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वायुसेना को मिलेगी 550m प्रति सेकेंड स्पीड वाली सुपरसोनिक रैंपेज मिसाइल, सीमा में रहकर होगा दुश्मन का खात्मा!

रैंपेज मिसाइल को चार की संख्या में किसी भी फाइटर जेट पर लोड किया जा सकता है।

वायुसेना को मिलेगी 550m प्रति सेकेंड स्पीड वाली सुपरसोनिक रैंपेज मिसाइल, सीमा में रहकर होगा दुश्मन का खात्मा!

रैंपेज मिसाइल की टेस्टिंग के लिए गोवा में टेस्टिंग फैसिलिटी बनाई जा रही है।

ख़ास बातें
  • रैंपेज मिसाइल ऐसी मिसाइल है जो हवा से जमीन पर वार करती है।
  • इसकी लम्बाई 15 फीट है और वजन में यह 570 किलोग्राम की है।
  • यह RS-170 इंटरफेस पर वीडियो ट्रांसमिशन को सपोर्ट करती है।
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भारतीय वायुसेना में जल्द ही रैंपेज मिसाइल शामिल हो जाएगी। रैंपेज मिसाइल ऐसी मिसाइल है जो हवा से जमीन पर वार करती है। इसकी लम्बाई 15 फीट है और वजन में यह 570 किलोग्राम की है। इसके लिए जल्द ही टेस्टिंग की जाएगी जिसके बाद इसे भारतीय वायुसेना का हिस्सा बना दिया जाएगा। मिसाइल की खास बात है कि यह जीपीएस द्वारा कंट्रोल की जा सकती है। भारत ने इसे इजरायल से लिया है। इसके बारे में कहा जाता है कि यह रडार की पकड़ में भले ही आ जाए लेकिन इसको इंटरसेप्ट कर पाना बहुत मुश्किल है। यह RS-170 इंटरफेस पर वीडियो ट्रांसमिशन को सपोर्ट करती है।

रैंपेज मिसाइल (Rampage Missile) की टेस्टिंग के लिए गोवा में तैयारी की जा रही है, जहां पर इसकी टेस्टिंग फैसिलिटी को डेवलप किया जा रहा है। चिकलम में इसे तैयार किया जा रहा है। इंडियन डिफेंस रिसर्च विंग ने इसकी जानकारी अपनी अधिकारिक वेबसाइट पर दी है। यह RS-170 इंटरफेस पर वीडियो ट्रांसमिशन को सपोर्ट करती है। साथ ही यह वायरलेस कम्यूनिकेशन को भी सपोर्ट करती है। यह प्रीसाइज सुपरसोनिक मिसाइल है जो लंबी दूरी की मारक क्षमता के साथ बनाई गई है। यह हवा से जमीन पर वार करती है यानि कि इसे पहले एयरजेट पर लोड करके ले जाना पड़ता है और हवा में से दागा जाता है। इस मिसाइल को ईरान के एस 300 डिफेंस सिस्टम के जवाब में तैयार किया गया था। 

मिसाइल को इजरायल की एरोस्पेस कंपनी ने बनाया है। इसके लिए कहा गया है कि यह किसी भी तरह के मौसम में छोड़ी जा सकती है। यानि कि आंधी तूफान जैसी विषम परिस्थितियों में भी मिसाइल अपने टारगेट से चूक नहीं सकती है। इस तरह की मिसाइलों का किसी देश को तब फायदा होता है जब वह अपनी सीमा में रहकर ही दुश्मन के किसी खास ठिकाने पर वार करना चाहता है। मिसाइल को रडार पकड़ सकता है लेकिन तेज स्पीड होने के कारण दुश्मन इसे इंटरसेप्ट नहीं कर पाएगा और अपनी मिसाइल से नष्ट भी नहीं कर पाएगा। 

रैंपेज मिसाइल को चार की संख्या में किसी भी फाइटर जेट पर लोड किया जा सकता है। यह जीपीएस पर चलती और उसी से इसे कंट्रोल भी किया जा सकता है। इसका गाइडेंस नेविगेशन एडवांस है यह जैमिंग भी इस पर संभव नहीं है। यानि कि किसी भी तरह की छेड़छाड़ करके बीच रास्ते में इसकी दिशा बदलना संभव नहीं है। एक बार टारगेट पर सेट करने के बाद यह 350 से 550 मीटर प्रति सेकेंड की स्पीड चलती है और मिनटों में दुश्मन के ठिकाने को नष्ट कर सकती है। 

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हेमन्त कुमार

हेमन्त कुमार Gadgets 360 में सीनियर सब-एडिटर हैं और विभिन्न प्रकार के ...और भी

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