World Wide Web Google Doodle: वर्ल्ड वाइड वेब की 30वीं सालगिरह

World Wide Web Google Doodle: 30th Anniversary of World Wide Web। आज World Wide Web की 30वीं वर्षगांठ है। गूगल ने अपने अंदाज़ में डूडल बनाकर World Wide Web की 30वां बर्थडे बनाया है।

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गैजेट्स 360 स्टाफ, अपडेटेड: 12 मार्च 2019 12:35 IST
ख़ास बातें
  • World Wide Web Google Doodle बेहतरीन आइडिया को सम्मान देता है
  • World Wide Web का आइडिया देने वाले रिसर्चर थे सर टिम बर्नर्स ली
  • टिम बर्नर्स ली ने 1989-90 में पहली बार वर्ल्ड वाइड वेब का आइडिया था

World Wide Web का आइडिया टिम बर्नर्स ली ने दिया

आज World Wide Web की 30वीं वर्षगांठ है। गूगल ने अपने अंदाज़ में डूडल बनाकर World Wide Web की 30वां बर्थडे बनाया है। वर्ल्ड वाइड वेब की शुरुआत यूरोप के रिसर्च सेंटर CERN में काम करने वाले ब्रिटिश भौतिक विज्ञानी टिम बर्नर्स ली (Tim Berners-Lee) ने की। उनकी इस खोज ने दुनिया को पूरी तरह से बदल कर रख दिया। Google ने इस खास मौके पर Doodle बनाकर उस सिस्टम का सम्मान किया है जो मुफ्त इंफॉर्मेशन एक्सचेंज के लिए बना ग्लोबल सिस्टम है। World Wide Web Google Doodle से साफ है कि शुरुआती दिनों में कनेक्टेड कंप्यूटर किस तरह से पिक्सेलेटेड टेक्स्ट और ग्राफिक्स के साथ आते हैं। बता दें कि टिम बर्नर्स ली ने 1989-90 में पहली बार वर्ल्ड वाइड वेब का आइडिया था। शायद उस वक्त उन्हें भी अंदाज़ा नहीं होगा कि यह भविष्य में कितना बड़ा बन जाएगा।

World Wide Web Google Doodle उस बेहतरीन आइडिया को सम्मान देता है। इसके अलावा डूडल का आर्टवर्क ब्लॉकी ग्राफिक्स और बॉक्स जैसे कंप्यूटर मशीन की हकीकत से रूबरू कराता है। 30th Anniversary Of The World Wide Web के मौके पर हम यह भी सोचने के लिए मजबूर हैं कि स्थिति किस स्तर तक बदल चुकी है। कहां शुरुआती दिनों में हम धीमे इंटरनेट पर आश्रित थे। आज 5जी नेटवर्क की चर्चा ज़ोरों पर है।

World Wide Web का आइडिया देने वाले सर टिम बर्नर्स ली (Sir Tim Berners-Lee) ने ऑक्सफोर्ड के क्वीन्स कॉलेज में पढ़ाई की है। बाद में वे यूरोप के रिसर्च सेंटर CERN से जुड़े। वे एक सिस्टम बनाना चाहते थे जिसमें रिसर्चर्स के बीच आसानी से इंफॉर्मेशन का लेन-देन हो सके। शुरुआत में CERN में उनके आइडिया  से हाइपरटेक्स्ट आधारित सिस्टम Mesh बना।

World Wide Web से जुड़ी कुछ अहम बातें
स्विटजरलैंड में यूरोपीय नाभिकीय अनुसंधान संगठन (CERN) में नौकरी करने के दौरान टिम बर्नर्स ली ने ब्राउजर कंप्यूटर प्रोग्राम लिखा। वर्ल्ड वाइड वेब प्रोजेक्ट का रिसर्च पेपर 6 अगस्त 1991 को टिम बर्नर्स ली द्वारा पब्लिश किया गया। इस रिसर्च पेपर ने ही इंटरनेट की नींव रखी। पहले उनके रिसर्च पेपर पर आधारित मांग को CERN में लागू किया गया। इसके बाद रिसर्च संगठन के सभी रिसर्चर्स एक कनेक्शन से जुड़े। दूसरे सस्थान के भी कई रिसर्चर्स के साथ आने के बाद 6 अगस्त को इंटरनेट का जन्म हुआ। पहली वेबसाइट http://info.cern.ch थी।
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