दुनिया भर में लगभग पांच अरब लोग स्मार्टफोन्स का इस्तेमाल करते हैं। हाई-स्पीड इंटरनेट के साथ इन डिवाइसेज से लोगों के लिए आसानी हुई है लेकिन इनके पास यूजर्स की बहुत सी जानकारी का एक्सेस भी होता है। इससे स्कैम होने का खतरा भी रहता है। ऐप्स पर बढ़ती निर्भरता ने इस खतरे को बढ़ा दिया है।
नीदरलैंड की कंप्यूटर सपोर्ट फर्म Threat Fabric ने एक
रिपोर्ट में कुछ ऐप्स की जानकारी दी है जो यूजर्स के लिए बड़ा खतरा बन सकते हैं। रिसर्चर्स ने एक नए ट्रोजन की पहचान की है जो Android डिवाइसेज में पहुंचाया जा रहा है। यह यूजर्स की लॉगिन डिटेल्स, एकाउंट नंबर और अन्य वित्तीय जानकारियों को चुरा सकता है। Threat Fabric ने पांच एंड्रॉयड ऐप्स को डिवाइसेज से तुरंत हटाने की सलाह दी है। ये ऐप्स File Manager Small, Lite, My Finances Tracker, Zetter, Codice Fiscale और Images & Videos हैं।
रिपोर्ट में कहा गया है, "एंड्रॉयड बैंकिंग ट्रोजन को डिस्ट्रीब्यूट करने का यह तरीका बहुत खतरनाक है क्योंकि पीड़ितों को इसके बारे में देर से पता चलता है और वे अपने बैंक को उनकी जानकारी के बिना हुई संदिग्ध ट्रांजैक्शंस को लेकर सतर्क नहीं कर पाते। इस वजह से ऐसे ऐप्स की जल्द पहचान करना महत्वपूर्ण है।" अमेरिका, ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया, जर्मनी, पोलैंड, स्पेन और इटली जैसे देशों में इस ट्रोजन का डिस्ट्रीब्यूशन बढ़ा है।
भारत में इंटरनेट सर्च इंजन Google को केंद्र सरकार ने गैर कानूनी लेंडिंग ऐप्स का इस्तेमाल रोकने के लिए कड़े नियम लागू करने के लिए कहा है। मिनिस्ट्री ऑफ इलेक्ट्रॉनिक्स एंड इनफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी ((MeitY) और रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ( RBI) ने गूगल को इन ऐप्स पर लगाम लगाने का
निर्देश दिया है। डिजिटल लेंडिंग सेगमेंट में धोखाधड़ी के मामले बढ़ने के बाद RBI ने हाल ही में लेंडर्स से डिजिटल लेंडिंग सर्विसेज के लिए कड़े नियम बनाने को कहा था। इसका उद्देश्य बॉरोअर्स को जालसाजी से सुरक्षित करना था। गूगल ने फाइनेंशियल सर्विसेज ऐप्स के लिए अपनी स्टोर डिवेलपर प्रोग्राम पॉलिसी में बदलाव किया है। इसमें पर्सनल लोन ऐप्स के लिए अतिरिक्त शर्तें शामिल हैं। गैर कानूनी डिजिटल लेंडिंग प्लेटफॉर्म्स पर लगाम लगाने के लिए सरकार और RBI ने गूगल से स्क्रूटनी बढ़ाने और यह पक्का करने के लिए कहा है कि केवल रेगुलेटर से स्वीकृति वाले लोन ऐप्स ही गूगल प्ले स्टोर पर डाउनलोड के लिए उपलब्ध हों। इसके साथ ही गूगल से इन ऐप्स के वेबसाइट्स और डाउनलोड के अन्य जरियों से डिस्ट्रीब्यूशन को भी कम करने के लिए कहा गया है।