भारत दुनिया के उन देशों में से है, जहां लोगों को टेस्ला (Tesla) कारों का इंतजार है। भारत में टेस्ला कार कब तक लॉन्च होगी, इस बारे में कंपनी के प्रमुख एलन मस्क (Elon Musk) ने अपनी बात रखी है। रॉयटर्स के मुताबिक, ट्विटर पर एक सवाल के जवाब में गुरुवार को एलन मस्क ने कहा कि टेस्ला भारत में ‘अभी भी सरकार के साथ कई चुनौतियों का सामना कर रही है'। पिछले साल टेस्ला ने भारत में इम्पोर्टेड कारों की सेल शुरू करने की योजना बनाई थी। कंपनी इंडियन मार्केट में एंट्री करने से पहले इलेक्ट्रिक गाडि़यों (EV) पर इम्पोर्ट टैक्स को कम करने के लिए सरकार की लॉबिंग कर रही है। अक्टूबर में कंपनी ने प्रधानमंत्री कार्यालय से भी इसके लिए अनुरोध किया था।
हालांकि अपने हालिया ट्वीट में एलन मस्क ने मौजूदा ‘चुनौतियों' के बारे में नहीं बताया है।
प्रीमियम EV के लिए इंडियन मार्केट अभी अपने शुरुआती दौर में है और देश में चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर भी डेवलप नहीं हुआ है। पिछले साल भारत में बिकने वालीं 2.4 मिलियन कारों में से सिर्फ 5,000 इलेक्ट्रिक थीं। इनमें से कुछ लग्जरी मॉडल थे।
भारत में इलेक्ट्रिक व्हीकल समेत बाकी इम्पोर्ट होने वाली कारों पर 100 फीसदी तक आयात शुल्क लगाया जाता है। एलन मस्क पहले ही कह चुके हैं कि यह दुनिया में सबसे ज्यादा है। विश्लेषकों ने कहा है कि इससे टेस्ला कारें भारतीय खरीदारों के लिए बहुत महंगी हो जाएंगी और कार की बिक्री में कमी आएगी।
टैक्स में कटौती करने की मांग को पहली बार जुलाई में रॉयटर्स ने रिपोर्ट किया था। हालांकि टेस्ला की इस मांग का भारत के कई ऑटो मेकर्स ने विरोध किया है। उनका कहना है कि इससे डोमेस्टिक मैन्युफैक्चरिंग में निवेश पर असर पड़ेगा।
अमेरिकी ऑटोमेकर टेस्ला की मांगों को लेकर भारत सरकार के अधिकारी भी बंटे हुए हैं। कुछ अधिकारी चाहते हैं कि कंपनी लोकल मैन्युफैक्चरिंग का वादा करे, लेकिन टेस्ला ने संकेत दिया है कि वह पहले इम्पोर्ट की गई कारों के जरिए इंडियन मार्केट को परखना चाहती है।
इस बीच लग्जरी कार मेकर मर्सिडीज-बेंज (Mercedes-Benz) इस साल के अंत में भारत में अपनी प्रमुख एस-क्लास सेडान, EQS के इलेक्ट्रिक वर्जन को असेंबल करना शुरू कर देगी। अनुमान है कि भारत अगले कुछ साल में इलेक्ट्रिक व्हीकल के बड़े मार्केट के तौर पर उभरने वाला है।