धरती से 400 किलोमीटर ऊपर थे साइंटिस्‍ट, सामने दिखी ‘जानलेवा’ चुनौती, उठाना पड़ा यह कदम, जानें

International Space Station : मलबे की टक्‍कर से बचने के लिए आईएसएस की कक्षा को 900 मीटर तक ऊपर कर दिया गया।

विज्ञापन
Written by प्रेम त्रिपाठी, अपडेटेड: 13 नवंबर 2023 12:53 IST
ख़ास बातें
  • इंटरनेशनल स्‍पेस स्‍टेशन पर बाल-बाल बचे साइ‍ंटिस्‍ट
  • कक्षीय मलबे की चपेट में आने से बचा स्‍पेस स्‍टेशन
  • ऊंचाई में बदलाव कर स्‍पेस स्‍टेशन की टक्‍कर रोकी गई

स्‍पेस में आने वाला मलबा सैटेलाइट्स के लिए चिंता की बड़ी बात है।

धरती से 400 किलोमीटर ऊपर अंतरिक्ष में तैनात होकर पृथ्‍वी का चक्‍कर लगा रहा इंटरनेशनल स्‍पेस स्‍टेशन (ISS) अंतरिक्ष यात्रियों के लिए उनका दूसरा घर है। स्‍पेस स्‍टेशन में वैज्ञानिकों की एक टीम हमेशा तैनात रहती है और वहां से कई तरह के स्‍पेस मिशनों को पूरा करती है। धरती का चक्‍कर लगाते समय स्‍पेस स्‍टेशन को कई तरह की चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। सबसे बड़ी चुनौती होती है खत्‍म हो चुके सैटेलाइट्स के मलबे की। ये मलबा अंतरिक्ष में घूमता रहता है और कई बार स्‍पेस स्‍टेशन के सामने आ जाता है। हाल में ऐसा ही हुआ। स्‍पेस स्‍टेशन कक्षीय मलबे (orbital debris) की चपेट में आने से बच गया। यह सब तब हुआ, जब एक कार्गो शिप, स्‍पेस स्‍टेशन में पहुंचने वाला था।   

न्‍यूज एजेंसी TASS ने रूसी स्‍पेस एजेंसी रोस्कोस्मोस को हवाले से यह इन्‍फर्मेशन दी है। बताया जाता है कि मलबे की टक्‍कर से बचने के लिए आईएसएस की कक्षा को 900 मीटर तक ऊपर कर दिया गया। शुरुआती आंकड़ों के अनुसार, स्‍पेस स्‍टेशन की कुल ऊंचाई पृथ्‍वी से 417.98 किलोमीटर हो गई थी। 

हालांकि नासा ने इस बारे में कुछ नहीं कहा है। स्‍पेस में आने वाला मलबा सैटेलाइट्स के लिए चिंता की बड़ी बात है। इस साल ऐसा दूसरी बार हुआ है जब मलबे की टक्‍कर से बचने के लिए आईएसएस की कक्षा में बदलाव किया गया। आंकड़े बताते हैं कि साल 1999 के बाद से पिछले साल दिसंबर तक आईएसएस की कक्षा में 32 बार बदलाव किया गया है, ताकि उसे अंतरिक्ष में मलबे के साथ टक्‍कर होने से बचाया जा सके। 

इंटरनेशनल स्‍पेस स्‍टेशन कई देशों का जॉइंट प्रोजेक्‍ट है। इसमें अमेरिका और रूस भी शामिल हैं। आईएसएस पर अंतरिक्ष यात्रियों का एक दल हमेशा तैनात रहता है और विज्ञान से जुड़े प्रयोगों व दूसरे कामों को पूरा करता है। आईएसएस पूरी पृथ्‍वी का चक्‍कर लगाता है। यह जिन देशों के ऊपर से गुजरता है, उसकी जानकारी शेयर करता है। भविष्‍य में स्‍पेस स्‍टेशन को डीऑर्बिट यानी हटाने की तैयारी है। 

नासा कह चुकी है क‍ि आईएसएस को साल 2030 और 2031 के बीच हटा दिया जाएगा। नासा का कहना है कि वह  इंटरनेशनल स्‍पेस स्‍टेशन के बिजनेस से बाहर निकल जाएगी। 
 
 

लेटेस्ट टेक न्यूज़, स्मार्टफोन रिव्यू और लोकप्रिय मोबाइल पर मिलने वाले एक्सक्लूसिव ऑफर के लिए गैजेट्स 360 एंड्रॉयड ऐप डाउनलोड करें और हमें गूगल समाचार पर फॉलो करें।

Advertisement
Popular Brands
#ट्रेंडिंग टेक न्यूज़
  1. Samsung की AI वाली वॉशिंग मशीन, कपड़ों को गीला किए बिना करेगी साफ, प्रेस करने का भी झंझट खत्म!
#ताज़ा ख़बरें
  1. हाइवे पर फ्री AC रूम, Wi-Fi और शॉवर, बस भरवाना है फ्यूल; बुकिंग सीधा मोबाइल ऐप से
  2. Vivo T4 Pro vs Realme 15 5G vs Nothing Phone 3a: 30 हजार में कौन सा है बेस्ट
  3. Samsung की AI वाली वॉशिंग मशीन, कपड़ों को गीला किए बिना करेगी साफ, प्रेस करने का भी झंझट खत्म!
  4. ऑनलाइन डिजिटल स्कैम के शिकार तो नहीं हुए आप? ऐसे करें ऑनलाइन शिकायत
  5. Gmail पर Spam Email को ऐसे करें Block, स्टोरेज भी हो जाएगी खाली, फॉलो करें ये स्टेप्स
  6. Motorola G06 में मिल सकता है MediaTek Helio G81 Extreme चिपसेट
  7. भारत में एपल ने की 9 अरब डॉलर की रिकॉर्ड सेल्स, iPhones की बड़ी हिस्सेदारी 
  8. Motorola ने लॉन्च किया Book 60 Pro, 14 इंच OLED डिस्प्ले, जानें प्राइस, स्पेसिफिकेशंस
  9. Motorola ने पेश किया Edge 60 Neo, 6.4 इंच pOLED डिस्प्ले, जानें प्राइस, स्पेसिफिकेशंस
  10. TCL ने लॉन्च किया 7.2-इंच डिस्प्ले वाला NxtPaper 60 Ultra, इसमें है आंखों की सेफ्टी के लिए स्पेशल टेक्नोलॉजी, जानें कीमत
Download Our Apps
Available in Hindi
© Copyright Red Pixels Ventures Limited 2025. All rights reserved.