जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप (James Webb Space Telescope) अंतरिक्ष में तैनात सबसे बड़ी दूरबीन है। इस टेलीस्कोप ने ब्रह्मांड की अनदेखी तस्वीरों को दुनिया को दिखाया है। टेलीस्कोप ने एक और अविश्वसनीय इमेज को कैप्चर किया है, जिसमें 45 हजार आकाशगंगाएं (galaxies) एक फ्रेम में मौजूद हैं। टेलीस्कोप ने जिस एरिया को स्कैन किया, उसे गुड्स-साउथ (GOODS-South) कहा जाता है। हालांकि इस इलाके की तस्वीर पहले भी सामने आई है। 30 साल से अंतरिक्ष में मौजूद हबल टेलीस्कोप (Hubble telescope) ने पूर्व में इस इलाके को कैमरे में कैद किया था।
यूनिवर्सिटी ऑफ एरिजोना की
रिपोर्ट के अनुसार, JWST एडवांस्ड डीप एक्सट्रैगैलेक्टिक सर्वे प्रोग्राम या JADES के तहत तस्वीर खींची गई। प्रोग्राम के तहत 32 दिनों में उन आकाशगंगाओं और तारों को कैमरे में कैद किया जाएगा, जो बहुत दूर स्थित हैं। गौरतलब है कि खगोलविद लंबे वक्त से यह समझने की कोशिश कर रहे हैं कि
ब्रह्मांड में तारों और आकाशगंगाओं का निर्माण कैसे हुआ।
यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर मार्सिया रीके ने कहा कि इस सर्वे प्रोग्राम के साथ हम बहुत सारे सवालों के जवाब देना चाहते हैं। जैसे- शुरुआती आकाशगंगाओं को खुद को कैसे असेंबल किया। कितनी तेजी से तारों का निर्माण किया। कुछ आकाशगंगाओं ने तारों का निर्माण क्यों बंद कर दिया। JADES टीम ने सैकड़ों ऐसी आकाशगंगाओं की खोज की है जो उस समय मौजूद थीं, जब ब्रह्मांड 6 करोड़ साल से भी कम पुराना था। इन आकाशगंगाओं की संख्या टेलीस्कोप के पूर्व में लगाए अनुमानों से कहीं ज्यादा है।
क्या है जेम्स वेब स्पेस टेलिस्कोप
जेम्स वेब स्पेस टेलिस्कोप अंतरिक्ष में तैनात अबतक का सबसे बड़ा टेलीस्कोप है। नासा ने दिसंबर 2021 में इसे लॉन्च किया था। जेम्स वेब के निर्माण में 10 अरब डॉलर (लगभग 75,330 करोड़ रुपये) की लागत आई है। यह दूरबीन डीप स्पेस की कई शानदार तस्वीरें दिखा चुकी है। जेम्स वेब टेलिस्कोप ने अपना काम पिछले साल जून में शुरू किया था, तब तक यह खुद को अंतरिक्ष में सेट कर रहा था। यह टेलिस्कोप भविष्य में हबल टेलिस्कोप को रिप्लेस करेगा, जो बीते करीब 30 साल से अंतरिक्ष में है।
नासा ने शुरू की आगे की तैयारी
जेम्स वेब टेलिस्कोप को अपना काम शुरू किए हुए अभी एक साल ही हुआ है और नासा ने अगले टेलिस्कोप की तैयारी शुरू कर दी है। इसे लॉन्च करने में करीब 2 दशक यानी 20 साल लग सकते हैं। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी ने अपने पिछले मिशनों से जो सीखा है, उसी के आधार पर नए टेलिस्कोप को तैयार किया जाएगा।