चीन भी पड़ा एस्‍टरॉयड के पीछे! 2025 में भेजेगा स्‍पेसक्राफ्ट, यह है मकसद

Asteroid : चीन एस्‍टरॉयड से सैंपल कलेक्‍ट करना चाहता है और एक धूमकेतु (comet) की जांच का इरादा रखता है।

चीन भी पड़ा एस्‍टरॉयड के पीछे! 2025 में भेजेगा स्‍पेसक्राफ्ट, यह है मकसद

Asteroid : अगर चीन कामयाब होता है, तो वह उसके द्वारा कलेक्‍ट पहला सैंपल होगा, जो इंटरप्लेनेटरी स्पेस से लाया गया होगा।

ख़ास बातें
  • चीन ने की बड़ी तैयारी
  • एस्‍टरॉयड से सैंपल लाने के लिए भेजेगा स्‍पेसक्राफ्ट
  • साल 2025 में लॉन्‍च होगा मिशन
विज्ञापन
अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा (Nasa) ने पिछले साल DART मिशन को लॉन्‍च किया था। मिशन के जरिए एक स्‍पेसक्राफ्ट को एस्‍टरॉयड से टकराया गया था, ताकि एस्‍टरॉयड की कक्षा में बदलाव किया जा सके। नासा मिशन में सफल रही थी। अब चीन भी एस्‍टरॉयड पर मिशन भेजने की तैयारी कर रहा है। एक रिपोर्ट के अनुसार, साल 2025 के आसपास चीन अपना मिशन लॉन्‍च कर सकता है। हालांकि उसका इरादा स्‍पेसक्राफ्ट को एस्‍टरॉयड से टकराने का नहीं है। वह सिर्फ एस्‍टरॉयड से सैंपल कलेक्‍ट करना चाहता है और एक धूमकेतु (comet) की जांच का इरादा रखता है। 

रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार, मिशन का नाम तियानवेन-2 (Tianwen-2) है। इसके मुख्य डिजाइनर झांग रोंगकियाओ ने बताया है कि तियानवेन-2 का मुख्य लक्ष्य एस्‍टरॉयड 2016HO3 (asteroid 2016HO3) से सैंपल कलेक्‍ट करके लाना है। यह एक गैरयात्री मिशन होगा। 

झांग ने कहा कि अगर चीन कामयाब होता है, तो वह उसके द्वारा कलेक्‍ट पहला सैंपल होगा, जो इंटरप्लेनेटरी स्पेस से लाया गया होगा। झांग ने बताया कि स्‍पेसक्राफ्ट पहले एस्‍टरॉयड के सैंपल जुटाएगा और फ‍िर एक धूमकेतु का पता लगाने के लिए आगे का सफर तय करेगा। यह धूमकेतु मंगल और बृहस्पति के बीच मेन एस्‍टरॉयड बेल्‍ट में मौजूद है। 

चीन जिस एस्‍टरॉयड पर मिशन भेजने वाला है, वह बहुत बड़ा नहीं है। एस्‍टरॉयड का आकार लगभग 300 फीट हो सकता है। साल 2016 में पहली बार इस एस्‍टरॉयड को देखा गया था। यह लगभग उसी अंदाज में सूर्य का चक्‍कर लगाता है, जिस तरह पृथ्‍वी सूर्य की परिक्रमा करती है। 

तियानवेन-2 मिशन से पहले चीन ने तियानवेन-1 स्‍पेसक्राफ्ट को लॉन्‍च किया था। वह स्‍पेसक्राफ्ट साल 2021 में मंगल ग्रह पर उतरा था और कई जरूरी जानकारियां हासिल कर चुका है। हालांकि एस्‍टरॉयड पर मिशन भेजने वालों में चीन अकेला देश नहीं है। 

नासा के DART मिशन के बारे में हम आपको पहले ही बता चुके हैं। जापान भी एस्‍टरॉयड पर मिशन भेज चुका है। एक जापानी प्रोब ने साल 2019 में पृथ्‍वी से 25 करोड़ किलोमीटर दूर एस्‍टरॉयड रयुगु पर लैंड किया था और सैंपल इकट्ठा किए थे। उन सैंपलों ने सबूत दिए हैं कि पृथ्‍वी पर पानी बाहर से यानी अंतरिक्ष से आया हो सकता है। 

 

Comments

लेटेस्ट टेक न्यूज़, स्मार्टफोन रिव्यू और लोकप्रिय मोबाइल पर मिलने वाले एक्सक्लूसिव ऑफर के लिए गैजेट्स 360 एंड्रॉयड ऐप डाउनलोड करें और हमें गूगल समाचार पर फॉलो करें।

प्रेम त्रिपाठी

प्रेम त्रिपाठी Gadgets 360 में चीफ सब एडिटर हैं। 10 साल प्रिंट मीडिया ...और भी

Share on Facebook Gadgets360 Twitter ShareTweet Share Snapchat Reddit आपकी राय google-newsGoogle News

विज्ञापन

Follow Us

विज्ञापन

#ताज़ा ख़बरें
  1. Oppo Find X8 Ultra से पहले लॉन्च होगा फोल्डेबल Oppo Find N5, स्पेसिफिकेशंस भी लीक!
  2. Sony ने की 20 अरब इमेज सेंसर्स की बिक्री, स्मार्टफोन कैमरा ने बढ़ाई डिमांड
  3. रोबोट समझेंगे आपके जज्बात! इस नई तकनीक से वैज्ञानिक कर रहे दावा
  4. 64MP कैमरा, 6050mAh बैटरी जैसे तगड़े फीचर्स वाला रग्ड फोन Ulefone Armor X31 Pro लॉन्च, जानें कीमत
  5. 16GB रैम, 6400mAh बैटरी वाले OnePlus Ace 5, Ace 5 Pro फोन के फुल स्पेसिफिकेशन लॉन्च से पहले लीक!
  6. BSNL लॉन्च करेगी eSIM, अगले वर्ष जून तक पूरे देश में होगा 4G नेटवर्क
  7. 'HR करेंगे बात ...' Ola सीईओ भाविश अग्रवाल का यह ईमेल सोशल मीडिया पर हो रहा वायरल, जानें वजह
  8. Realme 14x 5G vs Poco M7 Pro 5G: Rs 15 हजार में कौन सा है दमदार स्मार्टफोन? जानें
  9. WhatsApp New Year Stickers: नए साल 2025 के लिए Whatsapp में आए खास फीचर्स, ऐसे करें इस्तेमाल
  10. Maruti Suzuki की 500 Km रेंज वाली e Vitara इलेक्ट्रिक SUV का भारत में लॉन्च कंफर्म! जानें क्या होगा खास?
© Copyright Red Pixels Ventures Limited 2024. All rights reserved.
ट्रेंडिंग प्रॉडक्ट्स »
लेटेस्ट टेक ख़बरें »