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LinkedIn के खिलाफ चल रहा केस हुआ रद्द, जानें क्या आरोप था इस ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर

सैन होज़े, कैलिफोर्निया स्थित जज ने यह भी कहा कि लिंक्डइन का "सटीक विज्ञापन मेट्रिक्स" देने का कोई कर्तव्य नहीं था।

LinkedIn के खिलाफ चल रहा केस हुआ रद्द, जानें क्या आरोप था इस ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर

LinkedIn के खिलाफ यह मुकदमा नवंबर 2020 में शुरू हुआ था

ख़ास बातें
  • LinkedIn के ऊपर यह मुकदमा नवंबर 2020 को दायर किया गया था
  • जज ने अगस्त में विज्ञापनदाताओं के कुछ दावों को खारिज कर दिया था
  • अन्य सभी दावों के साथ मुकदमे को अब पूरी तरह खारिज कर दिया गया है
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पिछले कुछ समय से अमेरिका में माइक्रोसॉफ्ट (Microsoft) के स्वामित्व वाला ऑनलाइन प्लेटफॉर्म LinkedIn के खिलाफ न्यालय में एक केस चल रहा था, जो सोमवार को खारिज कर दिया गया। दरअसल, विज्ञापनदाताओं का आरोप है कि लिंक्डइन अपने प्लेटफॉर्म पर वीडियो ऐड देखने वाले लोगों की संख्या को बढ़ाता है, ताकि नेटवर्किंग प्लेटफॉर्म विज्ञापनदाताओं से अधिक शुल्क वसूल सके।

Reuters की रिपोर्ट के मुताबिक, सोमवार को एक फैसले में, अमेरिकी मजिस्ट्रेट जज सुसन वैन यूलेन (Susan van Keulen) ने कहा कि हालांकि लिंक्डइन के कुछ बयान मिसलीडिंग हो सकते हैं, लेकिन शिकायतकर्ता भी अपने पर्याप्त कानूनी उपायों को पेश करने से चूकें हैं। बता दें शिकायतकर्ताओं ने कैलिफोर्निया के दो कानूनों के तहत इस मुकदमे को शुरू किया था।

सैन होज़े, कैलिफोर्निया स्थित जज ने यह भी कहा कि लिंक्डइन का "सटीक विज्ञापन मेट्रिक्स" देने का कोई कर्तव्य नहीं था। उन्होंने कंपनी के डिस्क्लेमर का हावाला देते हुए बताया कि कंपनी किसी क्लिक फ्रॉड या अवैध थर्ड-पार्टी एक्टिविटी के लिए जिम्मेदार नहीं है।

शिकायतकर्ताओं ने लिंक्डइन पर यूज़र्स के LinkedIn ऐप से वीडियो ऐड "व्यूज़" की गणना करके अपने मेट्रिक्स को बढ़ाने का आरोप लगाया और बताया कि ऐसा तब भी होता था जब यूज़र्स उन वीडियो को स्क्रॉल कर देते थे, जिसके बाद वो केवल ऑफ-स्क्रीन पर चलाते थे।

मुकदमा तब शुरू हुआ जब LinkedIn ने नवंबर 2020 में कहा था कि उसके डेवलपर्स ने सॉफ्टवेयर बग्स को ठीक कर दिया है, जिसके कारण 418,000 से अधिक ओवरचार्ज हो सकते हैं, जो कि $25 (लगभग 1,870 रुपये) से कम है। लिंक्डइन ने कहा था कि कंपनी लगभग सभी प्रभावित विज्ञापनदाताओं को क्रेडिट देगी।

जज वैन केयूलेन ने अगस्त में विज्ञापनदाताओं के कुछ दावों को खारिज कर दिया था जबकि अन्य को आगे बढ़ने दिया था। अब, आखिर में इस पूरे मुकदमे को खारिज कर दिया गया है।
 
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