खर्च पर कंट्रोल के लिए स्टाफ को बोनस की पेमेंट में देरी करेगी Google

गूगल को चलाने वाली Alphabet ने बताया कि नए परफॉर्मेंस मैनेजमेंट सिस्टम के हिस्से के तौर पर यह किया जा रहा है

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Written by आकाश आनंद, अपडेटेड: 20 जनवरी 2023 13:56 IST
ख़ास बातें
  • कंपनी के स्टाफ को इस बारे में पिछले वर्ष जानकारी दी गई थी
  • इससे गूगल को अपनी कॉस्ट को अगली तिमाही में ले जाने में मदद मिलेगी
  • भारत में भी गूगल के लिए मुश्किलें बढ़ रही हैं

कंपनी वर्कर्स को 80 प्रतिशत एडवांस बोनस की पेमेंट करेगी और बाकी का हिस्सा बाद में मिलेगा

ऑनलाइन सर्च से जुड़ी Google अपने स्टाफ को वर्ष के अंत में मिलने वाले बोनस के एक हिस्से की पेमेंट को टाल रही है। गूगल को चलाने वाली Alphabet ने बताया कि वर्कर्स के लिए नए परफॉर्मेंस मैनेजमेंट सिस्टम में बदलाव के हिस्से के तौर पर यह किया जा रहा है। कंपनी पात्र वर्कर्स को 80 प्रतिशत एडवांस बोनस की पेमेंट करेगी और बाकी का हिस्सा बाद में दिया जाएगा। 

कंपनी के प्रवक्ता ने Reuters को बताया कि स्टाफ को इस बारे में पिछले वर्ष जानकारी दी गई थी। डिमांड में कमी और इकोनॉमिक स्थितियों के खराब होने के कारण बहुत सी टेक कंपनियां अपने खर्च को घटाने में जुटी हैं। Alphabet ने छंटनी की भी शुरुआत की है। इसका असर कंपनी की हेल्स साइंसेज डिविजन में 200 से अधिक वर्कर्स पर पड़ा है। Amazon, फेसबुक को चलाने वाली Meta और माइक्रोसॉफ्ट ने हजारों वर्कर्स की छंटनी की है। 

गूगल के वर्कर्स को एडवांस बोनस जनवरी में दिया जाएगा और बाकी का 20 प्रतिशत मार्च या अप्रैल में मिल सकता है। इससे गूगल को अपनी कॉस्ट को अगली तिमाही में ले जाने में मदद मिलेगी। अगले वर्ष से कंपनी में सभी बोनस का भुगतान मार्च में करने की योजना है। इससे पहले गूगल में पूरे बोनस की पेमेंट वर्ष के पहले महीने में की जाती थी। क्लाइंट्स के खर्च कम करने की वजह से क्लाउड सॉफ्टवेयर और सर्विसेज इंडस्ट्री की ग्रोथ पर असर पड़ा है। गूगल को ऐड सेल्स में कमी से भी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। स्लोडाउन के कारण बहुत सी कंपनियों ने एडवर्टाइजिंग पर खर्च घटाया है।

भारत में भी गूगल के लिए मुश्किलें बढ़ रही हैं। कंपनी को सुप्रीम कोर्ट से गुरुवार को बड़ा झटका लगा था। कोर्ट ने कंपनी पर कॉम्पिटिशन विरोधी तरीकों के इस्तेमाल के लिए लगाई गई लगभग 1338 करोड़ रुपये की पेनल्टी पर रोक लगाने से इनकार कर दिया। कॉम्पिटिशन कमीशन ऑफ इंडिया (CCI) ने एंड्रॉयड के इकोसिस्टम में दबदबे वाली स्थिति का गलत इस्तेमाल करने के कारण गूगल पर यह पेनल्टी लगाई थी। कंपनी ने इसके खिलाफ नेशनल कंपनी लॉ अपीलेट ट्राइब्यूनल (NCLAT) में अपील की थी। NCLAT ने पेनल्टी पर अंतरिम रोक लगाने से मना कर दिया था। इसके बाद गूगल ने NCLAT के ऑर्डर को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। सुप्रीम कोर्ट ने कंपनी को NCLAT के ऑर्डर के तहत पेनल्टी की 10 प्रतिशत रकम एक सप्ताह में जमा करने को कहा है।  
 
 

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