बढ़ते प्रदूषण के स्तर को देखते हुए इलेक्ट्रिक व्हीकल ही एक मात्र विकल्प नजर आता है। मगर जब बात इलेक्ट्रिक व्हीकल खरीदने की आती है तो यह किसी सामान्य इंटरनल कंब्यूशन इंजन पेट्रोल या डीजल पर चलने वाले व्हीकल से काफी महंगे होते हैं। मगर यह सिर्फ एक बार में खरीदने पर ही ज्यादा है, लेकिन इसे चलाने का खर्च काफी कम है। देश की सरकार इलेक्ट्रिक वाहनों को खरीद में अधिक किफायती बनाने के लिए कई प्रकार के वित्तीय सब्सिडी प्रदान करती है। यहां हम आपको बता रहे हैं कि इलेक्ट्रिक व्हीकल्स पर वित्तीय सब्सिडी किस प्रकार मिलती है।
इलेक्ट्रिक व्हीकल खरीदने के फायदे
अगर कोई भी व्यक्ति इलेक्ट्रिक व्हीकल खरीदता है तो उसे इस प्रकार के
लाभ मिल सकते हैं:
खरीद सब्सिडी: इलेक्ट्रिक वाहन की कीमत पर सीधे छूट दी जाती है।
कूपन: वित्तीय सब्सिडी जो कि बाद में मिलती है।
ब्याज सबवेंशन: लोन लेते हुए ब्याज दर पर दी जाने वाली छूट
रोड टैक्स छूट: खरीद के समय रोड टैक्स माफ होता है।
रजिस्ट्रेशन चार्ज में छूट: नए वाहन की खरीद पर रजिस्ट्रेशन चार्ज माफ होता है।
इनकम टैक्स लाभ: टैक्स राशि पर भी छूट मिलती है।
इलेक्ट्रिक व्हीकल की खरीद पर लोन लेने के लिए 1.5 लाख रुपये तक ब्याज के भुगतान का इनकम टैक्स में छूट का लाभा लिया जा सकता है। इनकम टैक्स की धारा 80EEB के जरिए यह लाभ मिलता है।
टू-व्हीलर पर डिस्काउंट: बैटरी क्षमता 2 kWh
टू-व्हीलर पर प्रति kWh पर 15 हजार रुपये होता है जो कि व्हीकल की कॉस्ट का अधिकतम 40 प्रतिशत होता है।
थ्री-व्हीलर पर डिस्काउंट: बैटरी क्षमता 5 kWh
थ्री-व्हीलर पर प्रति kWh पर 10 हजार रुपये की छूट होती है।
4-व्हीलर पर डिस्काउंट: बैटरी क्षमता 15 kWh
4-व्हीलर पर प्रति kWh पर 10 हजार रुपये की छूट होती है।
ई-बस पर डिस्काउंट: बैटरी क्षमता 250 kWh
ई-बस पर सरकारी छूट प्रति kWh पर 20 हजार रुपये होती है।