अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा (Nasa) के लिए इस वक्त सबसे अहम उसका मून मिशन है। आर्टिमिस मिशन के जरिए वह एक बार फिर से इंसान को चांद पर भेजना चाहती है। ‘आर्टिमिस 1' मिशन इसकी पहली शुरुआत है। हालांकि तकनीकी वजहों से इसका लॉन्च दो बार टल चुका है। नासा को आर्टिमिस 1 मिशन से काफी ज्यादा उम्मीदें हैं। इसकी सफलता को देखते हुए आगामी मिशनों में इंसान को चांद पर भेजने के बारे में फैसला लिया जाएगा। हालांकि एजेंसी आगामी मिशनों की तैयारियां भी शुरू कर चुकी है। आर्टिमिस III (Artemis III) के दौरान अंतरिक्ष यात्रियों को चांद पर भेजा जा सकता है। उनके मूनवॉकिंग सिस्टम के लिए नासा ने एक्सिओम स्पेस (Axiom Space) का चयन किया है।
एक बयान में नासा ने
कहा कि यह अवॉर्ड- कॉम्पिटिटिव स्पेससूट कॉन्ट्रैक्ट के तहत दिया गया है। यानी अंतरिक्ष में रहने के दौरान अंतरिक्ष यात्री, एक्सिओम स्पेस के तैयार किए गए स्पेससूट पहनेंगे। इससे पहले नासा ने दो स्पेससूट वेंडर्स के प्रपोजल को रिव्यू किया था और आखिरकार टास्क ऑर्डर के लिए Axiom Space का चयन किया, जिसकी बेस वैल्यू 228.5 मिलियन डॉलर है।
नासा के एक्स्ट्राव्हिकुलर एक्टिविटी एंड ह्यूमन सरफेस मोबिलिटी प्रोग्राम की मैनेजर लारा किर्नी ने कहा कि इस ऐतिहासिक मिशन के लिए कमर्शल इंडस्ट्री के साथ पार्टनरशिप करने पर नासा को गर्व है। उन्होंने कहा कि आर्टेमिस III मिशन के दौरान भविष्य के मिशनों में हम जो सीखेंगे, वह मंगल ग्रह के मिशन के लिए मार्ग प्रशस्त करेगा। उन्होंने कहा कि स्पेससूट हमें मिशन का अगला कदम उठाने में सक्षम बनाता है।
बहरहाल, Axiom Space की जिम्मेदारी स्पेससूट और सर्पोटिव इक्विपमेंट के डिजाइन, डेवलपमेंट और प्रोडक्शन आदि की होगी। वह आर्टेमिस III मिशन के लिए नासा की इन जरूरतों को पूरी करेगी। वहीं, अंतरिक्ष यात्रियों की ट्रेनिंग, मिशन की प्लानिंग आदि का काम नासा के एक्सपर्ट करेंगे। मिशन लॉन्च होने से पहले एक्सिकॉम के बनाए गए स्पेससूट की टेस्टिंग की जाएगी।
बहरहाल, आर्टिमिस मिशन का पहला पड़ाव यानी आर्टिमिस 1 मिशन (Artemis 1) अबतक दो बार रद्द हो चुका है। पहली कोशिश के दौरान स्पेस लॉन्च सिस्टम (SLS) रॉकेट के RS-25 इंजन में खराबी के कारण मिशन को स्थगित किया गया, जबकि दूसरी बार में रॉकेट और लिक्विड हाइड्रोजन ईंधन फीड लाइन के बीच ‘क्विक डिस्कनेक्ट' इंटरफेस में हाइड्रोजन रिसाव के कारण मिशन को टालना पड़ा। अब बताया जा रहा है कि स्पेस एजेंसी उस फॉल्टी सील को बदल देगी जिसके कारण रिसाव हुआ था। इस बीच रॉकेट अभी भी लॉन्चपैड पर है।