गूगल ने गुजराती, पंजाबी, मलयालम और कन्नड़ सहित नौ और भारतीय भाषाओं के लिए सपोर्ट उपलब्ध करा दिया है। अब पहले से ज़्यादा लोग अपनी पसंद की भाषा में इंटरनेट का इस्तेमाल कर सकेंगे। गूगल ट्रांसलेट से लेकर जीबोर्ड ऐप तक में बदलाव किए गए हैं। इसके साथ ही गूगल सर्च में अब हिंदी डिक्शनरी फ़ीचर को भी जोड़ा गया है। गूगल जीबोर्ड ऐप अब 22 से भी ज़्यादा भारतीय भाषाओं के सपोर्ट के साथ आता है। बता दें कि गूगल ने पिछले महीने ही अपनी ट्रांसलेशन सर्विस में मशीन लर्निंग आधारित ट्रांसलेशन को जोड़ा था।
‘न्यूरल मशीन ट्रांसलेशन’ पर आधारित यह प्रणाली अंग्रेजी और नौ व्यापक रूप से इस्तेमाल होने वाली भारतीय भाषाओं हिंदी, बांग्ला, मराठी, तमिल, तेलुगू, गुजराती, पंजाबी, मलयालम और कन्नड़ में अनुवाद कर पाएगी।
नई 'न्यूरल मशीन ट्रांसलेशन' तकनीक पूरे वाक्य का अनुवाद करेगी। इससे पहले गूगल अलग-अलग शब्दों का अनुवाद कर वाक्य को टुकड़ों में बांट देता था। अब नई तकनीक से बेहतर अनुवाद उपलब्ध हो सकेगा। यह नई अनुवाद क्षमता गूगल सर्च और मैप के लिए मोबाइल और डेस्कटॉप दोनों पर उपलब्ध होगी। गूगल ट्रांसलेशन सर्विस को ऐप डाउनलोड कर और सीधे वेबसाइट से इस्तेमाल किया जा सकता है।
गूगल क्रोम ब्राउज़र के बिल्ट-इन ट्रांसलेसन फ़ीचर में भी सुधार किया गया है। गूगल क्रोम में भी न्यूरल मशीन ट्रांसलेशन तकनीक को जोड़ दिया गया है। ऊपर बताई गईं नई नो भारतीय भाषाओं का सपोर्ट भी आ गयाा है। अब किसी पेज को पहले से ज़्यादा बेहतर क्वालिटी के साथ भारतीय भाषाओं में पढ़ा जा सकेगा।
पिछले साल लॉन्च हुए गूगल के लोकप्रिय जीबोर्ड में भी अब 11 नई भारतीय भाषाओं के सपोर्ट को जोड़ दिया गया है। अब यह कुल 22 भारतीय भाषाओं को सपोर्ट करता है। नए अपडेट के साथ जीबोर्ड में टेक्स्ट एडिटिंग टूल जैसे सेलेक्ट, कॉपी और पेस्ट को जोड़ा गया है। इसके अलावा कीबोर्ड के बटन को भी आसानी से छोटा-बड़ा किया जा सकता है। यानी टाइपिंग पहले से ज़्यादा आसान होगी।
सर्च इंजन ने गूगल सर्च में हिंदी डिक्शनरी का विकल्प दे दियाय है। अब सर्च से ही किसी हिंदी शब्द का अर्थ पता लग जाएगा। गूगल के मुताबिक, यह ट्रांसलिट्रेशन भी सपोर्ट करता है। यानी हिंदी शब्द को रोमन में लिखने पर हिंदी में अर्थ बताएगा।
गूगल के उपाध्यक्ष भारत एवं दक्षिण पूर्व एशिया राजन आनंदन ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘भारत में 23.4 करोड़ भारतीय भाषा के प्रयोगकर्ता हैं, जो ऑनलाइन हैं, जबकि अंग्रेजी वेब के प्रयोगकर्ताओं की संख्या 17.5 करोड़ है। अगले चार साल में 30 करोड़ और भारतीय भाषाओं के प्रयोगकर्ताओं के ऑनलाइन आने की उम्मीद है।