महाराष्ट्र देश के उन पहले कुछ राज्यों में से एक है, जिसने इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए बनी FAME-II EV पॉलिसी को बनाया और राज्य में लागू किया था। यह पॉलिसी फरवरी 2018 में जारी की गई थी। इस निति के जरिए सरकार ने निर्माता और खरीदार दोनों को लाभ पहुंचाने की कोशिश की है, जिससे न केवल स्टार्टअप्स व कंपनियों को इलेक्ट्रिक वाहनों (Electric Vehicles) को बनाने में मदद मिले, बल्कि लाभ के चलते ज्यादा से ज्यादा ग्राहक इस सेगमेंट की ओर अपना कदम बढ़ाए। हालांकि, इस पॉलिसी के चलते भी राज्य में इलेक्ट्रिक वाहनों की मांग में खासा बढ़ोतरी देखने को नहीं मिली। कहीं न कहीं इसका दोष खराब चार्जिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर को भी देना बनता है। लेकिन, अब उत्पादन और मांग में बढ़ोतरी की एक और उम्मीद लिए राज्य सरकार ने इस मौजूदा EV पॉलिसी में बदलाव किए गए हैं।
Maharashtra EV Policy 2021 में स्टार्टअप्स व कंपनियों के साथ-साथ ग्राहकों का भी ध्यान रखा गया है। इस पॉलिसी की मुख्य उद्देश्य बैटरी से चलने वाले इलेक्ट्रिक वाहनों को तेज़ी से अपनाना है, जिसके लिए सरकार ने 2025 तक 10 प्रतिशत EV लाने का लक्ष्य भी रखा है। पॉलिसी में टैक्सी (फ्लीट सर्विस) का भी ध्यान रखा गया है। इस सेगमेंट को बढ़ावा देने के लिए 2025 तक बाज़ार में 25 प्रतिशत BEV लाने का लक्ष्य है। इतना ही नहीं, परिवहन विभाग मौजूदा बसों में से 15 प्रतिशत को इलेक्ट्रिक बनाने की योजना बना चुका है।
ग्राहकों के फायदे की बात करें, तो आसान लोन और कम ब्याज दर को लेकर सरकार वित्तीय शिक्षण संस्थानों और बैंक्स के साथ बात भी कर रही है। दोपहिया और तिपहिया वाहनों के लिए अधिकतम लाभ क्रमश: 10,000 रुपये और 30,000 रुपये निर्धारित किया गया है। इसी तरह, चार पहिया वाहनों के लिए सबसे अधिक प्रोत्साहन 1.50 लाख रुपये है। ग्राहक 31 दिसंबर, 2021 से पहले ऑटोमोबाइल खरीदने पर अर्ली बर्ड डिस्काउंट के भी हकदार होंगे।
हालांकि, बात यहां एक बार फिर चार्जिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर की आती है, जिसका सामाधान इस पॉलिसी में किया गया है। नई पॉलिसी कहती है कि राज्य में हर 3 किलोमीटर के दायरे में एक पब्लिक चार्जिंग स्टेशन बनाया जाएगा। यदि यह कदम जल्दी उठाया गया, तो निश्चित तौर पर आने वाले समय में बड़े पैमाने में लोग इलेक्ट्रिक व्हीकल की ओर अपना रुख कर सकते हैं।
पॉलिसी के अनुसार, कई पड़ावों में राज्य के सभी शहरों तक वाहनों के इलेक्ट्रिफिकेशन का काम शुरू किया जाएगा और 2022 से बड़े शहरों के सभी सरकारी वाहन को इलेक्ट्रिक में तबदील कर दिया जाएगा।