंगों की प्रजातियों पर क्लाइमेट चेंज का व्यापक असर
  • कुछ प्रजातियां खुद को इसके अनुरूप ढालने में हो रहीं कामयाब
  • तितलियों की केवल 29 प्रजातियां ऐसी हैं जिनको खतरा नहीं है

क्लाइमेट चेंज का सिर्फ जलवायु तंत्र पर ही नहीं बल्कि जीव जंतुओं पर भी बड़ा प्रभाव देखने को मिल रहा है।

Photo Credit: butterflyconservation.org

क्लाइमेट चेंज का सिर्फ जलवायु तंत्र पर ही नहीं बल्कि जीव जंतुओं पर भी बड़ा प्रभाव देखने को मिल रहा है। खासकर, तितलियों और कीट-पतंगों की प्रजातियों पर इसका व्यापक असर देखने को मिल रहा है। कुछ प्रजातियां खुद को इसके अनुरूप ढालने में कामयाब होती दिख रही हैं तो कुछ की संख्या लगातार घटती जा रही है। ब्राउन हेयरस्ट्रीक तितली की प्रजाति क्लाइमेट चेंज के अनुरूप खुद को ढाल रही है और लंदन, यूके आदि में 1980 के दशक से ही अपनी संख्या को स्थिर बनाए हुए है। वहीं, कोमा तितली ने 1970 के दशक से लेकर अब तक अपनी प्रजाति को 94  प्रतिशत तक और ज्यादा फैला दिया है। 

लेकिन इसके साथ ही बुरी खबर यह है कि यूके की अन्य 57 प्रजनन प्रजातियों का हाल अच्छा नहीं है। Butterfly Conservation की ओर से 2022 की जारी रिपोर्ट गंभीर बात कहती है। 1980 के दशक के बाद से इन तितलियों की 80 प्रतिशत प्रजातियों के बहुतायत और फैलाव, दोनों में कमी आई है। कीट-पतंगों की स्थिति भी अच्छी नहीं है जो कि तितलियों के ही चचेरे भाई कहे जाते हैं। पिछले 50 सालों में बड़े कीट-पतंगों की बहुतायत में 33 प्रतिशत की कमी आई है। यूके की 8 तितली प्रजातियों को खतरे के अंदर बताया गया है जबकि अन्य 16 को भी विलुप्ति का खतरा हो सकता है। 

तितलियों की केवल 29 प्रजातियां ऐसी हैं जिनको खतरा नहीं है। जहां एक तरफ कुछ प्रजातियों को फायदा हो रहा है तो इससे कहीं ज्यादा को क्लाइमेट चेंज के कारण नुकसान पहुंच रहा है। यहां पर कारणों की बात करना भी जरूरी है। रिपोर्ट कहती है कि यूके में तितलियों की लगभग आधी प्रजातियां कुछ पौधों पर निर्भर करती हैं जो कि इनके विकास में मदद करते हैं। यहां की हाई ब्राउन फ्रिटिलरी वायलेट पौधों पर निर्भर करती है जो कि कटे हुए जंगलों (दोबारा से विकसित होने के लिए काटे गए जंगल) और धूप पड़ने वाली ढलानों पर पाए जाते हैं। 

लेकिन अब खेती और शहरीकरण के कारण ऐसे पौधों की पैदावार बहुत कम हो गई है जिससे कि तितलियों को उनके विकास के लिए सही वातावरण, और भोजन नहीं मिल पाता है। इसी वजह से तितली की यह प्रजाति जो कभी यूके में हर जगह फैली थी, अब कुछ ही साइट्स पर पाई जाती है। इसी तरह सर्दी और गर्मी का भी प्रजातियों पर बहुत प्रभाव पड़ रहा है। बहुत अधिक सर्दी, और बहुत अधिक गर्मी होने से इनकी प्रजनन प्रक्रिया प्रभावित हो रही है। कुल मिलाकर क्लाइमेट चेंज इन तितलियों के लिए बड़ी चुनौती पैदा कर रहा है। 

 
 

लेटेस्ट टेक न्यूज़, स्मार्टफोन रिव्यू और लोकप्रिय मोबाइल पर मिलने वाले एक्सक्लूसिव ऑफर के लिए गैजेट्स 360 एंड्रॉयड ऐप डाउनलोड करें और हमें गूगल समाचार पर फॉलो करें।

ये भी पढ़े: , Climate change, Climate change bad effects

हेमन्त कुमार Gadgets 360 में सीनियर ...और भी

Advertisement
Popular Brands
#ट्रेंडिंग टेक न्यूज़
  1. Oppo K13x 5G vs Realme Narzo 80 Lite 5G vs Moto G45 5G: जानें कौन सा फोन है बेस्ट
  2. POCO F7 का 24 जून को भारत में लॉन्च, 7,550mAh की बैटरी
#ताज़ा ख़बरें
  1. Tata Motors ने किया Harrier EV के प्राइसेज का खुलासा, 2 जुलाई से शुरू होगी बुकिंग्स
  2. Honor Magic V5 में मिलेगी 1TB तक स्टोरेज, अगले महीने होगा लॉन्च
  3. Vivo ने लॉन्च किया X200 FE, 6,500mAh की बैटरी, जानें प्राइस, स्पेसिफिकेशंस
  4. Xiaomi के Smart Band 10 में मिल सकता है 1.72 इंच AMOLED डिस्प्ले, जल्द होगा लॉन्च
  5. Huawei के अगले ट्राई-फोल्ड स्मार्टफोन Mate XT 2 में हो सकती है सैटेलाइट कनेक्टिविटी
  6. boAt ने Airdopes Prime 701 ANC ईयरबड्स किए लॉन्च, 50 घंटे तक चलेगी बैटरी, जानें फीचर्स
  7. Oppo K13x 5G vs Realme Narzo 80 Lite 5G vs Moto G45 5G: जानें कौन सा फोन है बेस्ट
  8. Google, Samsung और OnePlus से लेकर Xiaomi के फोन में मिलेगा एंड्रॉयड 16 अपडेट, देखें पूरी लिस्ट
  9. क्रिप्टो मार्केट पर इजरायल-ईरान युद्ध की मार, बिटकॉइन का प्राइस 1 प्रतिशत गिरा
  10. POCO F7 का 24 जून को भारत में लॉन्च, 7,550mAh की बैटरी
Download Our Apps
Available in Hindi
© Copyright Red Pixels Ventures Limited 2025. All rights reserved.