अब तक के सबसे सस्ते आईफोन को
लॉन्च कर दिया गया है। हम बात कर रहें
आईफोन एसई की। चुनिंदा मार्केट में तो इसकी प्री-ऑर्डर बुकिंग भी शुरू हो चुकी है। भारत में इस हैंडसेट की कीमत क्या होगी? लॉन्च की तारीख क्या है? इस संबंध में भी जानकारी सार्वजनिक हो चुकी है। जिन लोगों को इस हैंडसेट का बेसब्री से इंतज़ार था, उन्होंने अब तक तय कर लिया होगा कि इसे ख़रीदना फायदे का सौदा है या नहीं। वैसे, ऐप्पल फैन क्लब को इतनी भी मशक्कत करने की ज़रूरत नहीं पड़ेगी।
(देखें:
आईफोन एसई की तस्वीरें)
आज की तारीख में जाने-अनजाने में आईफोन स्टेटस सिंबल बन चुका है। कई लोग इसे क्लास से जोड़कर देखते हैं, जैसे कि ऐप्पल के एक विज्ञापन में कहा गया था- If You Don't Have An iPhone, You Don't Have An iPhone. (अगर आपके पास आईफोन नहीं है, तो आपके पास आईफोन नहीं)। यह भी हकीकत है कि ज्यादतर यूज़र के लिए आईफोन की तरफ खिंचे चले जाने के पीछे इसकी कीमत थी। ज्यादा कीमत ने पहले सबको चौंकाया, फिर लुभाया। शुरुआत में लोग इसे स्टेटस सिंबल के तौर पर इस्तेमाल करने लगे और धीरे-धीरे आम यूज़र भी इसे पाने की कोशिश में लग गए। इस बीच यूज़र को इस बात का भी एहसास होने लगा कि आईफोन की कीमत थोड़ी ज्यादा है। इसका असर कंपनी की सेल पर भी दिखा। ऐप्पल भारतीय मार्केट में उतनी तेजी से पांव पसारने में कामयाब नहीं रही है, जिसकी उम्मीद उसे रही होगी। दूसरी तरफ, आईफोन 5एस के स्क्रीन साइज की लोकप्रियता भी लगातार बरकरार रही। इन सब बातों को ध्यान में रखते हुए कंपनी ने 4 इंच डिस्प्ले वाला 'बजट' या 'सस्ता' आईफोन पेश करने का फैसला किया। क्या इस हैंडसेट के बूते कंपनी भारत जैसे उभरते मार्केट में अपनी पैठ बनाने में कामयाब रहेगी? यह तो आने वाले में साफ हो पाएगा। लेकिन कीमत, स्पेसिफिकेशन और वैल्यू फॉर मनी जैसे मानकों को ध्यान में रखा जाए तो आईफोन एसई कई मामलों में चूकता नज़र आता है।
हैंडसेट की खूबियों और कमियों के बारे में कुछ भी विचार बनाने से पहले कुछ बातें आपके लिए जानना ज़रूरी है। भारत में आईफोन एसई के
16 जीबी वेरिएंट की कीमत 39,000 रुपये है। 64 जीबी वेरिएंट की कीमत के बारे में अभी पता नहीं चल पाया है। भारत में यह 8 अप्रैल से उपलब्ध होगा।
कीमतः जेब तो अब भी ढीली होगी39,000 रुपये। यह कीमत है ऐप्पल के अब तक के सबसे सस्ते आईफोन की। भारतीय मार्केट में इसे बजट तो दूर मिड-रेंज सेगमेंट में भी नहीं माना जाएगा। कैशबैक या एक्सचेंज ऑफर नहीं मिले तो किसी भी यूज़र के लिए इतने पैसे खर्चना तो प्रीमियम सेगमेंट के हैंडसेट के लिए पैसे निकालने के बराबर है। ध्यान रहे कि हम बात कर रहे हैं 16 जीबी वेरिएंट की। ऐप्पल के पुराने आईफोन मॉडल के अलग-अलग स्टोरेज वेरिएंट की कीमतों के अंतर को गौर किया जाए तो आईफोन एसई के 64 जीबी वेरिएंट की कीमत 49,000 रुपये होनी चाहिए। इतना तो साफ है कि कीमतें बहुत उत्साहित नहीं करतीं। सच तो यह है कि प्रोडक्ट लॉन्च होने के बाद से यह सबसे ज्यादा निराश करने वाला पहलू बनकर सामने आया है।
