अपकमिंग G-Class इलेक्ट्रिक कारों में नई बैटरी टेक्नोलॉजी का यूज करेगी Mercedes-Benz

Mercedes-Benz ने कहा कि स्टार्ट-अप Sila Nanotechnologies द्वारा बनाई गई बैटरी, सिलिकॉन-आधारित एनोड का इस्तेमाल करती है और वर्तमान में उपलब्ध तुलनीय सेल्स की तुलना में 20-40 प्रतिशत अधिक एनर्जी डेंस है।

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गैजेट्स 360 स्टाफ, अपडेटेड: 18 मई 2022 19:33 IST
ख़ास बातें
  • Mercedes-Benz ने Sila Nanotechnologies के साथ मिलाया हाथ
  • Sila द्वारा बनाई गई बैटरी सिलिकॉन-आधारित एनोड का इस्तेमाल करती है
  • मौजूदा बैटरी की तुलना में 20-40 प्रतिशत अधिक एनर्जी डेंस होगी नई बैटरी

Sila Nanotechnologies कंपनी को एक पूर्व-टेस्ला इंजीनियर द्वारा स्थापित किया गया है

Mercedes-Benz के पोर्टफोलियो में दमदार और लग्जरी इलेक्ट्रिक कार मौजूद हैं। कंपनी ने हाल ही में भारत में भी अपनी इलेक्ट्रिक कार EQC को लॉन्च किया था। अब, कंपनी की लेटेस्ट घोषणा से पता चला है कि मर्सेडीज़-बेंज़ 2025 से अपनी अपकमिंग इलेक्ट्रिक G-Class कारों में एक खास अत्यधिक एनर्जी-डेंस बैटरी पैक को शामिल करेगी। कंपनी का मानना है कि वर्तमान में बड़ी इलेक्ट्रिक कारों को वजनी बैटरी पैक के बिना कैसे बिजली दी जाए, इस समस्या का समाधान करना होगा।

समाचार एजेंसी Reuters के अनुसार, Mercedes-Benz ने कहा कि स्टार्ट-अप Sila Nanotechnologies द्वारा बनाई गई बैटरी, सिलिकॉन-आधारित एनोड का इस्तेमाल करती है और वर्तमान में उपलब्ध तुलनीय सेल्स की तुलना में 20-40 प्रतिशत अधिक एनर्जी डेंस है।

मर्सेडीज़-बेंज़ पहली कंपनी नहीं है, जिसने सिलिकॉन-आधारित एनोड से लैस बैटरी बनाने की बात कही है। इससे पहले 2020 में, Tesla ने भी अपनी बैटरी में इस टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करने की बात कही थी। रिपोर्ट बताती है कि सिलिकॉन सामान्य तौर पर बैटरी में इस्तेमाल किए जाने वाले ग्रेफाइट का एक अच्छा विकल्प है, जिसमें से 70 प्रतिशत चीन से आता है। कहीं न कहीं यही कारण है कि अब इलेक्ट्रिक मोबिलिटी में अपना वर्चस्व बनाने वाली कंपनियां बैटरी को लेकर नए, सस्ते और एनर्जी-डेंस समाधान खोज रही है।

मर्सिडीज-बेंज कैलिफोर्निया स्थित बैटरी स्टार्ट-अप सिला नैनोटेक्नोलॉजीज का पहला सार्वजनिक रूप से घोषित ऑटोमोटिव ग्राहक है, जिसने मई की शुरुआत में कहा था कि वह वाशिंगटन में एक नए प्लांट में कम से कम करोड़ों डॉलर का निवेश कर रहा है, जिसे 2024 में बनकर तैयार होना है।

Reuters के मुताबिक, एक पूर्व-टेस्ला इंजीनियर द्वारा स्थापित Sila ने पिछले साल अतिरिक्त 590 मिलियन डॉलर (लगभग 4,575 करोड़ रुपये) जुटाए, जिससे इसका वैल्यूएशन अनुमानित $3.3 बिलियन (लगभग 25,593 करोड़ रुपये) हो गया था।
 

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