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चैटबॉट AI Bard ने दिया इस सवाल का गलत जवाब! Google को हुआ 8 हजार अरब रुपये से ज्यादा का नुकसान!

चैटबॉट का अपना दिमाग नहीं होता है, बल्कि ये पहले से मौजूद डेटा से फीड होते हैं।

चैटबॉट AI Bard ने दिया इस सवाल का गलत जवाब! Google को हुआ 8 हजार अरब रुपये से ज्यादा का नुकसान!

Google की ओर से इसका AI चैटबॉट Bard हाल ही में लॉन्च किया गया है।

ख़ास बातें
  • Google की पेरेंट Alphabet ने हाल ही में AI Bard को लॉन्च किया है
  • AI Bard ने एक सवाल का गलत जवाब दे दिया
  • जिसकी वजह से कंपनी को 100 अरब डॉलर के लगभग नुकसान हुआ
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Google की पेरेंट Alphabet ने हाल ही में AI Bard को लॉन्च किया है जिसकी वजह से कंपनी को 100 अरब डॉलर के लगभग नुकसान उठाना पड़ गया। AI Bard ने एक सवाल का गलत जवाब दे दिया जिसके कारण टेक दिग्गज कंपनी को भारी नुकसान उठाना पड़ गया। इसके कारण इसके शेयरों में कई प्रतिशत गिरावट दर्ज की गई। क्या है पूरा मामला, हम आपको बताते हैं। 

Google की ओर से इसका AI चैटबॉट Bard हाल ही में लॉन्च किया गया है। यह अभी एक्सपेरिमेंटल फेज में है। रॉयटर्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, एक विज्ञापन के दौरान इस चैटबॉट से सवाल किया गया, जिसका उसने गलत जवाब दिया। चैटबॉट से सवाल किया गया- "जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कॉप (JWST) की कौन सी नई खोजों के बारे में 9 साल के बच्चे को बताना चाहिए? इसके जवाब में बार्ड ने लिखा कि जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप का इस्तेमाल हमारे सौर मंडल के बाहर के ग्रहों की तस्वीरें लेने में किया गया। यह उत्तर गलत माना गया क्योंकि एग्जोप्लेनेट्स की पहली तस्वीरें यूरोपियन ऑब्जर्वेटरी के बहुत बड़े टेलीस्कोप के माध्यम से ली गई थीं। 

AI Bard के गलत जवाब के कारण कंपनी के शेयरों में 8 प्रतिशत के लगभग गिरावट आ गई। इसके चलते कंपनी को 100 अरब डॉलर (लगभग 8,250 अरब रुपये) का नुकसान हुआ। एआई बार्ड अभी एक्सपेरिमेंटल फेज में है और यह LaMDA (लैंग्वेज मॉडल फॉर डायलॉग एप्लिकेशन) पर आधारित है। इसे OpenAI के चैटजीपीटी (ChatGPT) के कंपीटिशन में उतारा गया है। चैट बॉट यानि कि बात कर सकने वाले रोबोट। ये आर्टिफिशिअल इंटेलिजेंस यानि कि बनावटी बुद्धिमत्ता पर आधारित होते हैं। ये ऐसे डिवाइसेज हैं जिनसे लोग बात कर सकते हैं। 

चैटबॉट का अपना दिमाग नहीं होता है, बल्कि ये पहले से मौजूद डेटा से फीड होते हैं। जब इनसे कोई सवाल किया जाता है तो ये इसी डेटा से जानकारी इकट्ठा कर उस सवाल का जवाब देते हैं। चैटजीपीटी ने भी शुरुआती दिनों में इसी तरह के सवालों के गलत जवाब दिए थे। ये चैटबॉट मशीन लर्निंग और डाटा एल्गोरिदम के भरोसे काम करते हैं। कहा जाता है कि इनसे गलती की संभावना बिल्कुल न के बराबर होती है, लेकिन फिर मशीन तो आखिर मशीन ही है, इसलिए इन पर 100% भरोसा नहीं किया जा सकता है। 
 
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ये भी पढ़े: AI Bard, AI, AI chatbot
हेमन्त कुमार

हेमन्त कुमार Gadgets 360 में सीनियर सब-एडिटर हैं और विभिन्न प्रकार के ...और भी

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