SpiceJet एयरलाइंस के सौकड़ों यात्रियों के विभिन्न एयरपोर्ट्स पर फंसे होने की खबर है। इसका कारण रैंसमवेयर अटैक बताया जा रहा है, जिससे बुधवार को सुबह की उड़ान प्रभावित हुई। एयरलाइंस ने इस अटैक की पुष्टि की है। इस अटैक के चलते स्पाइसजेट का सिस्टम प्रभावित हुआ था। कंपनी ने यह भी पुष्टि की है कि अब स्थिति को कंट्रोल और अटैक को फिक्स कर दिया गया है।
SpiceJet के प्रवक्ता ने इस घटनाक्रम की पुष्टि करते हुए बताया कि मंगलवार की रात रैनसमवेयर अटैक ने आज सुबह उड़ानों के प्रस्थान को धीमा कर दिया। स्पाइसजेट ने प्रस्थान में देरी पर कई सवाल मिलने के बाद कंपनी ने ट्वीट किया, (अनुवादित) "कुछ स्पाइसजेट सिस्टम को कल रात एक रैंसमवेयर हमले का सामना करना पड़ा, जिसने आज सुबह की उड़ान को प्रभावित और धीमा कर दिया। हमारी आईटी टीम ने स्थिति को नियंत्रित और ठीक कर लिया है और उड़ानें सामान्य रूप से चल रही हैं।"
इस बीच, आज जैसे ही एयरपोर्ट पर फंसे यात्रियों ने देरी की शिकायत की, तो ग्राउंड स्टाफ ने उन्हें सूचित किया कि 'सर्वर डाउन है'। यात्रियों में से एक रेणु तिलवानी (Renu Tilwani) ने ट्वीट किया कि बेंगलुरु के लिए एक फ्लाइट, जो सुबह 9.30 बजे उड़ान भरने वाली थी, अब दोपहर 1.30 बजे उड़ान भरेगी। हालांकि, अधिकारी तकनीकी खराबी के बारे में जानकारी नहीं दे रहे हैं, यह कहते हुए कि वे घटना को ट्रैक करने में असमर्थ हैं।
2020 में, स्पाइसजेट कथित तौर पर एक सिक्योरिटी फ्लॉ से प्रभावित हुआ था, जिसने उड़ान की जानकारी सहित 1.2 मिलियन से अधिक यात्रियों की निजी जानकारी को एक्सपोज किया था। कहा जाता है कि ये जानकारियां एक अनएन्क्रिप्टेड डेटाबेस फाइल में पाई गई थी, जब एक सिक्योरिटी रिसर्चर ने एक स्पाइसजेट सिस्टम को पासवर्ड को ब्रूट फोर्स करके एक्सेस किया था।
जैसा कि TechCrunch द्वारा रिपोर्ट किया गया था, इस सिक्योरिटी ब्रीच को एक सिक्योरिटी रिसर्चर ने अंजाम दिया था, जिसका नाम पब्लिकेशन ने नहीं दिया है, क्योंकि उन्होंने अमेरिकी कंप्यूटर हैकिंग कानूनों का उल्लंघन किया है। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि रिसर्चर ने स्पाइसजेट के सिस्टम को हैक करने के लिए ब्रूट फोर्स तरीके का इस्तेमाल किया। जिन्हें नहीं पता, उन्हें बता दें कि यह एक ऐसा तरीका होता है, जिसमें सैकड़ों रैंडम पासवर्ड को सिस्टम पर चलाया जाता है और सही पासवर्ड का अनुमान लगाया जाता है। सिस्टम में पिछले महीने तक 1.2 मिलियन से अधिक यात्रियों की निजी जानकारी के साथ एक अनएन्क्रिप्टेड बैकअप फाइल थी, जिसमें नाम, फोन नंबर, ईमेल पता, जन्म तिथि और उड़ान की जानकारी जैसी अहम जानकारियां शामिल थी।