अनआइडेंटिफाइड फ्लाइंग ऑब्जेक्ट्स यानी UFO दुनियाभर में चर्चा का विषय हैं। कई देशों में UFO देखे जाने की घटनाएं सामने आती रहती हैं। अमेरिका समेत पश्चिमी देशों में इस बारे में खूब बात होती है। UFO से जुड़े वीडियो सामने आते हैं। अब इस फेहरिस्त में नया नाम यूक्रेन (Ukraine) का है। युद्ध प्रभावित यूक्रेन में एक-दो नहीं, बल्कि बड़ी संख्या में यूएफओ उड़ रहे हैं। कीव की मुख्य खगोलीय ऑब्जर्वेट्री द्वारा पब्लिश एक नए प्रीप्रिंट पेपर के हवाले से वाइस (Vice) ने बताया है कि यूक्रेन के आसमान में बहुत ज्यादा संख्या में UFO उड़ रहे हैं।
जानकारी के अनुसार, ‘अनआइडेंटिफाइड एयरबोन फिनॉमिना I' टाइटल वाले इस पेपर में कई घटनाओं के आधार पर यह बात कही गई है। पेपर में कहा गया है कि ऑब्जर्वेट्री ने अपनी तरफ से UFO की तलाश शुरू कर दी है। कहा गया है कि यूएफओ हर जगह दिखाई दे रहे हैं। खगोलिवद ऐसे ऑब्जेक्ट्स का निरीक्षण कर रहे हैं, जिनका नेचर क्लीयर नहीं है।
दुनियाभर में UFO देखे जाने के मामलों में बढ़ोतरी ने सरकारों को भी सतर्क किया है। इसी साल जुलाई में अमेरिका ने अपनी अंतरिक्ष एजेंसी नासा (Nasa) इस मामले की जांच की जिम्मेदारी दी थी। नासा, UFO से जुड़े मामलों की जांच के लिए एक्पर्ट की एक टीम बना रही है। अंतरिक्ष एजेंसी उन पुराने मामलों को भी टटोलेगी, जो पब्लिक डोमेन में हैं। राष्ट्रीय सुरक्षा को देखते हुए नासा इस जांच को तेजी से पूरा करना चाहती है कि UFO देखे जाने के कितने मामले प्रासंगिक हैं और भविष्य में कितना अलर्ट रहने की जरूरत है। बताया जाता है कि रूस भी UFO देखे जाने के मामलों की जांच कर रहा है।
हालांकि यूक्रेन में देखे जा रहे UFO को वहां हो रहे युद्ध से जोड़कर नहीं देखा जा रहा। अमेरिका कह चुका है कि ऐसे कई ऑब्जेक्ट चीन और रूस की हाईटेक मिलिट्री टेक्नॉलजी भी हो सकती है। हालांकि अब अमेरिकी कांग्रेस भी मानती है कि सभी UFO मानव निर्मित नहीं होते। मौजूदा पेपर में यूएफओ की दो कैटिगरी के बारे में लिखा गया है। इनमें से एक को रिसर्चर्स ने फैंटम बताया है। यह एक तरह की ब्लैक बॉडी है, जो उसे पर पड़ने वाले हर तरह के रेडिएशन को अवशोषित कर लेती है। रिसर्चर्स का कहना है कि यूएफओ की स्पीड इतनी तेज थी कि उनकी तस्वीर तक खींचना मुमकिन नहीं हो पा रहा था। इसके बावजूद उन्होंने यूएफओ को स्पॉट करने की पूरी कोशिश की।
बताया गया है कि आसमान में 10 से 12 किलोमीटर ऊंचाई पर यह ऑब्जेक्ट्स दिखाई दिए, जिनका साइज 3 से 12 मीटर तक हो सकता है। हालांकि यह कहना आसान होगा कि ये ये रॉकेट, मिसाइल या संघर्ष में इस्तेमाल किए गए अन्य हथियार हो सकते हैं। लेकिन वैज्ञानिकों का कहना है कि यह स्पष्ट नहीं है कि वे क्या हैं।