वर्तमान में हमारी जिंदगी स्मार्टफोन के ऊपर काफी निर्भर करती है। आज से एक दशक पहले जब स्मार्टफोन का चलन भारत में शुरू ही हुआ था, किसी ने नहीं सोचा था कि आज हमारे कई काम स्मार्टफोन पर पूरी तरह से निर्भर करेंगे। हालांकि, टेक्नोलॉजी भी चीते की रफ्तार से आगे बढ़ रही है, जिसके चलते Noika के CEO का मानना है कि 2030 तक इंसान स्मार्टफोन पर निर्भर नहीं रहेगा, क्योंकि इसकी जगह बेहद पेचिदा टेक्नोलॉजी से बने गैजेट्स लेंगे। उन्होंने टेक्नोलॉजी जगत के कई दिग्गजों के साथ हुई एक मीटिंग में इस बात पर 6G के साथ-साथ टेक्नोलॉजी से जुड़े कई विषयों पर अपनी राय रखी।
दावोस में हुए World Economic Forum में एक राउंड टेबल
बातचीत में Nokia के CEO Pekka Lundmark ने कहा है कि लोग 2030 तक स्मार्टफोन पर निर्भर नहीं रह सकते हैं। उन्होंने कहा कि 2030 के अंत तक 6G आ जाएगा, लेकिन यह स्मार्टफोन की महत्व को खत्म कर सकता है। Lundmark के अनुसार, यूजर्स स्मार्टफोन के जरिए 6G नेटवर्क तक नहीं पहुंच पाएंगे, लेकिन इस टेक्नोलॉजी के जरिए कुछ ऐसा डेवलप किया जाएगा, जो सीधे इंसानों के शरीर के साथ जुड़ेगा।
इवेंट में उन्होंने कहा, (अनुवादित) "तब [2030] तक, स्मार्टफोन, जैसा कि हम आज जानते हैं, सबसे आम इंटरफेस नहीं होगा। इनमें से कई चीजें सीधे हमारे शरीर में बनेंगी।” यहां उन्होंने किसी डिवाइस के बारे में स्पष्ट रूप से न बताते हुए केवल इतना बताया कि स्मार्ट ग्लास और चेहरे पर पहने जाने वाले डिवाइस को ज्यादा पसंद किया जाएगा।
Lundmark के बयान को कई लोग गंभीरता से नहीं लेंगे, लेकिन हम यह भी जानते हैं कि टेक्नोलॉजी से जुड़ी कई बड़ी कंपनियां पिछले कई वर्षों से ऐसे गैजेट्स डेवलप करने की कोशिश कर रही हैं, जिन्हें आंखों पर पहना जा सकता है और उसके जरिए स्मार्टफोन द्वारा प्राप्त होने वाली कई सर्विस व फीचर्स को एक्सेस किया जा सकता है। यहां तक कि एलन मस्क (Elon Musk) की Nuralink कंपनी भी एक ऐसे डिवाइस पर काम कर रही है, जो सीधा इंसानी दिमाग में फिट हो सकता है, जिसके जरिए मशीनों और अन्य इंसानों के साथ सीधा संपर्क किया जा सकता है।
2021 में, Nueralink ने एक
वीडियो भी शेयर किया था, जिसमें एक बंदर अपने मन के जरिए पिंग पोंग खेल रहा था, जिससे यह पता चला था कि इस तकनीक के जरिए इंसान भी भविष्य में दूर से फोन या कंप्यूटर को कंट्रोल करने में सक्षम होंगे।