अनआइडेंटिफाइड फ्लाइंग ऑब्जेक्ट्स यानी UFO के मामलों को रिपोर्ट करने के लिए अमेरिका में इस साल जुलाई में पेंटागन का नया ऑफिस बनाया गया था। इस ऑफिस को UFO से जुड़ी सैकड़ों रिपोर्ट मिली हैं। जानकारी के अनुसार, ऑल-डोमेन अनोमली रेजॉलूशन ऑफिस (AARO) को अमेरिकी सैन्य कर्मियों द्वारा सैकड़ों की संख्या में UFO देखे जाने की रिपोर्ट दी गई हैं। हालांकि AARO की ओर से स्पष्ट किया गया है कि उन्हें एलियंस लाइफ के कोई सबूत अभी तक नहीं मिले हैं।
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न्यूज एजेंसी की खबर के अनुसार, यह ऑफिस आसमान के साथ-साथ पानी और अंतरिक्ष में दिखाई देने वाले UFO को ट्रैक करने के लिए जिम्मेदार है। UFO देखे जाने के नए मामलों की जानकारी अमेरिका की सेना, नौसेना और वायुसेना के कर्मचारियों द्वारा दी गई है। रिपोर्टों में UFO, UAP आदि के बारे में बताया गया है।
AARO का काम अमेरिकी सेना द्वारा रिपोर्ट कराए गए UFO के मामलों की जांच करना है। ऐसा कोई भी ऑब्जेक्ट जो अंतरिक्ष में, हवा में, जमीन पर, समुद्र में या समुद्र के नीचे दिखाई देता है और उसे पहचाना नहीं जा सकता, उसकी जांच करना AARO का काम है। हालांकि पेंटागन ने नवंबर में ही बताया था कि उसने UFO से जुड़ी कई रिपोर्ट्स को सुलझा लिया है और ज्यादातर UFO के चीन व रूस का संभावित ड्रोन होने की उम्मीद है। जानकारी के अनुसार, AARO इस साल की गई अपनी जांच के बारे जल्द एक डिटेल रिपोर्ट पेश कर सकता है।
गौरतबल है कि दुनिया में UFO को लेकर सबसे ज्यादा बहस अमेरिका में होती है। वहां के कई सांसद, आम नागरिक भी UFO और एलियंस के वजूद को स्वीकार करते हैं। UFO और उससे जुड़े खतरों से खुद को बचाने पर भी अमेरिका काम कर रहा है। वहां के टॉप एयरोस्पेस इंजीनियर और साइंटिस्ट लोगों को UFO से सुरक्षित करने के लिए काम कर रहे हैं। अमेरिका में एक प्रोजेक्ट शुरू किया जा रहा है, जिसके तहत UAP (अनआइडेंटिफाइड एरियल फिनॉमिना) को स्टडी किया जाएगा। अमेरिकी प्रशासन इस बात को स्वीकार करने लगा है कि UAP और UFO जैसी चीजें मिलिट्री और कमर्शल एयरक्राफ्ट के लिए सुरक्षा खतरा पैदा करते हैं। नए प्रोजेक्ट का मकसद उस खतरे को कम करना है।
अमेरिकन इंस्टीट्यूट ऑफ एरोनॉटिक्स एंड एस्ट्रोनॉटिक्स और नासा (Nasa) ने एक टेक्नॉलजी को स्टडी करने के लिए 3 कमिटियों की स्थापना की है, जो यह समझेगी कि घुसपैठ की वजह से पायलट और यात्रियों की सुरक्षा कैसे प्रभावित होती है। कमिटी में शामिल एक पूर्व नौसेना लड़ाकू पायलट रयान ग्रेव्स ने कहा कि हम एक नए क्षेत्र में कदम रख रहे हैं।