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आईफोन एसई की पहली झलक)
स्पेसिफिकेशन: नई बोतल में पुरानी शराबआप जब किसी गैजेट के लिए इतने पैसे खर्चते हो तो कुछ नए फ़ीचर की उम्मीद जरूर करोगे। पर ऐसा नहीं होने वाला। कंपनी पहले ही साफ कर चुकी है कि इसके ज्यादातर स्पेसिफिकेशन आईफोन 6एस वाले हैं। और आईफोन 6एस मॉडल का फ्लैगशिप फ़ीचर 3डी टच डिस्प्ले तो है भी नहीं। प्रोसेसर, कैमरा, डिजाइन और अन्य फ़ीचर को देखकर यही कहा जा सकता है कि आईफोन एसई 'नई बोतल में पुरानी शराब' से ज्यादा और कुछ भी नहीं। हां, अगर आपने कभी भी आईफोन का इस्तेमाल नहीं किया तो आपके लिए सबकुछ नया है। लेकिन यह भी गौर करने वाली बात है कि आज की तारीख में 4.7 इंच डिस्प्ले वाला आईफोन 6एस हैंडसेट (16 जीबी + स्पेस ग्रे) अमेज़न की साइट पर करीब 40,900 रुपये में उपलब्ध है। यानी मात्र 2,000 रुपये अधिक खर्चकर आप बड़ा स्क्रीन, 3डी टच डिस्प्ले, और भी कई अन्य फ़ीचर पा सकते हैं।
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आईफोन एसई के बारे में जानें सबकुछ)
स्टोरेजः इतने में क्या होगाकोई भी आईफोन यूज़र यही सुझाव देता है कि कि कुछ भी हो जाए, 16 जीबी वेरिएंट मत लेना। यानी आईफोन एसई का 64 जीबी वेरिएंट ही एक मात्र विकल्प रह जाता है। आईफोन की सबसे बड़ी खामी इसमें माइक्रोएसडी कार्ड के लिए सपोर्ट नहीं मौजूद होना है। इस कीमत में ज्यादातर एंड्रॉयड हैंडसेट 32 जीबी की स्टोरेज के साथ आते हैं। अगर आप उन यूज़र में से हैं जो हैंडसेट पर दो तीन पावरफुल गेम इंस्टॉल करना व म्यूजिक लाइब्रेरी स्टोर पसंद करते हैं तो ऐसे में आपके पास करीब 49,000 रुपये और खर्चने के अलावा कोई और उपाय नहीं है।
स्क्रीन: भारत में बड़ा ही बेहतर हैआईफोन एसई को लॉन्च करने के दौरान ऐप्पल ने बताया था कि उसने 2015 में 3 करोड़ से ज्यादा 4 इंच वाले आईफोन मॉडल बेचे हैं। लेकिन भारतीय मार्केट की स्थिति कुछ और ही हकीकत बयान करती है। भारत में बेचे गए 46 फीसदी स्मार्टफोन में 5 इंच या उससे ज्यादा बड़े स्क्रीन हैं। और अगर आपने कभी 5 इंच या उससे बड़े स्क्रीन साइज का इस्तेमाल किया है तो 4 इंच वाले फोन को इस्तेमाल करना आसान नहीं होगा। सही कहें तो बेहद ही अटपटा लगेगा। छोटे स्क्रीन पर टाइप करना परेशानी का सबब बन जाएगा। आप गेम खेलना या वीडियो देखना, उतना पसंद नहीं करेंगे। हालांकि, स्क्रीन साइज कम हो जाने के कारण फोन कॉम्पेक्ट तो ज़रूर होता है लेकिन इसका असर यूज़र एक्सपीरियंस पर तो पड़ेगा ही।