एलियंस सच में होते हैं? क्या पृथ्वी से बाहर किसी दूसरे से ग्रह से कोई हमें देख रहा है? इस सवाल पर अबतक विवाद चल रहा है। एलियंस के वजूद के बारे में वैज्ञानिकों को कोई ठोस सबूत अभी तक नहीं मिला है, लेकिन वैज्ञानिक किसी बाहरी सभ्यता को सिरे से नकार भी नहीं रहे हैं। इसलिए एलियंस के बारे में लगातार खोजे जारी हैं। आकाश में कई बार ऐसी घटनाएं देखी जा चुकी हैं जिन्हें समझ पाना या समझा पाना मुश्किल है। कई बार ऐसे स्पेसक्राफ्ट भी देखे जा चुके हैं जिनका पता नहीं लग पाया कि वे कहां से आए थे और कहां चले गए। तो क्या एलियंस पृथ्वी पर आते हैं?
The Guardian के अनुसार, हाल ही में सैकड़ों ऐसी घटनाएं सामने आई हैं जो
UFO से संबंधित हैं। Pentagon की रिपोर्ट के हवाले से पब्लिकेशन ने कहा है कि इन घटनाओं में कुछ ऐसी चीजें देखी गई हैं जिनके बारे में आसानी से कुछ नहीं कहा जा सकता है। इनमें कुछ अनजाने गुब्बारे, कुछ पक्षी और सैटेलाइट्स भी का भी देखा जाना शामिल है। साथ ही एयरलाइन्स के सामने कोई रहस्यमयी चीज आने का भी वाकया बताया गया है।
हालांकि इस तरह की घटनाओं का सामने आना एलियंस के जीवन के अस्तित्व पर किसी भी बहस को समाप्त करने के लिए काफी नहीं है। क्योंकि इनसे यह भी साबित नहीं होता है कि ये सभी एलियंस से संबंधित घटनाएं हैं। लेकिन इस विषय में लोगों की रूचि लगातार बढ़ रही है। जिससे कि सरकार भी इन सवालों के जवाब देने का प्रयास कर रही है। इस पर अमेरिका जैसे देशों में सुनवाई भी की जा रही है जिसमें प्रयास किया जा रहा है कि घटनाओं पर सरकार ज्यादा से ज्यादा पारदर्शिता ला सके।
सिर्फ लोगों और वैज्ञानिकों की उत्सुकता को शांत करना इसका मकसद नहीं कहा जा रहा है। बात जब UFO या UPA की होती है तो यह राष्ट्रीय सुरक्षा और हवाई सुरक्षा के लिए भी महत्वपूर्ण हो जाता है। क्योंकि किसी अनजानी घटना का आसमान में दिखना हवाई और राष्ट्रीय असुरक्षा को भी पैदा करता है। वहीं, ऑल डोमेन एनॉमली रिजॉल्यूशन ऑफिस (AARO) ने कहा है कि उसने अभी तक जितने भी केसों को खंगाला है उनमें से किसी भी केस में ऐसा संकेत नहीं मिला है जो पृथ्वी के बाहर से संबंधित हो।
Pentagon ने 757 केसों को रिव्यू किया जो दुनियाभर की अलग-अलग जगहों से संबंधित थे। ये केस 1 मई 2023 से लेकर 1 जून 2024 के बीच में अमेरिकी अथॉरिटीज को रिपोर्ट किए गए थे। सामने आई घटनाओं में से अधिकतर एयरस्पेस में घटित हुई बताई गई हैं जबकि 49 घटनाएं ऐसी थीं जो लगभग 100 किलोमीटर की ऊंचाई पर हुईं। इस ऊंचाई को अंतरिक्ष कह दिया जाता है। जबकि पानी के नीचे कोई भी ऐसी अनजान घटना रिपोर्ट नहीं की गई। जिन लोगों ने इन घटनाओं को देखा उनमें कमर्शियल और मिलिट्री पायलेट शामिल थे, साथ ही कुछ लोगों ने धरती से भी इनको देखा था।
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