तमाम एक्स्पर्ट कह चुके हैं कि भारत का इलेक्ट्रिक व्हीकल सेगमेंट आने वाले वक्त में और रफ्तार पकड़ेगा। सरकार भी इस दिशा में तेजी से काम कर रही है। अब कमर्शल इलेक्ट्रिक व्हीकल मैन्युफैक्चरर पीएमआई इलेक्ट्रो मोबिलिटी सॉल्यूशंस (PMI Electro Mobility Solutions) ने कहा है कि दिसंबर 2022 तक भारतीय सड़कों पर 900 इलेक्ट्रिक बसें चलेंगी। कंपनी के मुताबिक वह PMI Electro को देश के सबसे बड़े इलेक्ट्रिक बस फ्लीट ऑपरेटरों में से एक बनाएगी, जो स्वदेशी मैन्युफैक्चरिंग टेक्नॉलजी और ऑन-टाइम डिलीवरी पर बेस्ड है।
पीएमआई इलेक्ट्रो मोबिलिटी में कॉरपोरेट मामलों की प्रमुख मानवी जैन ने एक न्यूज एजेंसी से बातचीत में कहा है कि कंपनी स्टेट ट्रांसपोर्ट अंडरटेकिंग्स की ओर से जारी टेंडर्स के लिए आक्रामक रूप से अपनी बोली लगा रही है। उसे कई राज्यों से एलओए (लेटर ऑफ अवॉर्ड) हासिल हुए हैं।
भारत में कंपनी की करीब 603 इलेक्ट्रिक बसें चल रही हैं। हाल ही में कंपनी को राजकोट नगर परिवहन निगम को 100 इलेक्ट्रिक बसें उपलब्ध कराने और उन्हें 10 साल तक ऑपरेट करने के लिए लेटर ऑफ अवॉर्ड मिला है। मानवी जैन के मुताबिक पीएमआई इलेक्ट्रो मोबिलिटी का मकसद ना सिर्फ टेंडर्स को जीतना है, बल्कि बल्कि समय पर डिलीवरी सुनिश्चित करना भी है। उन्होंने कहा कि जब हम इलेक्ट्रिक व्हीकल देने की बात करते हैं तो हम लीडर्स में से एक हैं। उन्होंने बताया कि कंपनी 2022 में अप्रैल और जून के बीच भारत में इलेक्ट्रिक बसों की डिलीवरी में दूसरे सबसे अच्छे ब्रांड के रूप में उभरी है।
आंकड़े बताते हैं कि पीएमआई इलेक्ट्रो मोबिलिटी देश में सबसे तेजी से बढ़ते इलेक्ट्रिक बस मेकर्स में से एक के रूप में उभरा है। वित्त वर्ष 2022-23 की पहली तिमाही में इसने 126 डिलीवरी के साथ इलेक्ट्रिक बसों की डिलीवरी के मामले में दूसरा स्थान हासिल किया है।
पीएमआई इलेक्ट्रो मोबिलिटी देश के 20 से ज्यादा शहरों में इलेक्ट्रिक बसों का संचालन और रखरखाव करती है। कंपनी का दावा है कि उनकी बसें सिंगल चार्ज में लगभग 200 किमी की रेंज देती हैं और DC फास्ट चार्जर का इस्तेमाल करके लगभग 30 मिनट में चार्ज की जा सकती हैं। इन इलेक्ट्रिक बसों में सीसीटीवी कैमरे, रीयल-टाइम मॉनिटरिंग सिस्टम, एयर सस्पेंशन समेत कई फीचर्स दिए गए हैं।
कंपनी ने हरियाणा के धारूहेड़ा में प्रोडक्शन प्लांट सेटअप किया है। इसकी सालाना प्रोडक्शन कैपिसिटी 1,500 इलेक्ट्रिक बसों की है। कंपनी की योजना मैन्युफैक्चरिंग को और बढ़ाने की है। इसके लिए लगभग 300 करोड़ रुपये के इन्वेस्टमेंट के साथ वह पुणे में एक नई प्रोडक्शन फैसिलिटी लगाने जा रही है। यहां हर साल 2500 यूनिट्स तैयार की जाएंगी।