अमेरिका के ऊपर गिरी 1500Kg की चीनी आफत! आग का गोला देख चौंके लोग, जानें पूरा मामला

सैक्रामेंटो इलाके से लेकर सैन डिएगो तक लोगों ने एक धधकती हुए आग के गोले को देखा। कम से कम 81 लोगों ने इस घटना को रिपोर्ट किया।

विज्ञापन
Written by प्रेम त्रिपाठी, अपडेटेड: 3 अप्रैल 2024 12:36 IST
ख़ास बातें
  • अमेरिका के आसमान में गिरा चीनी स्‍पेसक्राफ्ट का मलबा
  • शेनझोउ 15 स्‍पेसक्राफ्ट का ऑर्बिटल मॉड्यूल था
  • चीनी स्‍पेस एजेंसी ने इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है

दावा है कि स्‍पेस मलबे का वह टुकड़ा चीन के शेनझोउ 15 स्‍पेसक्राफ्ट (Shenzhou 15 spacecraft) का ऑर्बिटल मॉड्यूल था।

Photo Credit: Jennifer M./American Meteor Society

अमेरिका और चीन की तनातनी जगजाहिर है। अंतरिक्ष के क्षेत्र में ड्रैगन से मिल रही चुनौती अमेरिका और नासा (Nasa) को परेशान कर रही है। मंगलवार को एक और चीनी हरकत ने अमेरिका को टेंशन दी! चीनी स्‍पेस कबाड़ का एक बड़ा टुकड़ा 2 अप्रैल की सुबह कैलिफोर्निया के ऊपर आसमान में क्रैश हो गया। स्‍पेसडॉटकॉम ने अमेरिकन मेटियोर सोसायटी (AMS) के हवाले से बताया है कि सैक्रामेंटो इलाके से लेकर सैन डिएगो तक लोगों ने एक धधकती हुए आग के गोले को देखा। कम से कम 81 लोगों ने इस घटना को रिपोर्ट किया। 

जानेमाने खगोल वैज्ञानिक और सैटेलाइट ट्रैकर जोनाथन मैकडॉवेल का दावा है कि स्‍पेस मलबे का वह टुकड़ा चीन के शेनझोउ 15 स्‍पेसक्राफ्ट (Shenzhou 15 spacecraft) का ऑर्बिटल मॉड्यूल था। उस स्‍पेसक्राफ्ट पर सवार होकर नवंबर 2022 में 3 अंतरिक्ष यात्रियों को स्‍पेस में पहुंचाया गया था। 
 

रिपोर्ट के अनुसार, शेनझोउ ऑर्बिटल मॉड्यूल का वजन लगभग 3,300 पाउंड (1500 किलोग्राम) है। इसकी वजह से अंतरिक्ष यात्रियों को स्‍पेस में एक्‍स्‍ट्रा जगह मिलती है, जिससे वह अपने साइंस एक्‍सपेरिमेंट्स को पूरा कर पाएं। हालांकि इस मॉड्यूल को धरती पर वापस आने के लिए डिजाइन नहीं किया गया है। यही वजह है कि एक समय के बाद मॉड्यूल पृथ्‍वी के वायुमंडल में प्रवेश कर गया और जल उठा। 

जिन लोगों ने अंतरिक्ष कबाड़ को देखा, उन्‍होंने पहले उसे स्पेसएक्स (SpaceX) के मिशन का हिस्‍सा समझा। घटना से करीब 6 घंटे पहले कैलिफोर्निया के वैंडेनबर्ग स्पेस फोर्स बेस से स्‍पेसएक्‍स ने 22 स्टारलिंक इंटरनेट सैटेलाइट्स को लॉन्‍च किया था। बाद में दावा किया गया कि अंतरिक्ष कबाड़ का वह टुकड़ा ‘शेनझोउ 15' का ऑर्बिटल मॉड्यूल था, जो अचानक पृथ्‍वी के वायुमंडल में एंट्री करते हुए दुघर्टनाग्रस्‍त हो गया। 
Advertisement

इस स्‍पेस जंक को लेकर अभी तक चीन की तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। अंतरिक्ष कबाड़ को लेकर अमेरिका, चीन की आलोचना करता रहा है। अमेरिकी स्‍पेस एजेंसी आरोप लगाती है कि चीन अपने स्‍पेस मिशनों को लेकर गंभीर नहीं है, क्‍योंकि वह स्‍पेस जंक के निपटारे की योजना नहीं बनाता। 
 

 

लेटेस्ट टेक न्यूज़, स्मार्टफोन रिव्यू और लोकप्रिय मोबाइल पर मिलने वाले एक्सक्लूसिव ऑफर के लिए गैजेट्स 360 एंड्रॉयड ऐप डाउनलोड करें और हमें गूगल समाचार पर फॉलो करें।

Advertisement
Popular Brands
#ट्रेंडिंग टेक न्यूज़
  1. Realme P4 Pro 5G vs Vivo Y400 5G vs OnePlus Nord CE 5 5G: जानें 30 हजार में कौन है बेस्ट
  2. भारत के लेटेस्ट वाटरप्रूफ स्मार्टफोन, नहीं होंगे पानी में भी खराब, जैसे मर्जी करें इस्तेमाल
  3. Vivo V60 vs Oppo Reno 14 5G vs iQOO Neo 10: कंपेरिजन से जानें कौन है बेहतर?
#ताज़ा ख़बरें
  1. Vivo V60 vs Oppo Reno 14 5G vs iQOO Neo 10: कंपेरिजन से जानें कौन है बेहतर?
  2. Realme P4 Pro 5G vs Vivo Y400 5G vs OnePlus Nord CE 5 5G: जानें 30 हजार में कौन है बेस्ट
  3. AI सुपरपावर रैंकिंग में अमेरिका टॉप पर, लेकिन भारत ने चीन को पछाड़ा
  4. भारत के लेटेस्ट वाटरप्रूफ स्मार्टफोन, नहीं होंगे पानी में भी खराब, जैसे मर्जी करें इस्तेमाल
  5. हाथ में iPad, बॉडी पर कैमरा, अब बिहार पुलिस बनेगी Digital Police! देखिए कैसे बदलेगा पूरा सिस्टम
  6. Honor की Magic 8 सीरीज के लॉन्च की तैयारी, 4 मॉडल हो सकते हैं शामिल
  7. ऑनलाइन मनी गेमिंग पर बैन के खिलाफ कोर्ट जा सकती हैं बड़ी गेमिंग कंपनियां
  8. Samsung के Galaxy S26 Pro और Galaxy S26 Edge में मिल सकता है Exynos 2600 चिपसेट
  9. itel ZENO 20 भारत में लॉन्च: 5000mAh बैटरी, 128GB तक स्टोरेज और बड़ा डिस्प्ले, कीमत Rs 5,999 से शुरू
  10. Vivo T4 Pro जल्द होगा भारत में लॉन्च, 50 मेगापिक्सल Sony प्राइमरी कैमरा
Download Our Apps
Available in Hindi
© Copyright Red Pixels Ventures Limited 2025. All rights reserved.